टोंक (फ़िरोज़ उस्मानी)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच की तनातनी कौन नही जानता, आए दिन दोनों के बीच की बयानबाज़ी भी चलती रहती है।
दोनों कई मुद्दों को लेकर एक दूसरे पर कटाक्ष करते है,, लेकिन अब तो मुख्यमंत्री के मंत्री का भी विरोध पायलट के गढ़ में होना शुरू हो गया है। ऐसा ही एक मामला सोमवार को देखने मे आया है।
मंगलावर को अल्पसंख्यक मामलात, वक़्फ़, उपनिवेशक, सिंचित क्षेत्र विकास एवं जल उपयोगिता विभाग व टोंक प्रभारी मंत्री शाले मोहम्मद मुख्यमंत्री की बजट में की गई घोषणा के तहत राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों का उद्घाटन करने पहुचे थे,,जिसकी शुरुआत उन्होंने टोंक विधायक सचिन पायलट की विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत देवली भाँचीं से की।
उद्घाटन के बाद मंत्री मीडिया से रूबरू हो रहे थे,, मीडिया को मुख्यमंत्री की योजनाओं की जानकारी भी दे रहे थे, उसी समय अचानक कुछ ग्रामीण वहां पहुँच गए,, मंत्री का घेराव करने लगे,, ग्रामीणों का आरोप था कि ग्राम में फ्लोराइड युक्त पीने का पानी आता है,, यही नही सीवरेज का गंदा पानी भी आ जाता है, तथा चारागाह भूमि पर अतिक्रमण की समस्या है।
शाले मोहम्मद ने ग्रामीणों की समस्या सुनते हुए कहा कि आपके घरों में पीने का सही पहुँच रहा है, मेने किसी से भी ऐसी समस्या नही सुनी,,, फिर भी आप कहते हो तो आपके घरों पर भी चेक करा दिया जाएगा, टोंक ज़िला कलक्टर चिन्मयी गोपाल ने भी उनको आश्वासन दिया।
पूरे मामले को लेकर मीडिया से बात करते हुए शाले मोहम्मद ने कहा कि ऐसी कोई समस्या नही है,, कोई विपक्ष के लोग ऐसा कर रहे थे।
अगर देखा जाए तो पूरा घटनाक्रम सुनियोजित ही दिखाई दिया,,, अब ये सवाल ये उठता है कि अगर ये सुनियोजित था तो किस के इशारे पर ये किया गया।
अगर वाकई समस्या थी तो पहले ही कांग्रेस के ज़िम्मेदार नेताओं ने इसकी और ध्यान क्यों नही दिया,, हालांकि मंत्री के साथ पायलट खेमे के निवर्तमान टोंक कांग्रेस जिलाध्यक्ष लक्ष्मण गाता भी मौजूद थे।
कुल मिलाकर मंत्री शाले मोहम्मद का घेराव व विरोध चर्चा का विषय ज़रूर बना हुआ है,,, आमजन इसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच की राजनीति से जोड़ कर देख रहे है,,, पूरे घटनाक्रम देख कर ग़ालिब का एक शेर याद आता है,, बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले