अब निजी अंगरक्षकों के सहारे राज्य की सरकार, मंत्रियों ने रखे नए बाडीगार्ड

liyaquat Ali
3 Min Read

 

जयपुर। विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां तेज होने के साथ ही राजस्थान में नेताओं
और मंत्रियों को अपनी सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। आचार संहिता के चलते मंत्रियों की सुरक्षा में लगे सरकारी सुरक्षा तंत्र को हटा लिए जाने के बाद अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित नेता अब निजी बॉडीगार्ड, बाउंसर तथा गनमैन की सेवाएं लेने जा रहे हैं। कुछ नेता रुतबा दिखाने के लिए भी इनकी सेवाएं लेते हैं।

राज्य में कार्यरत विभिन्न डिटेक्टिव एवं सिक्योरिटी एजेंसियां इन दिन बहुत व्यस्त हैं। राज्य के कई नेता चुनाव के मद्देनजर निजी सुरक्षा एजेंसियों की सेवाएं ले रहे है या इसकी तैयारी में हैं। चुनाव नजदीक आते ही कई नेताओं ने खुद की सुरक्षा के लिये बॉडीगार्ड, बाउंसर और गनमैन की मांग की है। जयपुर के साथ साथ झुंझुंनू, सीकर तथा नागौर जिलों के नेता अपनी सुरक्षा के लिए निजी सिक्योरिटी कंपनियों की ओर
रुख कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि खींवसर से निर्दलीय विधायक और जाट नेता हनुमान बेनीवाल ने अपनी सुरक्षा के लिये बांउसर, गनमैन और सिक्योरिटी गार्ड की मांग की है।
बहुत से नेता सामान्य दिनों में भी सुरक्षा के लिये सुरक्षा गार्ड, बाउंसर आदि की सेवाएं लेते हैं, लेकिन चुनाव से पंद्रह बीस दिन पहले चुनाव कार्यालय खुलने के समय नेताओं को सुरक्षा गार्ड, बाउंसर और बॉडीगार्ड की सेवाएं लेने की खास जरूरत महसूस होती है। उन्होंने बताया किपिछले विधानसभा चुनाव के भी कई नेताओं ने उनकी कंपनी की सेवाएं ली थीं।

कुमावत ने बताया कि आमतौर पर लोकप्रिय नेताओं को चुनाव के समय जनता के
बीच जाने के दौरान अपनी सुरक्षा के लिये निजी सुरक्षा एजेंसियों की सेवाओं की आवश्यकता होती है। उनकी कंपनी महिला बाउंसर और महिला सुरक्षा गार्ड भी उपलब्ध करवाती है।

बढ़ता है रुतबा

आचार संहिता लगने के बाद आमतौर पर निजी सुरक्षा एजेंसी में कार्यरत
सुरक्षाकर्मियों के लाइसेंस शुदा हथियारों को जमा करवाना पड़ता है। निजी
सुरक्षा कंपनियों के कर्मचारी पुलिस आयुक्त और चुनाव आयोग की अनुमति से
लाइसेंसशुदा हथियार रख सकते हैं। इसके लिए बाकायदा प्रार्थना पत्र देकर
जरूरी अनुमति लेने के बाद ही नेताओं को हथियार बंद सुरक्षा कर्मी उपलब्ध
करवाये जाते हैं।  कुमावत के अनुसार सुरक्षा की चिंता के साथ साथ कुछ
नेता जनता के बीच रूतबा दिखाने के लिए भी बाउंसर या बड़ी गन रखने वाले
सुरक्षाकर्मियों की मांग करते हैं।

यह है खर्चा
बाउंसर्स- 1000-1500 रोज
गनमैन- 1500-2500 रोज
हथियारबंद सुरक्षाकर्मी-15000 से 25000 रुपये प्रतिमाह

Share This Article
Follow:
Sub Editor @dainikreporters.com, Provide you real and authentic fact news at Dainik Reporter.
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *