टोंक नगर परिषद के पक्ष-विपक्ष के पार्षदों का आरोप नगर परिषद में भ्रष्टाचार का बोलबाला

Sameer Ur Rehman

टोंक। नगर परिषद में बोर्ड बैठक नहीं होने से नाराज कांग्रेस और भाजपा (पक्ष-विपक्ष) के पार्षद एक हो गए हैं। उन्होंने बैठक नहीं होने का आरोप सभापति पर लगाते हुए जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया है। पार्षदों की ओर से की गई शिकायतों व भ्रष्टाचार के लगाए गए आरोपों के बाद जिला कलेक्टर के निर्देश पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर शिवचरण मीणा नगर परिषद पहुंचे और अधिकारी-कर्मचारियों से वार्ता की। ज्ञापन में पार्षदों का आरोप था कि नगर परिषद टोंक के बोर्ड गठन के बाद से अब तक साढ़े तीन साल में महज दो ही बैठक हुई है।

जबकि अब तक दो दर्जन से अधिक बैठक होनी चाहिए थी। बल्कि बैठक नहीं बुलाकर नगर परिषद के सभी निर्णय एम्पावर्ड कमेटी के माध्यम से ही किए जा रहे हैं। ऐसे में पार्षदों ने इस बैठक में लिए निणर्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

पार्षदों ने कहा कि नियमित रूप से बैठक होती तो वे उसमें अपनी बात रखी सकते थे। साथ ही शहर और वार्ड में कराए जाने वाले विकास कार्यों की स्वीकृतियां कराई जाती। पार्षदों ने आरोप लगाया कि शहर के वार्डों में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। कई वार्ड में तो अब तक सडक़ नाली तक नहीं बन पाई है। कई वार्ड ऐसे हैं जिनमें करोड़ों रुपए के विकास कार्य कराए दिए। इसके चलते पार्षदों में नाराजगी है।

पार्षदों ने कहा कि उन्होंने बोर्ड बैठक के लिए कई बार सभापति अली अहमद से कहा। लेकिन सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में नगर परिषद के 60 में से 45 कांग्रेस और भाजपा के पार्षद जिला कलक्टर के समक्ष पहुंच गए। जहां उन्होंने बार्ड बनने से लेकर अब तक की गई अनियमितताओं की लाइन लगा दी।

पार्षदों ने आरोप लगाया कि शहर में हाईवे किनारे एक दर्जन कॉलोनियों को नियम विरुद्ध स्वीकृतियां दे दी। खेतों में ही नगर परिषद ने कॉलोनियों की स्वीकृतियां जारी कर दी। जबकि सुमोटो के नियमानुसार वहां आबादी 40 से 60 प्रतिशत होनी चाहिए।

लेकिन खेत को भी घनी आबादी वाली कॉलोनी बताकर सुमोटो में स्वीकृति दे दी। ऐसे में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। इसमें कॉलोनाइजर से मिलीभगत के भी आरोप लगाए हैं। इसी प्रकार सडक़ निर्माण में भी बड़ी गड़बड़ है। सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए की अनियमितताएं की जा रही है।

इन पार्षदों ने सौंपा ज्ञापन

जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने के दौरान नगर परिषद के उपसभापति बजरंग लाल ने भी हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा पार्षद गणेश माहूर, पूर्व सभापित लक्ष्मी जैन, बीना जैन, शब्बीर अहमद, रामदेव गुर्जर, सुनिल बंसल, राजेश केवट, अशरफ गुज, ताबिश अजमल, विष्णु शर्मा, ममता गुर्जर, राहुल गुर्जर, मुकेश किराड, कालू राम सैनी, रामचरण साहू, पूजा वाल्मीकि, यूसूफ इंजिनियर, कान्ता सिंह,

कजोड़ बैरवा, रमेश महावर, राम, गुलफशा, अमजद अली, सोना सैनी, रेशमा बानो, मनीश कुमार सिसोदिया, अताउल्ला खां, अख्तर गुड्डू, वसीम मियां, खालिद, उमरजहां, मोहम्मद आसिफ, सल्तनत बी, सुगना कीर, मुकेश कश्यप, बादल साहू, मुकेश कुमार सैनी, ज्योति सैनी, शाहिदा बानों, हकीकत राय सौडा, रुकसाना व गोमदी देवी शामिल थे।

यह रखी मांग

– 2019 से अब तक जारी पट्टों की जांच

– शिविर में पट्टे नहीं बनाने पर कार्रवाई

– 2019 से अब तक स्वीकृति कॉलोनियों की जांच

– सडक़ निर्माण की जांच

– एम्पावर्ड कमेटी में लिए सभी निर्णयों की जांच

– डाक बंगले के पास सरकारी जमीन के दिए पट्टे की जांच

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