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  • 50 साल तक अध्यक्ष रहने वाले दक्षिण के इस कद्दावर नेता का निधन

    50 साल तक अध्यक्ष रहने वाले दक्षिण के इस कद्दावर नेता का निधन

     

    चेन्नई। तमिलनाडु के पूर्व सीएम और DMK चीफ मुत्तुवेल करुणानिधि नहीं रहे. 94 साल की उम्र में करुणानिधि ने अपनी आखिरी सांस ली. वो काफी दिनों से बीमार चल रहे थे और चेन्नई के कावेरी अस्पताल में भर्ती थे. शाम 6 बजकर 10 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली. दक्षिण भारत की राजनीति के सबसे बड़े चेहरों में शुमार करुणानिधि 5 बार तमिलनाडु के सीएम रह चुके हैं.

    करुणानिधि 27 जुलाई, 1969 को डीएमके के अध्यक्ष बने थे. ऐसे में वो भारतीय राजनीति में किसी भी पार्टी के पहले ऐसे अध्यक्ष रहे जिन्होंने इस पद पर 50 साल गुजारे.

    महज 14 साल में राजनीति में एंट्री

    ऐसी उम्र में जब बच्चे खेलकूद में लगे रहते हैं, उस उम्र में ही करुणानिधि राजनीति में कदम रख चुके थे. द्रविड़ आंदोलन से जुड़े रहने वाले करुणानिधि की भाषण शैली कमाल की थी. वो कहानी और फिल्मों में स्क्रिप्ट लेखन में भी जुटे रहे. कई तमिल फिल्मों के लिए उन्होंने स्क्रिप्ट लिखी हैं. वो पहली बार 1957 में विधायक चुने गए.

    1969 में पहली बार बने मुख्यमंत्री

    डीएमके संस्थापक अन्नादुरई के निधन के बाद साल 1969 में वो पहली बार तमिलनाडु के सीएम बने. अगले ही विधानसभा चुनाव में उन्हें भारी बहुमत हासिल हुआ. अभी डीएमके के अध्यक्ष के तौर पर करुणानिधि को कुछ ही वक्त हुआ था कि एमजीआर और उनके बीच मतभेद की खबरें आने लगीं.

    साल 1972 में एमजीआर ने DMK से अलग होकर AIADMK बना ली. इसके बाद से ही डीएमके की पूरी कमान करुणानिधि के हाथ में रही. बीच-बीच में उनके बेटों के बीच मतभेद की खबरें आईं, लेकिन इसे सुलझा लिया गया.

    तीन शादियां, विरासत स्टालिन के हाथ

    करुणानिधि की विरासत फिलहाल एमके स्टालिन के हाथों में है. स्टालिन के बड़े भाई एमके अलागिरी ने इसका विरोध किया था, लेकिन करुणानिधि ने विवाद को समय रहते सुलझा लिया. वो अपने सबसे बड़े बेटे एमके मुथू और अलागिरी को एक बार पार्टी से भी निकाल चुके हैं. उनकी तीसरी पत्नी से हुई बेटी कनिमोझी भी डीएमके की कद्दावर सांसद हैं. उन पर वंशवाद के भी आरोप लगते रहे हैं.

  • खूनी संघर्ष मे 4-5 लोंग घायल

    खूनी संघर्ष मे 4-5 लोंग घायल

     

    भरतपुर (राजेेन्द्र जती)। जिले के रुदावल थाना क्षेत्र के गांव नगला तुला में आपसीलेनदेन को लेकर जबरदस्त खूनी संघर्ष हुआ जिसमें 4 – 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और सभी घायलों को जिला आर बी एम अस्पताल में भर्ती कराया गया । जहां पर 60  वर्षीय तुलसीराम की हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर के लिए रेफर कर दिया ।

    रुदावल थाने के ए एस आई सागर सिंह ने बताया कि तुलसीराम और करतार के बीच पैसे के लेनदेन को पुराना विवाद चला रहा था जिसमें आज भी पुराने पैसे के लेनदेन को लेकर दोनों के बीच बातचीत हुई बातचीत ने बड़ा रूप ले लिया।

    जिसमें दोनों तरफ से जमकर लाठियां और फंसे चले जिसमें करीब 5 लोग घायल हो गए हैं ।इस मामले में एक पक्ष की तरफ से पर्चा बयान दिए गए हैं और गांव में पुलिस बल भी तैनात कर दिया है फिलहाल गांव में पूरी तरह से शांति है और दोनों पक्षों में हॉस्पिटल के अंदर झगड़ा ना हो इसको लेकर भी पुलिसहॉस्पिटल में तैनात कर दी गई है।

  • कांग्रेस संगठन में बूथ स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक महिलाओ को अधिक से अधिक भागीदारी दी जाएगी

     

    भरतपुर (राजेन्द्र जती)।  तालकटोरा स्टेडियम दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर की महिला अधिकार रैली का आयोजन किया जिसमें भरतपुर से पूर्व प्रदेश सचिव महिला कांग्रेस,आई.टी.सेल की जिला संयोजक अनीता मीना, जिला अध्यक्ष महिला कांग्रेस रिक्की सिंह,शहर महिला कांग्रेस अध्यक्ष बबीता शर्मा, जिला महासचिव महिला कांग्रेस कश्मीरा सिंह के अलाबा भरतपुर से महिला कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार को महिलाओं को लोकसभा,विधानसभा में 50%आरक्षण देना चाहिए यदि नरेंद्र मोदी सरकार आरक्षण नहीं देगी तो 2019 में कांग्रेस की सरकार बनने पर संसद,विधानसभा में 50%आरक्षण दिया जाएगा साथ ही कांग्रेस संगठन में बूथ स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक महिलाओ को अधिक से अधिक भागीदारी दी जाएगी।

    आने बाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में महिलाओं को अधिक से अधिक टिकिट देने का प्रयास किया जाएगा।राहुल गांधी जी ने महिलाओं को राजनीति में अधिक से अधिक भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

  • निर्माण कार्यो  में भारी अनियमिततओ के बावजूद भुगतान

    निर्माण कार्यो में भारी अनियमिततओ के बावजूद भुगतान

     

    निवाई नगर पालिका निवाई के निर्माण कार्यो के टेंडरो से लेकर कार्यो के निर्माण में भारी अनियमितताओं की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों मेंं दर्ज प्रकरण की जांच अभी शुरु भी नही हुई कि हाल ही में एक ठेकेदार द्वारा लिए गए टेंडर राशि का भुगतान पाईंट लगाकर पत्रावली से लाखों रुपए का भुगतान कर राजकोष को नुकसान पहुंचाने का मामला सामने आते ही ठेकेदारों सहित पार्षदों में भारी रोष व्याप्त हो गया। जिसको लेकर प्रतिपक्ष नेता राजकुमार करनाणी के नेतृत्व में पार्षदों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया है।

    निर्माण शाखा के अभियंताओं एवं अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए ठेकेदारों के साथ साथ पालिका उपाध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष सहित पार्षदों ने निदेशक स्वायत्त शासन विभाग सहित उच्चाधिकारियों के अलावा संपूर्ण पत्रावली भ्रष्टाचार निरोधक विभाग को भी दी है।

    पालिका नेता प्रतिपक्ष राजकुमार करनाणी सहित पार्षदों ने बताया कि पालिका ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत 6 जून 2017 एक निविदा आमंत्रित की थी, जिसमें विभिन्न वार्डो से घरेलू शौचालयों का निर्माण किया जाना था, उन कार्यो में ही वार्ड संख्या 13 एवं 17 में भी यही कार्य का टेंडर था। 4 लाख 93 हजार रुपए के उक्त निविदा बीएसआर दर से 10 फीसदी कम दर पर आदिनाथ कंट्रेक्शन के टेंडर खुला, लिहाजा सभी ठेकेदार अपने अपने कार्यो में लग गए। वार्ड 13 एवं 17 में शौचालयों का निर्माण शुरु हुआ।

    नेता प्रतिपक्ष राजकुमार करनाणी का आरोप है कि जब शौचालय निर्माण का भुगतान किया जाना था तब निर्माण शाखा ने 10 फीसदी दर कम के स्थान पर आगे पाइंट लगा दिया ताकि 10 रुपए के स्थान पर मात्र दस पैसे की ही कटौती हो। बकायदा बिल भी बने और एमबी भी भरी गई।

    नेता प्रतिपक्ष राजकुमार करनाणी ने निदेशक स्वायत्त शासन विभाग बताया कि निर्माण शाखा के अभियंताओं ने बिना राजकोष की परवाह किए भुगतान के दौरान मात्र पाइंट 10 भी नही काटकर भुगतान कर दिया गया।

    निर्माण शाखा के अभियंताओं का कहना है

    निर्माण शाखा के कनिष्ठ अभियंता देशराज मीणा का कहना है कि ये भुगतान मेरे समय का नही है, शायद उस समय जेईएन राजेश मीणा तथा सहायक अभियंता प्रशांत टाटू थे। मिस्त्री धर्मचंद जैन का कहना है कि इस मामले में कोई गड़बड़ नही है, जांच हो जाएगी।

    फर्म पर पहले भी लगे आरोप

    निर्माण कार्य करने वाली फर्म आदिनाथ कंट्रेक्शन पहले भी कई सवालियां निशाने पर रही है। बीएसआर से काफी कम दर पर टेंडर हथियाने के बाद निर्माण में घटिया सामग्री को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों में इस बात की शिकायते हुई है कि अधूरे कार्यो के बावजूद पूरा भुगतान उठा लिया गया।

  • युवासेना इकाई टोंक के मुकेश कश्यप शहर उप प्रमुख व लाला राम सैनी वार्ड उप प्रमुख बने

    युवासेना इकाई टोंक के मुकेश कश्यप शहर उप प्रमुख व लाला राम सैनी वार्ड उप प्रमुख बने

     

    टोंक (रवि सैनी )। शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव साहेब ठाकरे , युवा सेना प्रमुख आदित्य साहेब ठाकरे के निर्देशानुसार व राजस्थान राज्य सम्पर्क प्रमुख राजकुमार बाफना , राजस्थान राज्य प्रमुख राजकुमार गोयल व शिवसेना नेता व प्रदेश प्रभारी राजस्थान भारतीय कामगार सेना रमेश चन्द सैनी रहमानदिया के परामर्श से जिला प्रमुख पांचू लाल सैनी ने शिवसेना कि जिला कार्यकारिणी का विस्तार करते हुये मुकेश कश्यप को शिवसेना कि युवासेना इकाई का टोंक शहर उप प्रमुख व लाला राम सैनी को सरवराबाद वार्ड 45 का उप प्रमुख बनाया।

     

    इस अवसर पर नव नियुक्त पदाधिकारियो का तिलक लगाकर शिव बंधन बांधकर व दुपट्टा पहनाकर विधिवत पदों पर मनोनीत कर नियुक्ति दी।   इस अवसर पर उप जिला प्रमुख मोहन लाल बागड़ी , जिला सचिव राजाराम गुर्जर, टोंक तहसील प्रभारी अजय राजोरा , टोंक शहर प्रमुख राजेन्द्र गुप्ता ,युवासेना जिला संगठन सचिव राजेश प्रजापत , युवासेना टोंक शहर प्रमुख लोकेश जैन , लेखराज चौधरी मुम्बई ,कृष्ण चौधरी,भागचंद चोपड़ा ,टोंक शहर प्रवक्ता नरेश सोनी, पूर्व टोंक शहर युवा प्रमुख निखिल गुप्ता , रामफूल सैनी , धन्ना लाल सैनी , दीपक सैनी , पवन सैनी , सीताराम सैनी , सांवरिया सैनी , अजय सैनी , लोकेश सैनी , जीतराम सहित कई शिवसेना के पदाधिकारी व शिवसैनिक मौजूद रहे सभी ने नव नियुक्त पदाधिकारियों का माला पहनाकर भव्य स्वागत किया।

  • माँ-बाप की सेवा नहीं करते वे इस जन्म में सुखी नहीं होते हैं -संत सुधा सागर

    माँ-बाप की सेवा नहीं करते वे इस जन्म में सुखी नहीं होते हैं -संत सुधा सागर

     

    कर्म करने से खुद को रोक नहीं सकते 

    दूनी (हरि शंकर माली) । देवली उपखण्ड के श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र ‘सुदर्शनोदय’ तीर्थ आँवा मे चल रहे चातुर्मास मे महाराज ससंग मे मुनि श्री सुधा सागर जी ने अपने मंगल प्रवचनों मे कहा की जो मनुष अपने माँ-बाप की सेवा नहीं करते वे इस जन्म में सुखी नहीं होते हैं| जो मनुष्य माँ-बाप का दोष देखे, उनमें कभी बरकत ही नहीं आती। पैसेवाला बने शायद, पर उसकी आध्यात्मिक उन्नति कभी नहीं होती। माँ-बाप का दोष देखने नहीं चाहिए। माँ-बाप की सेवा करना वह धर्म है। वह तो चाहे कैसे भी हिसाब हो, पर यह सेवा करना हमारा धर्म है और जितना हमारे धर्म का पालन करेंगे, उतना सुख हमें उत्पन्न होगा। बुज़ुर्गों की सेवा तो होती है, साथ-साथ सुख भी उत्पन्न होता है। माँ-बाप को सुख दें, तो हमें सुख उत्पन्न होता है। माँ-बाप को सुखी करें, वे लोग सदैव, कभी भी दुखी होते ही नहीं है।

    पुराणो मे कहा गया है माता-पिता के समान श्रेष्ठ अन्य कोई देवता नहीं

    हिंदू धर्म के ऐसे कई पुराणव ग्रंथ हैं जिनमें मानव के हित के लिए कई बातें बताई गई हैं। इन पुराणों में से एक गरुड़ पुराण है।, जिस के द्वारा मानव को यह बताया गया है कि संसार में माता-पिता के समान श्रेष्ठ अन्य कोई देवता नहीं है। मुनिश्री ने अपने प्रवचन मे कहा की संसार में माता-पिता के समान श्रेष्ठ अन्य कोई देवता नहीं है। अत: सदैव सभी प्रकार से अपने माता-पिता की पूजा करनी चाहिए। हितकारी उपदेश देने वाला होने से पिता प्रत्यक्ष देवता है। संसार में जो अन्य देवता हैं, वे शरीरधारी नहीं हैं। इन प्रत्यक्ष देवताओं की सदैव पूजा करना अर्थात सेवा करना और सुखी रखना ही हमारा सर्वोपरि धर्म है। श्री वाल्मीकि रामायण में भी माता-पिता और गुरु को प्रत्यक्ष देवता मानकर सेवा और सम्मान करने का उपदेश दिया गया है। मुनीशरी ने श्री राम का अक प्रसंग सुनाते हुवे बताया की भगवान श्री राम सीता जी से कहते हैं कि हे सीते! माता-पिता और गुरु ये तीन प्रत्यक्ष देवता हैं, इनकी अवहेलना करके अप्रत्यक्ष देवता की आराधना करना कैसे ठीक हो सकता है? जिनकी सेवा से अर्थ, धर्म और काम तीनों की प्राप्ति होती है, जिनकी आराधना से तीनों लोकों की आराधना हो जाती है, उन माता-पिता के समान पवित्र इस संसार में दूसरा कोई भी नहीं है। इसलिए लोग इन प्रत्यक्ष देवता (माता-पिता, गुरु) की आराधना करते हैं।

    जैन धर्म में चातुर्मास की महत्ता

    मुनीश्री ने चातुर्मास की महत्ता पर प्रकाश डालते हुवे कहा की भारत में विभिन्न धर्मों के संत महात्माओं की अपनी-अपनी मान्यताओं और धार्मिक विधानों के अनुसार साधना पद्धतियां, अनुष्ठान और निष्ठाएं परिपक्व हुईं हैं। इन पद्धतियों में चातुर्मास की परम्परा बड़ी महत्वपूर्ण है। वैदिक परम्परा के संतों में भी चातुर्मास की परम्परा चली आ रही है परन्तु जैन धर्म में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। शास्त्रों में उल्लेख है कि संघ पर संकट आने अथवा किसी स्थविर या वृद्ध साधु की सेवा के लिए साधु चातुर्मास में दूसरे स्थान पर जा सकता है अन्यथा उसे चातुर्मास में एक स्थान पर रुकने का शास्त्रीय आदेश है।

    जैन धर्म में चातुर्मास की परम्परा अत्यंत प्राचीन है। स्वयं श्रमण भगवान महावीर ने अपने जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में चातुर्मास किए। उन्होंने अपना अंतिम 42वां चातुर्मास पावापुरी में किया था। यहां उन्होंने अपना अंतिम उपदेश तथा देशनाएं दी थीं जो जैनों के प्रसिद्ध आगम ‘उत्तराहयमन सूत्र’ में संकलित हैं। अपने इस अंतिम चातुर्मास में भगवान महावीर ने अपने प्रधान शिष्य गौतम स्वामी को प्रतिबोध देते हुए कहा था-‘समयं गोयम मा पमाए’

    अर्थात ‘‘हे गौतम! संयम साधना के लिए एक क्षण भी आलस्य मत करो।’’

    भगवान महावीर का यह संदेश केवल गौतम स्वामी के लिए ही नहीं अपितु प्रत्येक साधक के लिए था।

    जैन धर्म में सामाजिक तथा धार्मिक दृष्टि से यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। व्यक्ति और समाज में परपस्पर सम्बद्ध हैं। एक-दूसरे का विकास परस्पर सहयोग से होता है। हमारे साधु-साध्वियां वर्षावास में लोगों को समाज में परस्पर भाईचारे, सद्भावना और आत्मीयता बनाए रखने की प्रेरणा देते हैं। आधुनिक युग संदर्भ में व्यक्ति और समाज की परिस्थितियां बदल गई हैं। जीवन में कुंठाएं, धन लोलुपता और पक्ष राग बढ़ गया है तथा धर्म राग कम हो गया है। फिर भी साधु-साध्वी इसमें संतुलन रखने और मर्यादित जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं जिससे समाज में एकसुरता बनी रहती है। धार्मिक दृष्टि से तप, जप, स्वाध्याय, दान, उपकार और सेवा आदि प्रवृत्तियों को प्रश्रय देना उनका ध्येय भी है और कर्तव्य भी, क्योंकि साधु-साध्वियां समाज के अधिक निकट होते हैं और वे समाज में पनप रही रूढिय़ों और मिथ्या धारणाओं का निराकरण करने का प्रयत्न करते हैं। आधुनिक युग संदर्भ में चातुर्मास की यही विशेषता है।

    चातुर्मास में महापर्व सम्वत्सरी भी आता है। इस दृष्टि से इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है। यह जैनों का अलौकिक पर्व है। एक ओर जहां यह तप, त्याग का पर्व है वहां परस्पर वैमनस्य और वैर, विरोध को दूर करने का सशक्त माध्यम भी है।

    भगवान महावीर ने चातुर्मास में इसकी गवेषणा इसलिए की थी कि व्यक्ति समाज में रहते अनेक प्रकार के मन-मुटावों का शिकार हो सकता है अत: महापर्व सम्वत्सरी में इनका सुधार कर लिया जाए।

    कर्म करने से खुद को रोक नहीं सकते

    मुनि श्री सुधा सागर जी ने अपने मंगल प्रवचनों मे कर्म पर प्रकाश डालते हुवे कहा की कर्म बहुत जरुरी है। यहां तक कि अगर आप चाहें तो भी कर्म करने से खुद को रोक नहीं सकते। कर्म से मतलब सिर्फ शारीरिक क्रिया से ही नहीं है। आप शरीर से कर्म करते हैं, मन से कर्म करते हैं, अपनी भावना से कर्म करते हैं, यहां तक कि आप अपनी ऊर्जा के स्तर पर भी कर्म करते हैं। हर वक्त आप शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक क्रियाएं करते रहते हैं।

    क्या आपको लगता है कि आपके भीतर कर्म न करने की क्षमता है? चाहे कर्म करने की आपकी इच्छा हो या न हो, आप किसी न किसी रूप में कर्म कर ही रहे होते हैं। लेकिन होता यह है कि लोग पूरे दिन जो भी काम करते हैं, उनमें से ज्यादातर कर्म फल की इच्छा द्वारा संचालित होते हैं। आमतौर पर लोगों के मन में बड़े पैमाने पर यही चल रहा होता है कि वे जो कुछ भी कर रहे हैं, उससे उन्हें क्या मिलेगा। दूसरी तरफ यदि आप अपने लाभ के बारे में सोचे बिना कोई काम कर रहे हैं यानी आप उसे सिर्फ इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उसे किए जाने की जरूरत है, तो ऐसी स्थिति में वही क्रियाकलाप धर्म बन जाता है। यहां धर्म का मतलब कर्तव्य समझा जाता है, हालांकि यह पूरी तरह से कर्तव्य नहीं है। क्योंकि कर्तव्य शब्द अपने आप में बहुत सीमित है, जबकि धर्म, कर्तव्य से कहीं ज्यादा व्यापक अर्थ रखता है।

    धर्म और कर्म में केवल एक ही अंतर है। धर्म मुक्त करता है, जबकि कर्म बंधन पैदा करता है। तो कर्म तो अनिवार्य है। किसी भी हालत में कर्म तो आपको करना ही है, चाहे आप आराम ही क्यों न कर रहे हों। आराम के दौरान भी आप अपने मन या भावना में कुछ न कुछ कर ही रहे होते हैं। अब यह आपको देखना है कि आप अपने आपको उलझाने के लिए कर्म कर रहे हैं या मुक्त करने के लिए?

    देश के कोने कोने से आरहे है श्रद्धालु

    अध्यक्ष नेमिचन्द जैन , समिति के ओम प्रकाश जैन , धर्मचंद जैन , आशीष जैन, श्रवण कोठारी ने बताया की मुनि श्री के दर्शनार्थ श्रद्धालु राजस्थान के भीलवाडा ,अजमेर, किशनगढ़ , ब्यावर , बांसवाड़ा , कोटा , बूंदी , टोंक ,  जयपुर के साथ साथ मध्यप्रदेश , उत्तरप्रदेश ,  नोएडा , से भी श्रद्धालु संत श्री का आशीर्वाद लेने पहुंच रहे है |

  • ब्लॉक अध्यक्ष पद पर अशोक कुमार जैन को निर्विरोध चुना

    ब्लॉक अध्यक्ष पद पर अशोक कुमार जैन को निर्विरोध चुना

    राजस्थान प्राध्यापक शिक्षा सेवा संघ (रेसला) ब्लॉक उनियारा की कार्यकारिणी गठित

     

    अलीगढ़ / उनियारा,(शिवराज मीना)। राजस्थान प्राध्यापक शिक्षा सेवा संघ (रेसला) की बैठक मंगलवार को राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय उनियारा में सम्पन्न हुई।

    बैठक में रेसला की उनियारा ब्लॉक कार्यकारिणी के चुनाव संघ के जिला प्रतिनिधि महेश शर्मा , रामसागर मीना , किशनलाल जाट एवं धर्मराज की देखरेख में सर्वसम्मति से निर्विरोध संपन्न हुए।

    नवगठित ब्लॉक कार्यकारिणी में सर्वसम्मति से अशोक कुमार जैन (ब्लॉक अध्यक्ष) , मैनेजर मीणा (महामंत्री) , राजेश सैनी (संगठन मंत्री व प्रवक्ता) , हंसा सोनी को (महिला मंत्री) चुना गया।

    रेसला के चुनाव जिला प्रतिनिधियों ने सभी पदाधिकारियों का माला पहनाकर स्वागत किया एवं नवनिर्वाचित ब्लॉक अध्यक्ष अशोक कुमार जैन को शीघ्र ही अपनी शेष कार्यकारिणी घोषित करने के निर्देश दिए हैं।

    वहीं उनियारा ब्लॉक की नवगठित कार्यकारिणी को रेसला संघ के प्रांतीय प्रदेशाध्यक्ष मोहन सिहाग व प्रदेश महामंत्री सुमेर खटाना सहित जिला प्रतिनिधियों ने बधाईयां दी है। इस अवसर पर क्षैत्र के कई प्राध्यापक मौजूद थे।

  • पाँच लाख की रिश्वत लेती महिला पुलिस अधिकारी पकड़ी गई

    पाँच लाख की रिश्वत लेती महिला पुलिस अधिकारी पकड़ी गई

    45 लाख में सौदा तय,

    जयपुर। महिला पुलिस अधिकारी 45 लाख रुपए की रिश्वत के आरोप में दबोची गई है। सूचना पर महिला अधिकारी ट्रेप की गई है। आज दोपहर ए सी बी की बड़ी कार्यवाही की गई, जिसमें शिप्रापथ थाने की SI बबिता को दबोच लिया गया। जब वो एक होटल में रिश्वत की राशि ले रही थी। हालांकि, पहले उसने 50 लाख रुपए की मांग की थी।

    जानकारी के मुताबिक सूचना के बाद आज दोपहर में शिप्रा पथ थाने के बाहर ही बने एक रेस्टोरेंट में बबीता को रंगे हाथों 5 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया गया। एसीबी अधिकारियों ने बताया कि पहले बबीता ने 50 लाख की मांग की थी।

    एसीबी के एस पी नवरत्न वर्मा ने यह कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि बिटकॉइन के लेनदेन को लेकर एक फर्म के खिलाफ मामला नहीं दर्ज नहीं करने की एवज में यह रिश्वत ली गई थी। ए सी बी आईजी सचिन मित्तल के निर्देश पर बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया गया है। थाने के बाहर ही बने चस्का रेस्टोरेंट में ए सी पी नवरतन वर्मा ने यह कार्यवाही।

    एस आई बबीता के पकड़ में आने के बाद अब इस प्रकरण की ए सी बी टीम जांच करने में जुटी है। ए सी बी अधिकारियों ने बताया कि पड़ताल का विषय है कि आखिर ऐसा कौनसा मामला है, जिसको दर्ज करने की मांगी थी? पहले पचास लाख रुपए मांगे गए थे, लेकिन बाद में 45 लाख रुपए में सौदा तय हुआ था। इस राशि में से पहली किस्त के रूप में पांच लाख की राशि दी गई।

  • शुद्ध वातावरण देने के लिये पेड़ो का होना बहुत जरूरी- कमलेश सिंगोदिया 

    शुद्ध वातावरण देने के लिये पेड़ो का होना बहुत जरूरी- कमलेश सिंगोदिया 

     

    महादेवाली स्थित महात्मा ज्योतिबा फुले छात्रावास को हर-भरा बनाने के लिये युवा मोर्चा ने लिया गोद 

     

    टोंक माली (सैनी)। समाज जिलाध्यक्ष कमलेश सिंगोदिया ने कहा कि हमें अपने जीवन में पेड़ो का महत्व समझना चाहिए ।हरित पृथ्वी बनाने के लिये पेड़ों को बचाने के लिये अपना सबसे बेहतर प्रयास करना चाहिये, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी को शुद्ध वातावरण मिले।

    जिलाध्यक्ष कमलेश  सिंगोदिया मंगलवार को महादेवाली स्थित महात्मा ज्योतिबा फुले छात्रावास माली (सैनी) समाज परिसर में युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष राजेन्द्र उर्फ बबलू टैंकर के नेतृत्व में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में मौजूद युवाओं को सम्बोधित कर रहे थे।

    उन्होंने कहा कि बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिये हमे किसी ओर पर निर्भर नही रहना है, सभी को मिलकर अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिये, सरकार द्वारा करोड़ों रूपये खर्च कर टोंक शहर को हरा-भरा करने ओर सौन्दर्यकरण के लिये पार्को निर्माण कर रही है, इसके अलावा भी कई प्रयास किये जा रहे है। लेकिन प्रत्येक नागरिक की भी जिम्मेदारी बनती है कि वो वायु मण्डल को शुद्ध रखने के लिये किसी भी शुभ कार्य के मौके पर एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए।

    युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सैनी उर्फ बबलू टैंकर ने कहा कि पेड़ बचाओ, जीवन बचाओ केवल एक नारा भर नहीं है, ये एक ज़िम्मेदारी है जिसे धरती पर रहने वाले हरेक इंसान को समझना और मानना चाहिये। पेड़ हमारे जीवन में भोजन और पानी की तरह ही महत्वपूर्ण हैं।

    हमें स्वस्थ और समृद्ध जीवन देने में पेड़ बहुत मुख्य पहलू है। आज के दिनों में पेड़ बचाओ महत्वपूर्ण सामाजिक जागरुकता है माली समाज जिलाध्यक्ष  कमलेश  सिंगोदिया  के नेतृत्व ओर समाजसेवी विष्णु सैनी की इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिये समाज के लोगों ने पेड़ लगाओ जीवन बचाओ अभियान के अन्तर्गत माली समाज युवा मोर्चा द्वारा महादेवाली स्थित महात्मा ज्योतिबा फुले छात्रावास को हरा-भरा बनाने के लिये गोद लिया गया है।

    मंगलवार को पौधोरोपण की शुरूआत जिलाध्यक्ष  कमलेश  सिंगोदिया ओर पार्षद मुकेश सैनी ने अषोका का पेड़ लगाकर शुरूआत की। इसके बाद युवा मोर्चा पदाधिकारियों द्वारा फल व छायादार समेंत सजावटी 40 पौधे लगाये गये।

    उक्त पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी युवा मोर्चा व छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थीयों ने ली। इस मौके पर माली समाज टोंक जिला मीडिया प्रभारी कमलेश सैनी, तहसील अध्यक्ष मोहन लाल बागड़ी, युवा मोर्चा जिला महामंत्री राहुल सैनी, उपाध्यक्ष कमलेश डाबला, कालूराम सांखला, रवि सैनी पत्रकार, शिवचरण सैनी, किषन लाल सैनी, नरेन्द्र सैनी, चेतन कुमार सैनी, खुशीराम, गणेश सैनी, नंदकिषोर सैनी आदि ने वृक्षारोपण किया।

  • IRS अधिकारी ने फंदे में ढूंढा परेशानियों का अंत,

    IRS अधिकारी ने फंदे में ढूंढा परेशानियों का अंत,

     

    ✍ नवीन वैष्णव,अजमेर

    जयपुर। राजस्व विभाग के जीएसटी विभाग में कार्यरत 35 वर्षीय महिला आईआरएस अधिकारी ने बीती देर रात फांसी के फंदे पर झूलकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। पुलिस को सुसाईड नोट बरामद हुआ है जिसमें उसने पति और सास पर प्रताड़ित करने के आरोप जड़े हैं।

    जयपुर शहर पूर्व के पुलिस उपायुक्त गौरव यादव ने बताया कि सोमवार रात्रि लगभग 12 बजे बजाज नगर स्थित एजी कॉलोनी में रहने वाली आईआरएस अधिकारी बिन्नी शर्मा द्वारा फांसी लगाने की सूचना मिली थी। इस पर रात्रि में ही पुलिस की टीम को मौके पर भेज दिया गया और एफएसएल से जांच करवाई गई। इसके बाद शव को जयपुरिया अस्पताल की मोर्चरी में शिफ्ट करवाया गया।

    उन्होंने कहा कि मौके से अंग्रेजी में लिखा एक सुसाईड नोट बरामद हुआ है जिसमें लिखा गया कि पति गुरमीत वालिया और उनकी मां ने खूब प्रताडित किया। इन दोनों ने उनका जीवन खराब कर दिया। इससे दुखी होकर ही वह यह कदम उठा रही है। उपायुक्त यादव ने कहा कि मृतका बिन्नी शर्मा के पति गुरमीत वालिया भी आईएएस अधिकारी हैं और चण्डीगढ़ में कार्यरत हैं।

    मां के साथ रहती थी बिन्नी

    यादव ने बताया कि मृतका बिन्नी अपनी मां और दो बच्चों के साथ यहां रहती थी। मिली जानकारी के अनुसार बिन्नी काफी समय से डिप्रेशन में भी रहती थी। पति और उसके बीच चल रही अनबन की बात भी प्रथम दृष्टया सामने आई है। पूरे मामले की जांच में पुलिस जुटी हुई है। यादव ने कहा कि बिन्नी शर्मा के पति आईएएस गुरमीत वालिया को सूचित कर दिया गया लेकिन अब तक वह जयपुर नहीं पहुंचे हैं।

    क्या यही है आखिरी रास्ता?

    इस घटनाक्रम के बाद फिर सवाल उठता है कि क्या खुदकुशी करना किसी समस्या का आखिरी उपाय है? ऐसा तो नहीं हो सकता लेकिन फिर भी मामूली से मामूली व्यक्ति से लेकर शीर्षस्थ पद पर बैठे लोगों द्वारा ही यह कदम उठाना अपने आप में सोचने पर मजबूर करता है। यह समस्या मामूली नहीं है। इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, जिससे कि लोगों के मन से आत्महत्या जैसे विचार बिलकुल ही निकल जाएं। एक अध्ययन के अनुसार डिप्रेशन का कारण कम होती आत्मीयता है।

    आज सोशल मीडिया या व्हॉटसएप सहित अन्य माध्यमों से तो हमसें हजारों लोग जुड़े हुए हैं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से कुछ ही लोगों से जुड़े रहते हैं। ऐसे दोस्त ही नहीं रखते जिनसे रोजाना मुलाकात करें या उनसे अपनी परेशानियां शेयर करें। जब परेशानियां बढ़ने लगती है तो व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है और उसे यह दुनिया बुरी लगने लगती है। वह सुसाईड की ओर ही अपने कदम बढ़ाता है। यदि उस समय कोई हो जो उसकी सुन सके और उसे समझा सके तो वह ऐसा नहीं करेगा।

    इसलिए डिजिटल रूप से लोगों से जुड़े रहें लेकिन व्यक्तिगत रूप से भी लोगों के सम्पर्क में रहें और रोजाना कुछ समय ही सही ऐसे लोगों के साथ बिताएं। उनके साथ अपने मन के विचार और परेशानियां शेयर करें। शेयर करने से अवश्य ही समाधान निकलेंगे। जो बात आपको परेशान कर रही है, हो सकता है उसका समाधान आपका ही कोई मित्र निकाल सकें, तो शेयर करें और खुलकर जीएं।

  • भवन निर्माण करते समय वास्तुपुरूष का महत्व

    भवन निर्माण करते समय वास्तुपुरूष का महत्व

     

    वास्तु पुरूष – वास्तुपुरूष का महत्व भवन निर्माण करते समय भुखण्ड पर निर्माण योजना से है। यह वास्तुकला की मूल परम्परा है। वास्तुपुरूष एक है। उसे भवन निर्माण की योजना बनाते समय विभिन्न प्रकार से परिकल्पित किया जाता है । वास्तुपुरूष का विभाजन भवन विशेष की योजनानुसार परिकल्पित किया जाता है ।

     

    ज्योतिष शास्त्र अनुसार काल पुरूष से करने पर मेष-सिर, वृष-मुख, मिथुन – भुजा कंधे, कर्क – छाती हृदय, सिंह – पेट दिल, कन्या – गुर्दे, तुला – नाभि गुप्तांग, वृष्चिक – लिंग गुदा, धनु – जंघाये, मकर – घुटने, कुंभ – पिण्डलियंा, मीन – चरण पैर, वास्तु पुरूष ईषान कोण में सिर करके अधोमुख होकर स्थित है जिसका सिर षिखी में, बांया नेत्र दिति में, दांया नेत्र पर्जन्य मंे, मुख आप में, बांया कान अदिति में, दायंा कान जयन्त में, बायंा कंधा भुजंग में, दांया कंधा इन्द्र में, बायी भुजा सोम, भल्लाट, मुख्य नाग और रोग में तथा दायीं भुजा सूर्य सत्य भृष अंतरिक्ष और अनिल में है,

    बांया मणि बंध पापयक्ष्मा में दांया मणि बंध उषा में, बांया हाथ रूद्र और राजयक्ष्मा में, दांया हाथ सावित्र और सविता में है, छाती आप वक्ष में, बांया स्तन पृथ्वीधर में, दायंा स्तन अर्यमा में है, हृदय ब्रहमा में, पेट मित्र तथा विवस्वान में, बांयी बगल शोष तथा असुर में, दांयी बगल वितथ तथा वृहतक्षत में, बंाया घुटना वरूण तथा पुष्पदत में, दांया घुटना यम तथा गंधर्व में, बांयी जंघा सुग्रीव में, दांयी जंघा भृगराज में, लिंग इन्द्र तथा जय में, बायंा निंतब दोवारिक में, दाया निंतब मृग में तथा पैर पिता में है । अतः काल पुरूष वास्तु पुरूष अनुसार पुरूषांगो की कल्पना स्वत ही हो जाती है ।

    वास्तु पुरूष के किस अंग (अवयव) पर कोन सा निवेष निर्माण निहित या अविहित है यह ज्ञात होना आवष्यक है । सिर, मुख, हृदय, दोनो स्तन और लिंग यह वास्तु पुरूष के मर्म स्थान है, इन स्थानो में कोई शल्य हो अथवा कील खभा पोल आदि गाड दिया जाये तो गृह स्वामी के अंग में पीडा या रोग उत्पन्न हो जायेगा । भूखण्ड मे कौन सा भाग किस देवता विशेष के पद पर विन्यास है यह सब ज्ञान वास्तुपुरूष के चित्र से स्पष्ट हो जाता है ।

    उदाहरणार्थ जिस स्थान पर वास्तुपुरूष का सिर (मस्तक) है वहा जूते खोलने का स्थान है या पखाना हो तो उसका दुष्परिणाम गृहस्वामी के साथ-साथ घर मे रहने वाले सभी प्राणियो को भोगना पडेगा । उस घर मे कपूत सन्ताने पैदा होगी। बेटा यदि बाप के जूते लगाए एंव पत्नि पति से वेवफाई करे तो कोई आश्चर्य नही होगा।

    घर का मुख्य प्रवेश द्वार जहां से अतिथि और हम स्वंय घर मे प्रवेश करते है। अनुकुल वास्तु का प्राणाधार है। घर का मुख्य द्वार भुखण्ड की आकृति राजमार्ग पर आधारित होता है। तथा किसी भी दिशा मे हो सकता है परन्तु मुख्य द्वार की स्थापना योजना पूर्वक होनी चाहिए जिससे घर मे लक्ष्मी आवक अच्छी रहे एंव घर मे रहने वाले सभी प्राणी स्वस्थ व प्रसन्न रहें। मुख्य द्वार एक प्रकार से स्वस्थ मन की तिजोरी की चाबी है। जिसके माध्यम से घर मे प्राकृतिक वायु प्रकाश एंव अनुकुल रश्मियो का प्रवेश होता है । मकान के दांयी तरफ की खिडकिंयां का प्रतिनिधि ग्रह सूर्य है ।

    सूर्य पुत्र संतान का प्रतिनिधि है, यदि मकान के दांयी ओर की खिडकिंया कमजोर व टूटी-फूटी है तो परिवार में पुरूष संतति कष्ट में होगी, यदि दांयी खिडकी पर दरार है तो परिवार में पुरूषो पर संकट रहेगा । दरार राहु केतु का प्रतिनिधित्व करती है जो कि सूर्य के शत्रु कहे गये है । यदि दायंी ओर की मृख्य खिडकी रसोई में खुलती है तो परिवार के पुरूष वर्ग गुस्सेल होगें क्योकिं सूर्य खिडकी का प्रतिनिधि, शुक्र रसोई का एंव मंगल अग्नि का कारक है ।

    यदि दांयी ओर की खिडकी किसी गोदाम में खुलती है तो ऐसे घर में पिता-पुत्र लडेगें, गृह स्वामी का पुत्र तमोगुणी होगा । यदि घर में सूर्य का प्रकाष नही पहुंच रहा हो, मकान के पूर्व में कोई खिडकी न हो, मकान के भीतर दिन में अंधेरा रहता हो, खाने पीने की वस्तुओं पर प्रकाष की किरण नही पहुंचती हो तो वंहा पर सूर्य-षनि की युति का प्रभाव होने से मकान के स्वामी एंव निवासियंो को बैचेनी, नींद न आने की बीमारी, थकान आदि होगी ।

    घर में बायंी खिडकी का प्रतिनिधित्व चंद्रमा करता है ं। चंद्रमा ज्योतिष में स्त्री ग्रह एंव जगतमाता का रूप है । यदि घर की बायंी ओर वाली खिडकियां दुरस्त है उसमें से सही प्रकाष व हवा यदि घर में आ रही है तो घर की स्त्रियंा सुखी एंव सम्पन्न होगी । इसके विपरीत होने पर स्त्रियां आलसी तथा मानसिक रूप से विकृत होगीं । चद्रंमा मस्तिष्क है और घर बायंी ओर का अंत पाप ग्रह केतु से प्रताडित होता है । यदि बांयी खिडकी के पास दरार हो या बंायी खिडकी घर के धान्य संग्रह स्थल में खुलती हो तो घर की स्त्रियों को अस्थमा दमा की षिकायत रहती है ऐसे घर पर चन्द्रमा शनि केतु का प्रभाव लक्षित होता है ।

    यदि घर की बांयी खिडकी के सामने कूडादान हो तो घर की स्त्रियां बीमार रहेगी, शादी विवाह मांगलिक कार्यो में परेषानियंा आयेगी । घर की खिडकियां चाहे बायी हो या दायी हो अगर बंद है, विकृत है तो परिवार की सम्पन्नता व ऐष्वर्य धीरे-धीरे नष्ट हो जायेगंा ।

    वास्तु शास्त्र अनुसार स्नान गृह में चद्रंमा का वास होता है तथा शौचालय में राहु का ं। अतः किसी भवन में स्नान गृह एंव शौचालय एक साथ अटेच हो तो चंद्रमा को राहु से ग्रहण लग जाता है क्योंकि चंद्रमा मन का एंव जल का कारक है एंव राहु विष का कारक है । अतः दोनो की युति होने से जल विषयुक्त हो जाता है ं।

    राहु पृथक्ता जनक ग्रह है अतः इसका कुप्रभाव जब जातक के मन पर पडेगा तब दुष्प्रवतिंया जन्म लेती है । राहु को सर्प एंव चंद्रमा को सोम (अमृत) कहा गया है । अतः विष अमृत इन दोनो का साथ रहना जीवन के लिये कष्टकारी है जिसका विपरीत प्रभाव उसमें निवास करने वाले व्यक्तियो के मन एंव शरीर पर पडता है जिससे हीन विचार एंव अनेक व्याध्ंिायां, शारीरिक रोग उत्पन्न होते है ।

    ईषान कोण का स्वामी पति कारक गुरू षिव का स्थान है, षिव आदि पुरूष है । अग्नि कोण का स्वामी पत्नि कारक शुक्र शक्ति का स्थान है, शक्ति आदि नारी है । षिव ने शक्ति के स्थान मंे तथा शक्ति ने षिव के स्थान मंे सतुंलन बनाया है तथा समस्त ब्रहमाण्ड में सृष्टि की रचना की हैं।

    आग्नेय एंव ईषान कोण में दोष हो तो दामपत्य जीवन में बाधा आती है । आग्नेय कोण में शयन कक्ष होने से तलाक अलगाव, दहेज के आरोप, मुकदमा आदि की स्थिति पैदा होती है । ईशान कोण में पति-पत्नि को शयन नही करना चाहिये क्योंकि रोग पैदा होने की संभावना रहती है ।

    अतः स्पष्ट है कि वास्तु सही रूप से जीवन जीने की एक कला है वास्तु विज्ञान सम्मत तो है ही साथ ही धर्म से संबधित भी है यदि वास्तु धर्म से संबधित नही होता तो पुराणो मे वास्तु देव पूजा कहा से आती वास्तु के सभी नियमो का पालन कर निर्माण करवाना संभव नही, जो हो गया उसी का रोना रोते रहना भी गलत है। मात्र अकेला वास्तु ही कोई दुष्प्रभाव नही दिखला सकता जब ग्रह दशा ही विपरीत हो तभी अपना प्रभाव दिखलाता है । साधारण मानव द्वारा अपनी दैनिक दिनचर्या में थोडा परिवर्तन कर वास्तु दोष निवारण के सरल उपाय कर सफल एंव सुखद जीवन जीने की आंकाक्षा जगा सकता है ।

    प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठने के बाद पृथ्वी माता को नतमस्तक होकर प्रणाम करें एंव आषिर्वाद ले । पूजा पाठ, ध्यान, विधा अध्ययन आदि शुभ कार्य पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर मुख करने चाहिये । दीपक का मुंह पूर्व की ओर करके रखा जाये तो आयु की वृद्वि होती है । उत्तर की ओर धन की प्राप्ति होती है । पंश्चिम की ओर रखा जाये तो दुख तथा दक्षिण की ओर रखा जाये तो हानि होती है ।

    दीपक की जगह बल्ब, टयुबलाइट समझने चाहियें । पूर्व की तरफ सिर करके सोने से विधा की प्राप्ति, दक्षिण की तरफ सिर करके सोने से धन तथा आयु की वृद्वि होती है, पष्चिम की तरफ सिर करके सोने से प्रबल चिंता तथा उत्तर की तरफ करके सोने से हानि तथा आयु क्षीण होती है । शास्त्र अनुसार अपने घर में पूर्व की तरफ सिर करके ससुराल में दक्षिण की तरफ सिर करके तथा परदेष में पष्चिम की तरफ सिर करके सोये किंतु उत्तर की तरफ कभी सिर करके नही सोये, गृहस्थी के शयन कक्ष अन्न भंडार गो शाला गुरू स्थान रसोई तथा मंदिर के उपर नही होना चाहिये ।

    दिन में उत्तर की ओर तथा रात्रि में दक्षिण की ओर मुख करके मल-मूत्र का त्याग की करना चाहिये । पूर्व की ओर मुख करके भोजन करने से आयु बढती है । दक्षिण की ओर मुख करके खाने से पे्रतत्व की प्राप्ति होती है ।पंश्चिम की ओर मुख करके खाने से मनुष्य रोगी होता है । उत्तर की ओर मुख करके खाने से आयु तथा धन की प्राप्ति होती है ।

     

     

    बाबूलाल शास्त्री (साहू)

     

    babu lal shartri,tonk
    मनु ज्येातिष एवं वास्तु शोध संस्थान टोंक
    बड़वाली हवेली के सामने, सुभाष बाजार टोंक (राज.)

  • दूनी में फेल रहा है नशे का कारोबार

    दूनी में फेल रहा है नशे का कारोबार

    15 वर्ष से ऊपर के वयस्क हो रहे है नशे के आदि
    स्मैक चरस गांझे की हो रही हे खफत

    सबूत का हवाला दे कर पुलिस झाड़ देती हे अपना पल्ला
    अब तो दूनी में ही बिकने लग गया हे नशे का सामान
    ए एसपी ऑफिस तक पहुँच चूँकि हे सुचना लेकिन नहीं हो रही कोई कार्यवाही

    दूनी में नशे की लत ने युवाओं को बना दिया चोर, घर के गहनों से लेकर मंदिरों की दानपेटियों पर हाथ साफ कर रहे नशेड़ी, महिलाएं एकजुट, बाजार बंद की धमकी

    दूनी में नशे की लत ने युवाओं को बना दिया चोर, घर के गहनों से लेकर मंदिरों की दानपेटियों पर हाथ साफ कर रहे नशेड़ी, महिलाएं एकजुट, बाजार बंद की धमकी

     

    दुनी (हरि शंकर माली)। कस्बे के युवकों में नशे की लत धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। नशे की लत के अब तक सैकडो़ युवक शिकार हो चुके हैं। युवक नशीली चीजें खरीदने के लिए अब घर के बर्तन, जेवरात, गैस सिंलेडर, अनाज तक बेचने लगे हैं। इससे अाक्रोशित महिलाएं सोमवार को लामबंद होकर नशीले पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दूनी थाने जा पहुंची।

    नशीले पदार्थ बेचने वालों को गिरफ्तार कर रोकथाम की मांग की। महिलाओं का गुस्सा देखते ही बनता था। महिलाओं ने पुलिस को चेतावनी दी कि समय रहते नशे के सौदागरों के खिलाफ कार्रवइ्र नहीं की तो मजबूरन बाजार बंद कराएंगे। दूनी-सरोली मार्ग पर चक्का जाम कर थाने का घेराव व धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होना पडेगा।

    दूनी युवकों में बढती नशे की लत पर काबू पाने व युवकों द्वारा गहनें, जेवरात, घरेलू सामान बेचने से परेशान महिलाए लामबंद हो गई। और रविवार को दूनी थानाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की।

    महिलाओं के साथ मारपीट करते हैं

    तहसील मुख्यालय की महिला रामी बाई, रेहना बानो, रोशनी, कमला, रेखा, नोरती, दूर्गा, पार्वती, सावित्री, सुनीता सहित महिलाओं ने थानाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर बताया कि कस्बे के युवकों में दिनों दिन अफीम, गांजा, स्मैक, चरस की लत के शिकार हो चुके है। नशे के शिकार युवक घर में महिलाओं के साथ मारपीट करते है। इतना ही नहीं पैसा नहीं देने पर वे घर के जेवरात, गैस सिलेंडर, बर्तन, गेंहू के अलावा औरतों के कपडे़ तक चुराकर बेचने लग गए हैं।

    इससे उनका घर का खर्चा उठाना भी भारी हो गया है। नशेडियों पर एक नजर डाली जाए तो कस्बे में अब तक लगभग चार युवक नशे की लत के शिकार हो गए है। कई युवक तो मंदिरों से गेंहू, घी, अगरबत्ती, मंदिरों में लगे त्रिशुल, दानपेटिया तक को चुराने लग गए है। महिलाएं रविवार को जुलूस के रुप में थाने पहुंची।

    कहां से आती हैं नशे की पुडि़या

    जानकारी के अनुसार कस्बे में इस कारोबार का गिरोह सक्रीय है। यहां टोंक के अलावा नैनवां, अंता,बारां,कोटा, झालावाड आदि जिलों व कस्बों से लोग स्मैक, अफीम आदि नशे की सामग्री बैचने आते है। इसके बावजूद पुलिस की सख्ती नहीं होने से यह कारोबार फल-फूल रहा है।

    समय पर होती है कार्रवाई

    एएसआई बालकिशन शर्मा का कहना है कि समय-समय पर नशेडियों के खिलाफ अभिान चलाया जाता है। रविवार को छह जनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दो को गिरफ्तार कर लिया है। चार की तलाश की जा रही है।

  • स्वर्ण दुर्गा मन्दिर में बारिस की कामना को लेकर कर रही है भजन

    महिला मंडल कीर्तन में कैलाशपति को रिझाकर इन्द्र को मनाने में लगी

     

    टोंक, । नेशनल हाईवे सवाईमाधोपुर फलाईओवर के पास स्थित श्रीस्वर्ण दुर्गा कैलाशपति मन्दिर में बारिस की कामना के लिए स्वर्ण दुर्गा कैलाशपति को मनाने में लगी हुई है ।

    मन्दिर व्यवस्थापक राजाराम गौत्तम ने बताया कि महिला मंड़ली की रामबाई साहू ,दीपा सेन,पार्वती सेन,कैलाशी देवी,मुन्नी देवी, संतेष,मनोहर,घुम्मा देवी,कमलेश धाकड,शीला देवी अर्चना,नोरती बाई,मनफूली,कविता,गारसी देवी,सरिता चौधरी,रेखा,संतरा,सीमा सैनी ने कीर्तन में मातारानी और शिव के लोकपिय भजन की प्रस्तुति दी ।

    सबसे गणपति वंदना के साथ दीपा सेन ने बारिस की कामना को लेकर भोले बाबा के भजनों की सरिता बहाई वही सीमा सैनी ने भोैमायाजी के भजनों सहित भौरव राजकुमार ,और मातारानी के भजनों की प्रस्तुति दी ।

    रविवार और सोमवार को महिला मंड़ली द्वारा भजन कीर्तनों में अपनी-अपनी हिस्सेदारी देकर देवताओं को मनाने में लगी हुई है कीर्तन के दौरान गीतों के बोल के साथ ही नृत्य करने में भी महिलाऐ पीछे नही है बारिस की कमी को लेकर मातारानी से अरज की जा रही है और पौशाक चढाई जा रही है ।

  • हार्डकोर अपराधी लौरेंस विश्नोई को सेवर जेल में हाई सिक्योरिटी सेल में दी जा रही सुविधाएं

    हार्डकोर अपराधी लौरेंस विश्नोई को सेवर जेल में हाई सिक्योरिटी सेल में दी जा रही सुविधाएं

     

    लौरेंस ने फिल्म अभिनेता सलमान खान को हत्या की धमकी  दी थी 

    भरतपुर(राजेन्द्र जती )। डीएम सन्देश नायक एसपी केशर सिंह के सेवर जेल के आकस्मिक निरीक्षण मे सामने आया जो आया उसके बाद जेल अधिकारियों को लगाई फटकार। जेल में हार्डकोर अपराधी लौरेंस विश्नोई को सेवर जेल में हाई सिक्योरिटी सेल में दी जा रही सुविधाएं। फिल्म अभिनेता सलमान खान को हत्या की धमकी देने के मामले में सेवर जेल में बंद है अपराधी लौरेंस विश्नोई। विश्नोई पर हत्या लूट रंगदारी जान से मारने की धमकी सहित 50 से अधिक मामले है दर्ज।

  • सात द्विवसीय भागवत कथा का शुभारंभ हुआ, भव्य कलश यात्रा निकाली गई

     

    अलीगढ़ / उनियारा, (शिवराज मीना)। उपखण्ड उनियारा के उपतहसील मुख्यालय बनेठा स्थित गोपाल जी महाराज के मन्दिर मे श्रीमद् भागवत कथा के शुभारम्भ पर सोमवार को बैण्डबाजो के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गई।

    जिसमें कस्बे सहित आसपास के सैकडो श्रदालु उम पडे। कलश यात्रा बैण्डबाजो के साथ श्री कल्याण  जी महाराज के मन्दिर से रवाना होकर आजाद मार्केट से गुजरती हुई बडा बाजार , बस स्टैंड तेजाजी के चौक से होकर कथा स्थल श्री गोपाल जी महाराज के मन्दिर पहुंची। कलश यात्रा के दौरान राजेन्द्र प्रसाद व गिर्राज कुमार पाटीदार श्रीमद भागवत गीता को सिर पर धारण किये हुये चल रहे थे।

    कलश यात्रा में 51 महिलाये अपने सिर पर मंगल कलश धारण कर मंगलगीत गाते हुये चल रही थी तो वही पुरुष श्रदालु जयघोष लगाते हुये चल रहे थे। कलश यात्रा के दौरान कई श्रदालु बैण्डबाजो की मधुर स्वर में लहरियो पर नाचते-गाते चल रहे थे। इस दौरान कस्बे में मुख्य चौराहो पर कलश यात्रा का पुष्प वर्षा से भव्य स्वागत किया गया। यह भागवत कथा 12 अगस्त तक आयोजित की जायेगी।

    जिसमे आचार्य कैलाश चन्द तैहरिया द्वारा श्रीमद भागवत कथा का वाचन किया जायेगा। भागवत कथा का आयोजन 6 अगस्त से 12 अगस्त तक गोपाल जी महाराज मन्दिर बनेठा में किया जा रहा है।