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मोदी सरकार कितने तानाशाही भरे तरीके से काम कर रही है-गहलोत - Dainik Reporters

मोदी सरकार कितने तानाशाही भरे तरीके से काम कर रही है-गहलोत

liyaquat Ali
5 Min Read

इंदिरा गांधी जी को देश की एकता एवं अखण्डता के लिए शहीद होने वाली महान नेता के रूप में जाना जाएगा

Contents
जयपुर, । अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव एवं राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आश्चर्य और अफसोस व्यक्त करते हुए कहा है कि, जो लोग खुद तानाशाही भरे तरीके से देश, सरकार और अपनी पार्टी को चला रहे हैं, वे भारत ही नहीं दुनिया भर में महिला शक्ति की प्रतीक इंदिरा गांधी पर तानाशाही का आरोप लगा रहे हैं। गहलोत ने केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली के हालिया बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, मोदी सरकार कितने तानाशाही भरे तरीके से काम कर रही है, यह हम नहीं स्वयं भारतीय जनता पार्टी के नेता कह रहे हैं। जो कोई चाहे वह इस सम्बन्ध में, समय- समय पर मीडिया में आए, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अरूण शौरी, शत्रुघ्न सिन्हा और घनश्याम तिवाड़ी के बयानों को देख सकता है।उन्होंने कहा कि, भाजपा और आरएसएस के नेताओं को एक झूठ को सौ बार बोलकर “सच जैसा” साबित करने में महारत हासिल है। ऐसा ही वे पिछले 43 वर्षों से आपातकाल के मामले में कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि, सच यह है कि इंदिरा जी ने आपातकाल अपनी कुर्सी बचाने के लिए नहीं अपितु इस देश को बचाने के लिए लगाया। उन्होंने कहा कि, हर साल आपातकाल की वर्षगांठ मनाने वाले देश की जनता और खासतौर पर नई पीढ़ी को यह नहीं बताते कि,उस वक्त इन्होंने देश का क्या हाल कर दिया था? गहलोत ने कहा कि, एक नेता रेल की पटरियों को उखाड़ फेंकने के नारे दे रहे थे तो एक अन्य देश में घूम-घूम कर सेना और पुलिस को सरकार के खिलाफ बगावत करने, उसके आदेशों की अवहेलना करने के लिए उकसा रहे थे। उन्होंने सवाल किया कि, आज तो ऐसे कोई हालात नहीं हैं फिर क्यों सरकार विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया को आजादी से अपना काम नहीं करने दे रही ? क्यों उस गुजरात में लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए आन्दोलन करने वालों पर देशद्रोह के मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं, जिससे स्वयं प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष आते हैं? क्यों किसानों को जगह-जगह लाठी-गोली बरसा कर जेलों में बंद किया जा रहा है?गहलोत ने कहा कि सच वही है जो मैं बार-बार कहता हूं। ये फास्सिट संगठन और मनोवृत्ति के लोग हैं। लोकतंत्र इनके सपनों में भी नहीं आता।गहलोत ने कहा कि, इंदिरा गांधी का अपमान करके भाजपा देश की 60 करोड़ महिलाओं और उनकी हिम्मत-हौंसले का भी अपमान कर रही है। भाजपा और उसके नेता देश की जनता को यह नहीं बताते कि, पाकिस्तान को तोड़कर बंगला देश इंदिरा जी ने बनाया? यह भी नहीं बताते कि अटल बिहारी वाजपेई सरीखे नेता ने तब उन्हें दुर्गा बताया था ? वे देश को यह भी नहीं बताते कि, वह गांधी ही थीं जिन्होंने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया, राजा- महाराजाओं के प्रीविपर्स बंद किए और गरीबी हटाने के लिए बड़े-बड़े कार्यक्रम आरंभ किए।उन्होंने कहा कि, यह गांधी की ही दूरदर्शिता थी जिन्होंने 43 साल पहले देश में जनसंख्या नियंत्रण करने, कच्ची बस्ती और अतिक्रमण हटाने, पेड़ लगाने के कार्यक्रम शुरू किए। आज ये ही सब समस्याएं हैं जिनकी वजह से देश पिछड़ रहा है। गहलोत ने कहा कि, कहीं कोई ज्यादती हुई भी तो उसका समर्थन नहीं किया जा सकता पर वे इंदिरा जी ने तो नहीं कीं। उन्होंने कहा कि, जेटली सहित भाजपा के तमाम नेताओं में यदि जरा सी भी नैतिकता, ईमानदारी और सच के साथ चलने की हिम्मत है तो उन्हें गांधी की आलोचनाओं के लिए देश से माफी मांग कर उनके दिए कार्यक्रमों पर तेजी से अमल शुरू करना चाहिए।

जयपुर, । अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव एवं राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आश्चर्य और अफसोस व्यक्त करते हुए कहा है कि, जो लोग खुद तानाशाही भरे तरीके से देश, सरकार और अपनी पार्टी को चला रहे हैं, वे भारत ही नहीं दुनिया भर में महिला शक्ति की प्रतीक इंदिरा गांधी पर तानाशाही का आरोप लगा रहे हैं।
गहलोत ने केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली के हालिया बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, मोदी सरकार कितने तानाशाही भरे तरीके से काम कर रही है, यह हम नहीं स्वयं भारतीय जनता पार्टी के नेता कह रहे हैं। जो कोई चाहे वह इस सम्बन्ध में, समय- समय पर मीडिया में आए, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अरूण शौरी, शत्रुघ्न सिन्हा और घनश्याम तिवाड़ी के बयानों को देख सकता है।

उन्होंने कहा कि, भाजपा और आरएसएस के नेताओं को एक झूठ को सौ बार बोलकर “सच जैसा” साबित करने में महारत हासिल है। ऐसा ही वे पिछले 43 वर्षों से आपातकाल के मामले में कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि, सच यह है कि इंदिरा जी ने आपातकाल अपनी कुर्सी बचाने के लिए नहीं अपितु इस देश को बचाने के लिए लगाया। उन्होंने कहा कि, हर साल आपातकाल की वर्षगांठ मनाने वाले देश की जनता और खासतौर पर नई पीढ़ी को यह नहीं बताते कि,उस वक्त इन्होंने देश का क्या हाल कर दिया था?

 गहलोत ने कहा कि, एक नेता रेल की पटरियों को उखाड़ फेंकने के नारे दे रहे थे तो एक अन्य देश में घूम-घूम कर सेना और पुलिस को सरकार के खिलाफ बगावत करने, उसके आदेशों की अवहेलना करने के लिए उकसा रहे थे। उन्होंने सवाल किया कि, आज तो ऐसे कोई हालात नहीं हैं फिर क्यों सरकार विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया को आजादी से अपना काम नहीं करने दे रही ? क्यों उस गुजरात में लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए आन्दोलन करने वालों पर देशद्रोह के मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं, जिससे स्वयं प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष आते हैं? क्यों किसानों को जगह-जगह लाठी-गोली बरसा कर जेलों में बंद किया जा रहा है?

गहलोत ने कहा कि सच वही है जो मैं बार-बार कहता हूं। ये फास्सिट संगठन और मनोवृत्ति के लोग हैं। लोकतंत्र इनके सपनों में भी नहीं आता।

गहलोत ने कहा कि, इंदिरा गांधी का अपमान करके भाजपा देश की 60 करोड़ महिलाओं और उनकी हिम्मत-हौंसले का भी अपमान कर रही है। भाजपा और उसके नेता देश की जनता को यह नहीं बताते कि, पाकिस्तान को तोड़कर बंगला देश इंदिरा जी ने बनाया? यह भी नहीं बताते कि अटल बिहारी वाजपेई सरीखे नेता ने तब उन्हें दुर्गा बताया था ? वे देश को यह भी नहीं बताते कि, वह गांधी ही थीं जिन्होंने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया, राजा- महाराजाओं के प्रीविपर्स बंद किए और गरीबी हटाने के लिए बड़े-बड़े कार्यक्रम आरंभ किए।

उन्होंने कहा कि, यह गांधी की ही दूरदर्शिता थी जिन्होंने 43 साल पहले देश में जनसंख्या नियंत्रण करने, कच्ची बस्ती और अतिक्रमण हटाने, पेड़ लगाने के कार्यक्रम शुरू किए। आज ये ही सब समस्याएं हैं जिनकी वजह से देश पिछड़ रहा है। गहलोत ने कहा कि, कहीं कोई ज्यादती हुई भी तो उसका समर्थन नहीं किया जा सकता पर वे इंदिरा जी ने तो नहीं कीं। उन्होंने कहा कि, जेटली सहित भाजपा के तमाम नेताओं में यदि जरा सी भी नैतिकता, ईमानदारी और सच के साथ चलने की हिम्मत है तो उन्हें गांधी की आलोचनाओं के लिए देश से माफी मांग कर उनके दिए कार्यक्रमों पर तेजी से अमल शुरू करना चाहिए।

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