निवाई । नगर पालिका निवाई के निर्माण कार्यो के टेंडरो से लेकर कार्यो के निर्माण में भारी अनियमितताओं की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों मेंं दर्ज प्रकरण की जांच अभी शुरु भी नही हुई कि हाल ही में एक ठेकेदार द्वारा लिए गए टेंडर राशि का भुगतान पाईंट लगाकर पत्रावली से लाखों रुपए का भुगतान कर राजकोष को नुकसान पहुंचाने का मामला सामने आते ही ठेकेदारों सहित पार्षदों में भारी रोष व्याप्त हो गया। जिसको लेकर प्रतिपक्ष नेता राजकुमार करनाणी के नेतृत्व में पार्षदों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया है।
निर्माण शाखा के अभियंताओं एवं अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए ठेकेदारों के साथ साथ पालिका उपाध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष सहित पार्षदों ने निदेशक स्वायत्त शासन विभाग सहित उच्चाधिकारियों के अलावा संपूर्ण पत्रावली भ्रष्टाचार निरोधक विभाग को भी दी है।
पालिका नेता प्रतिपक्ष राजकुमार करनाणी सहित पार्षदों ने बताया कि पालिका ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत 6 जून 2017 एक निविदा आमंत्रित की थी, जिसमें विभिन्न वार्डो से घरेलू शौचालयों का निर्माण किया जाना था, उन कार्यो में ही वार्ड संख्या 13 एवं 17 में भी यही कार्य का टेंडर था। 4 लाख 93 हजार रुपए के उक्त निविदा बीएसआर दर से 10 फीसदी कम दर पर आदिनाथ कंट्रेक्शन के टेंडर खुला, लिहाजा सभी ठेकेदार अपने अपने कार्यो में लग गए। वार्ड 13 एवं 17 में शौचालयों का निर्माण शुरु हुआ।
नेता प्रतिपक्ष राजकुमार करनाणी का आरोप है कि जब शौचालय निर्माण का भुगतान किया जाना था तब निर्माण शाखा ने 10 फीसदी दर कम के स्थान पर आगे पाइंट लगा दिया ताकि 10 रुपए के स्थान पर मात्र दस पैसे की ही कटौती हो। बकायदा बिल भी बने और एमबी भी भरी गई।
नेता प्रतिपक्ष राजकुमार करनाणी ने निदेशक स्वायत्त शासन विभाग बताया कि निर्माण शाखा के अभियंताओं ने बिना राजकोष की परवाह किए भुगतान के दौरान मात्र पाइंट 10 भी नही काटकर भुगतान कर दिया गया।
निर्माण शाखा के अभियंताओं का कहना है
निर्माण शाखा के कनिष्ठ अभियंता देशराज मीणा का कहना है कि ये भुगतान मेरे समय का नही है, शायद उस समय जेईएन राजेश मीणा तथा सहायक अभियंता प्रशांत टाटू थे। मिस्त्री धर्मचंद जैन का कहना है कि इस मामले में कोई गड़बड़ नही है, जांच हो जाएगी।
फर्म पर पहले भी लगे आरोप
निर्माण कार्य करने वाली फर्म आदिनाथ कंट्रेक्शन पहले भी कई सवालियां निशाने पर रही है। बीएसआर से काफी कम दर पर टेंडर हथियाने के बाद निर्माण में घटिया सामग्री को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों में इस बात की शिकायते हुई है कि अधूरे कार्यो के बावजूद पूरा भुगतान उठा लिया गया।