उर्दू बचाओ दांडी यात्रा निकली,उर्दू भाषा की अनदेखी पर रोष

Firoz Usmani
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Tonk News (फ़िरोज़ उस्मानी)। *उर्दू है मेरा नाम में खुसरों की पहली, में मीर की हमराज़ हूँ, ग़ालिब की पहली, राजस्थान अधिकारी कर्मचारी माइनोरिटी एसोसिशन प्रदेश उर्दू समिति एवं शमशेर भालू खां उर्दू भाषा के समर्थन में दांडी यात्र पर निकले है। अब तक वो 600 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर चुके है। जगह जगह उनको समर्थन मिल रहा है। उनकी मांग है कि मदरसा पैराटीचर्स को स्थाई किया जाए,राजकीय महाविद्यालयो में उर्दू के पद खोले जाए।

जिसके समर्थन में आज टोंक में भी उर्दू बचाओ आंदोलन समिति के पदाधिकारियों ने दांडी यात्रा निकाली। ये पैदल यात्रा बाड़ा जेरेकीला से टोंक के मुख्य बाज़ारों से होते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुँची। ज़िला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम 8 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने की मांग सहित सरकार द्वारा उर्दू भाषा को बढ़ावा देने की मांग की है।खुर्शीद अनवर ने बताया कि उर्दू की अनदेखी के चलते मुस्लिम समाज मे रोष है, विद्यालयों में उर्दू की अनदेखी की जा रही है, विद्यालयों में उर्दू भाषा पढ़ाने वाले अध्यापकों की कमी है। जिसके चलते बच्चों को उर्दू की तालीम से महरूम होना पड़ रहा है।इस दौरान  सऊद सईदी ,नगर परिषद चैयरमैन अली अहमद ,शब्बीर खान ,एहसान बाबा ,बरक़त हसीन ,यूसुफ इंजीनियर, शाहिद सईद, औसाफ़ खान,कमलेश चावला, मतीन मिर्ज़ा, मुददासर खान,इमदाद खान,हाशिम मसूद,शाहिद खान ,इम्तियाज खान ,खुर्शीद अनवर, नदीम अख्तर, विकार अहमद आदि सहित मुस्लिम समाज के लोगो मौजूद थे ।

*उर्दू है मेरा नाम में खुसरों की पहली, में मीर की हमराज़ हूँ, ग़ालिब की पहली,
*दक्कन के वली ने मुझे गोद मे खिलाया, सौदा के कसीदों ने मेरा हुस्न बढ़ाया, है मीर की अज़मत की मुझे चलना सिखाया, में दाग़ के आंगन में खिली बनकर चमेली, उर्दू है मेरा नाम,,,

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Firoz Usmani Tonk : परिचय- पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्षो से संवाददाता के रूप में कार्यरत हुंॅ, 9 साल से राजस्थान पत्रिका ग्रुप के सांयकालीन संस्करण (न्यूज़ टुडे) में जिला संवाददाता के रूप से कार्य कर रहा हंू। राजस्थान पत्रिका न्यूज़ चैनल में भी अपनी सेवाएं देता रहा हूं। एवन न्यूज चैनल में भी संवाददाता के रूप में कार्य किया है। अपने पिता स्व. श्री मुश्ताक उस्मानी के सानिध्य में पत्रकारिता की क्षीणता के गुण सीखें। मेरे पिता स्व.श्री मुश्ताक उस्मानी ने भी 40 वर्षो तक पत्रकारिता के क्षैत्र में कार्य किया है। देश के कई बड़े न्यूज़ पेपर से जुड़े रहे। 10 वर्ष दैनिक भास्कर में ब्यूरों चीफ रहें।