टोंक। जिले के पीपलू उपखंड क्षेत्र के डोडवाड़ी में शंकरलाल हत्याकांड को लेकर शव के साथ धरने पर बैठे ग्रामीणों व प्रशासन के बीच शुक्रवार अल सुबह 4 बजे करीब देर रात सहमति बन गई। इसके बाद परिजनों ने शव को उठाया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम भी कराया। पोस्टमार्टम के बाद शव को पुलिस एवं प्रशासन एंबूलेंस के जरिए मृतक के गांव अरनियाकांकड़ लेकर पहुंची, जहां अंतिम संस्कार किया गया।
अंतिम संस्कार के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली हैं। इससे पहले समझौता वार्ता के दौरान सांसद हनुमान बेनीवाल, आरएलपी विधायक पुखराज गर्ग, इंदिरा देवी बावरी, भाजपा जिला महामंत्री प्रभू बाड़ोलिया, बीसलपुर किसान संघर्ष समिति अध्यक्ष जाकिर हुसैन आदि ने जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल, पुलिस अधीक्षक राजर्षि राज, सीईओ देशलदान सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद रहे।
शुक्रवार सुबह सहमति के बाद सआदत अस्पताल टोंक में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। इस दौरान 50 लाख का मुआवजा, संविदा नौकरी, आरोपियों के खिलाफ 302 हत्या का मामला दर्ज करने पर सहमति बनी। बजरी नाका कार्मिक और पुलिस कर्मचारियों समेत 14 नामजद एवं अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई हैं।
पीपलू थानाधिकारी को लाईन हाजिर करने का भी आश्वासन दिया गया। मालपुरा अति. पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित कर पूरे मामले की जांच सौंपी गई है।
इन मांगों पर बनी सहमति
इस दौरान सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 302 में मामला दर्ज करने, मृतक के परिजनों में से किसी एक को संविदा पर नौकरी देने, पकड़े गए ट्रैक्टर को ठीक कराकर पीडि़त परिवार को सौंपने, मृतक के परिवार को 50 लाख रुपए का आर्थिक मुआवजा दिए जाने की शर्त पर सहमति बनी।
इस दौरान जिला कलेक्टर एवं एसपी ने मौके पर लोगों को निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए दोषी लोगों को सजा दिलाए जाने का आश्वासन दिया। उल्लेखनीय है कि बुधवार सुबह डोडवाडी-गाता मार्ग पर शंकर मीणा का शव झाडिय़ों में संदिग्ध अवस्था में मिला था।
इसको लेकर परिजनों ने पुलिस संरक्षण में बजरी के ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा बेरहमी से मारपीट के बाद हत्या करने का आरोप लगाया था। जिसको लेकर बुधवार से ही परिजनों ने शव को नहीं उठाया और तब से उनका विरोध प्रदर्शन जारी था।