Kota News : प्रदेश के हाड़ौती (Hadoti)में पिछले दिनों आई बाढ़ ने चौतरफा बर्बादी फैला दी। बाढ़ (Flooding)प्रभावित इलाकों में पानी उतरने के बाद बुधवार को अपने घर, प्रतिष्ठïन, खेतों को संभालने पहुंचे लोग मौके का मंजर देख आंखों से आंसू नहीं रोक सके।
घरों-दुकानों(Homes and shops) में पड़ा अधिकांश सामान बर्बाद हो गया। पानी के कारण कई मकान ढह गए तो कई के गिरने की स्थिति में आ गए। घरों-दुकानों के अंदर और बाहर कचरा, कीचड़ के ढेर लग गए, जिन्हें हटाने के लिए लोगों के साथ प्रशासन भी जुट गया।
जानकारी के मुताबिक चंबल (Chambal)और अन्य नदियों में आए उफान के कारण कोटा, बूंदी, झालावाड़ जिलों के कई शहरी तथा ग्रामीण इलाके प्रभावित हुए है। इन क्षेत्रों में खेतों में खड़ी सोयाबीन, मक्का, उड़द, तिल, मंूगफली की फसल बर्बाद हो गई। वहीं हजारों कच्चे-पक्के मकान या तो टूट गए या उनमें भारी नुकसान पहुंचा है।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Former Chief Minister Vasundhara Raje)ने झालावाड़ के विभिन्न बाढग़्रस्त(Flooded) इलाकों का दौरा कर प्रभावित लोगों से मिली और स्वयं तथा पार्टी की तरफ से 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
उन्होंने इस सहायता राशि में पार्टी के कार्यकर्ताओं का सहयोग होने की बात कही। राजे ने चौमहला, पीपाखेड़ी, बोरखेड़ी, आकिया परमार, गंगधार, मल्हारगंज जाकर वहां के हालातों को देखा और प्रभावितों से बात की।
इस दौरान उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार से जल्द अपील करेगी कि प्रभावित इलाकों का सर्वे करवाकर नुकसान का आंकलन करवाए और लोगों को मुआवजा दिलवाए।
बूंदी के केशवारायपाटन, इंद्रगढ़ तहसील में सर्वाधिक गांव प्रभावित हुए। इसी तरह कोटा शहर में बस स्टैंड, हरिजन बस्ती, कर्बला, खंड गांवड़ी, नंदा की बाड़ी, कुन्हाड़ी, बापू नगर, हनुमानगढ़ी आदि क्षेत्रों के सैकड़ों मकानों में पानी भर गया।
पीपल्दा, दीगोद और लाडपुरा तहसील के दर्जनों गांव भी प्रभावित हुए है। वहीं धौलपुर के भी कुछ गांवों में खरीफ की फसल बर्बाद हो गई। इधर झालावाड़ में फसलों को सर्वाधिक नुकसान हुआ है।
यहां गंगधार, चौमहला, रायपुर, पिड़ावा क्षेत्रों की बात करें तो 90 फीसदी तक नुकसान सामने आ रहा है।