बाबूलाल शास्त्री
किसी भी व्यक्ति की जन्मपत्रिका में जन्मांग, चंद्र चक्र, नवमांश आदि षोडशवर्ग, विभिन्न दंशाए, गोचरग्रह आदि मिलकर उसके भाग्य को सूचित करते है, लेकिन स्थूल रूप से जन्मंाग एंव नवमांश को लेकर ही हम शिक्षा एंव कैरियर पर विचार करते है । दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होते ही विषय निर्धारण समस्या बन जाती है । पंचम भाव को विधा का स्थान माना जाता है , लेकिन द्वितीय, पंचम, नवम, दशम, एकादश के साथ ही चतुर्थ एंव द्वादश भाव भी विधा एंव ज्ञान के कारक भाव होते है ।
शिक्षा की दृष्टि से विज्ञान संकाय के लिए सूर्य, शुक्र, चंद्र एंव मंगल कारक होते है । इसी संकाय में तकतीकी या गणित के लिए बुध महत्वपूर्ण है । अतः इन ग्रहों और भावों बे बलवान होने कपर जातक को विज्ञान दिलाना उचित है । जन्मंाग चक्र में बुध, शनि एंव केतु प्रबल हो तो वाणिज्य दिलाना लाभदायक है । चंद्र, शनि, गुरू, सूर्य एंव राहु कला संकाय में लाभदायी है ।
ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली, चंद्र कुंडली या सूर्य कुंडली में दसंवा एंव तीसरा भाव रोजगार व पराक्रम का माना जाता है । दसवें भाव का स्वामी नवमांश कुंडली में जिस ग्रह को राशि में बैठा हो, जातक उस ग्रह के अनुरूप कैरियर अपनाता है ।
जैसे – सूर्य होने पर चिकित्सक बहुमूल्य धातु एंव रत्नों का काम, कृषि कर्म, अनाज का व्यापार ।
चंद्रमा के होने पर जल के नजदीक का व्यवसाय, मोती-मंूगा का व्यापार, समुद्री जहाज, नौसेना, स्त्रियों से सम्बन्धित कार्यो से लाभ, खेती, दलाली, कमीशन एंजेट ।
मंगल होने पर भूमि-भवन, रियल एस्टेट, उधोग-धंधे, बिजलीघर के उत्पाद केंद्र, शल्य चिकित्सा, प्रशासनिक पद, सेना, पुलिस ।
बुध होने पर इंजीनियर, लेखक, कवि, गीतकार, कम्प्यूटर आॅपरेटर, मूर्तिकला, आर्किटेक्ट, लेखाकार ।
गुरू होने पर अध्यापक, प्रोफेसर, प्रवचनकर्ता समाजसेवा के बडे प्रतिष्ठान, मंत्री एंव समकक्ष पद, स्कूल कालेज विवि कोचिग इंस्टिटयूट प्रतिष्ठा के पद।
शुक्र होने परकला, संगीत, फिल्म नाटक, किमती धातू एंव रत्नो का काम पशुओ पर आधारित व्यापार, मिष्ठान भंडार, होटल राजदूत विदेश सेवा रिर्सोट वैभव विलासिता की वस्तुओ का क्रय विक्रय।
शनि होने पर नौकरी मजदूरी, वकालत, राजनेता, परिश्रम के कार्य, लोहे का व्यापार काले अनाजो का व्यापार, तेल दवा न्यायलय मे लिपिक इंजिनियर आदि बनता है।
इनके अतिरिक्त यदि षष्ठेश, अष्टमेश, द्वितीयेयश, व्ययेश, अपने स्थान पर बैठे हो तो विदेशी मुद्रा या विदेश व्यापार से लाभ होता है।

मनु ज्योतिष एंव वास्तु शोद्य संस्थान
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