सोमवार शाम से हो रही बारिश का दौर मंगलवार दोपहर तक जारी रहा। पिछले 24 घंटे में कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश होती रही। इससे नदियों-नालों में उफान आ गया। चंबल के आसपास की निचली बस्तियों खाली करवाई जा रही है। वहीं ग्रामीण अंचल में खाल उफनेे से खेतों में पानी भर गया। दूर-दूर तक खेत जलमग्न दिखाई दिए। फसलें गलने से किसानों को फिर से नुकसान झेलना पड़ रहा है। गांधी सागर के 5 गेट खुलने के बाद कोटा बैराज के 10 गेट खोलकर एक लाख 13 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। निचली बस्तियों को खाली कराने की मुनादी कराई।
वर्ष,2006 के बाद पहली बार गांधी सागर के पांच गेट खोल गए हैं। यहां एक लाख क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। इसके बाद राणाप्रताप सागर से भी 1 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी की निकासी भी शुरू कर दी है। इस कारण कोटा बैराज के 12 गेट खोलकर 1 लाख 13 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई। मंगलवार शाम 4 बजे तक बैराज के 2 गेट बंद कर 10 गेट ही खुले हैं। गांधी सागर के गेट खुलने के बाद मध्यप्रदेश और राजस्थान के मुख्य अभियंताओं के बीच वार्ता हुर्ई। दोनों राज्य पल-पल की जानकारी शेयर कर रहे हैं।
इसके लिए विशेष नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। विभाग के अधिकारी कोटा बैराज पर पहुंचकर हालात का जायजा ले रहे हैं। जिला कलेक्टर मुक्तानन्द अग्रवाल ने गांधी सागर से पानी छोड़े जाने के बाद कोटा बैराज का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। अतिरिक्त कलेक्टर वासुदेव मालावत सहित सिंचाई विभाग के अधिकारी भी साथ रहे।