हिण्डोली /राम अवतार धाभाई । “सांच को आंच नहीं” वाली कहावत एक बार फिर उस समय चरितार्थ हुई जब पंचायत समिति हिण्डोली की पूर्व प्रधान श्रीमती ममता गुर्जर (Mamta Gurjar) के विरुद्ध राजकार्य में बाधा से संबंधित प्रकरण को दुर्भावना से प्रेरित मानते हुए समाप्त कर दिया गया।
जिला परिषद बून्दी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने 20 जुलाई 2018 को पंचायत समिति हिण्डोली की पूर्व प्रधान श्रीमती ममता गुर्जर के विरूद्ध कार्यालय महात्मा गांधी नरेगा, अटल सेवा केन्द्र में कार्यालय समय में ताला लगाने एवं राजकार्य को प्रभावित करने संबंधी आरोप पत्र व आरोप विवरण पत्र तैयार कर सक्षम स्तर के अधिकारी से जांच करवाने के लिए भिजवाया गया था। जिसकी विस्तृत जांच संभागीय आयुक्त कोटा द्वारा की गई थी। जांच रिपोर्ट में पूर्व प्रधान ममता गुर्जर पर आरोप प्रमाणित होना पाया गया था।
इस प्रकरण में पूर्व प्रधान ममता गुर्जर को राज्य सरकार के स्तर पर सुनवाई का अवसर दिया गया था। जिस पर पूर्व प्रधान ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग के शासन सचिव के समक्ष की गई अपील को सुना गया। शासन सचिव ने पत्रावली का अवलोकन करने के पश्चात उक्त प्रकरण दुर्भावना से प्रेरित होना मानते हुए प्रकरण को समाप्त करने के आदेश प्रदान किया।