कांग्रेस में बयानों का बवाल: पायलट समर्थक बोले भाजपा से रुपए लेने का सबूत दे मुख्यमंत्री गहलोत ,video 

Sameer Ur Rehman

Jaipur News। राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक होने के साथ ही बयानों का बवाल शुरू हो गया। धौलपुर की सभा में जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट समर्थक विधायकों पर भाजपा से रुपए लेने का बयान जारी किया। तो पायलट समर्थकों का गुस्सा फूट पड़ा।

उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भाजपा से रुपए लेने के सबूत मांग लिए। वहीं दूसरी तरफ मंगलवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी प्रेस वार्ता कर कांग्रेस की राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वे अब भ्रष्टाचार के खिलाफ 11 मई को अजमेर से जयपुर तक यात्रा निकालेंगे।

अशोक गहलोत ने सचिन पायलट गुट और भाजपा नेताओं पर 10-10 करोड़ के लेन-देन का खुला आरोप लगाया है। इसमें कांग्रेस के 9 विधायकों पर रुपए लेने का आरोप है।

रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धौलपुर में हुई सभा में सचिन पायलट खेमे पर बगावत के वक्त बीजेपी से करोड़ों रुपए लेने का आरोप दोहराया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पैसा वापस लौटाने की सलाह भी दी है। सभा में गहलोत ने कहा था कि उस वक्त हमारे विधायकों को 10 से 20 करोड़ बांटा गया।

वह पैसा अमित शाह को वापस लौटा देना चाहिए। इधर, इन आरोपों के बाद एक बार फिर से राज्य कांग्रेस में अंदर ही अंदर बगावत शुरू होने के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि इसका असर आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।

लेकिन जो कुछ प्रदेश कांग्रेस में चल रहा है। उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं न कहीं इसका लाभ भाजपा को मिलेगा। इस वक्त पायटल खेमा भाजपा के साथ मिलकर कांग्रेस की राज्य सरकार को घेर रहा है।

सचिन पायलट तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भ्रष्टाचार में एक बताकर कार्रवाई नहीं होने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ अशोक गहलोत भाजपा पर वार करने के साथ वर्तमान में कांग्रेस के विधायकों ही घेर रहे हैं।

इससे लग रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांगे्रस कई टुकड़ों में बंट कर चुनाव मैदान में उतरेगी। इसमें एक गुट अशोक गहलोत तो दूसरा गुट सचिन पायलट का होगा। बात निकल कर सामने यह भी आ रही है कि दोनों ही विधानसभा चुनाव में कमान अपने हाथ में रखना चाहते हैं।

इसमें प्रदेश की विधानसभाओं में टिकट का वितरण भी शामिल है। यह गुटबाजी चली और किसी एक का पलड़ा भारी हुआ तो दूसरे गुट को टिकट नहीं मिलेगा। ऐसे में विरोध होना लाजमी है।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/