
नई दिल्ली/ जयपुर/ राजस्थान की बेटी और भारतीय पुलिस सेवा आईपीएस अधिकारी श्रीमती प्रीति जैन प्रदेश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी हैं जिसे केंद्रीय वित्त मंत्रालय में सीधे डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर नियुक्ति मिली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजस्थान कैडर के ब्यूरोक्रेट्स पहली पसंद बनते जा रहे हैं । और राजस्थान के ब्यूरोक्रेट्स ने अपनी कार्यशैली से ऐसे झंडे गाड़े हैं कि राजस्थान का नाम रोशन किया है ।
राजस्थान के श्रीगंगानगर की बेटी प्रीति जैन 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं प्रीति जैन ने अर्थशास्त्र में एम फिल की डिग्री हासिल की है और वह टोंक हनुमानगढ़ और दौसा जिले में पुलिस अधीक्षक रह चुकी हैं।
प्रीति जैन की इकोनॉमिक्स में विशेष योग्यता को देखते हुए धानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन्हें मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर नित्य दिए वित्त मंत्रालय और केंद्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण मंत्रालय के स्तर पर प्रीति जैन का साक्षात्कार लेने के बाद हुए डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर लगाया गया।
अब वे सीधे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को रिपोर्ट करेगी यह पहला अवसर है जब राजस्थान के वीरों के सी में पहला कोई आईपीएस अधिकारी केंद्रीय वित्त मंत्रालय में नियुक्ति पर सिद्ध डिप्टी सेक्रेटरी लगा है।
जबकि प्राय आईपीएस अधिकारियों को सीबीआई आइटीबीपी सीआरपीएफ बीएसएफ जैसे पुलिसिया अर्धसैनिक बलों में नियुक्तियां दी जाती है।
इससे पहले हाल ही में आईएएस सुधांशु पंत को जहाजरानी मंत्रालय में सीधे सचिव के पद पर लगाए गए हैं पिछले 2 दशक में वह पहले राजस्थान के ऐसे आईएएस अधिकारी हैं जिन्हें सीधे किसी केंद्रीय मंत्रालय में सचिव के पद पर लगाए गए हैं।
आमतौर पर केंद्र में पहली नियुक्ति डिप्टी सचिव अतिरिक्त सचिव संयुक्त सचिव जैसे पदों पर की जाती है। सुधांशु पंत की गिनती राजस्थानी नहीं बल्कि देश के सोहना रेडियंट अधिकारियों में गिना जाता है डेढ़ साल पहले पंत दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में ही तैनात थे ।
फिर उन्हें राजस्थान बुलाया गया या आए तो उन्हें यहां राजस्थान में जलदाय विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाया गया था यह तीन ट्रांसफर के बाद करीब 9 महीने पहले स्वयं सुधांशु पंत ने वापस दिल्ली जाने के लिए आवेदन किया गया था और वहां उनका प्लेसमेंट भी हो गया था ।
लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें दिल्ली जाने की इजाजत नहीं दी 1 महीने पहले ही उन्हें दिल्ली जाने की इजाजत राज्य सरकार द्वारा मिली और वहां केंद्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण मंत्रालय डीओपीटी में उन्हें जलमार्ग जहाजरानी मंत्रालय में सचिव के पद पर लगाया गया है।
केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर वर्तमान में राजस्थान कैडर के 29 आईएएस और आईपीएस अधिकारी तैनात हैं जबकि इससे पहले प्राय 15 से 20 आईएएस आईपीएस अधिकारियों की संख्या ही रहती थी लेकिन इतनी बड़ी संख्या में राजस्थान कैडर के अधिकारी पहली बार केंद्र में गए हैं।
इससे पहले जब नरेंद्र मोदी पहली बार 2014 में प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी सुभाष चंद्र गर्ग सुनील अरोड़ा और राजीव महर्षि को केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर लिया था और इन तीनों आईएएस अधिकारियों ने जो उपलब्धि हासिल की वह राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी के 75 साल के इतिहास में किसी आईएएस अधिकारी को नहीं मिली थी।