संकाय में विषय बढाये गए है और न ही अन्य फैकल्टी चालू की गई
अलीगढ़/बनेठा, (शिवराज मीना/संजय सेन)। उनियारा उपखण्ड क्षैत्र के उपतहसील मुख्यालय बनेठा स्थित राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में पिछले 25 वर्षो से न तो कला संकाय में विषय बढाये गए है और न ही अन्य फैकल्टी चालू की गई। जिसके कारण से क्षैत्र के आसपास के दर्जनों गांवो के विद्यार्थी मजबूर होकर अन्यत्र जाकर पढने को विवश है। गौरतलब है कि कस्बे में राजकीय माध्यमिक विद्यालय को सन् 1993 मे क्रमोन्नत किया गया था तथा कला फैकल्टी में इतिहास राजनीति विज्ञान और हिन्दी साहित्य विषय शुरू किए गए थे, तब से आज तक विद्यार्थी इन तीनों विषयो को ही पढते आ रहे है। इन 25 वर्षो के दौरान कला संकाय में न तो अन्य विषय खोले गए और न ही अन्य फैकल्टी राज्य सरकार द्वारा लगाई गई। कला संकाय में अन्य विषय और प्रेक्टिकल विषय लेने वाले विद्यार्थियों को मजबूर होकर जिला मुख्यालय तथा तहसील मुख्यालय का रूख करना पड रहा है। इन वर्षो के दौरान कई बार ग्रामीणों तथा विद्यार्थियो द्वारा विद्यालय में फैकल्टी बढाने की मांग की गई, मगर वह आश्वासन तक सिमट कर रह गई और कागजो मे दब गई। कस्बे सहित आसपास के दर्जनों गांवो के लगभग 200 विद्यार्थी टोंक व सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर प्रवेश लेकर अध्ययन करते है जिससे अभिभावको पर पढाई लिखाई के साथ साथ आर्थिक खर्चे का भी भार पडता है। अगर सरकार द्वारा कला संकाय में ही कुछ प्रैक्टिकल विषय बढा दिए जाये तो सैकंडो छात्रो को इसका लाभ मिल सकेगा और पढा़ई करने के लिए अन्यत्र नही जाना पड़ेगा ।
विद्यालय का यह है इतिहास
बनेठा कस्बे में उनियारा ठिकाना द्वारा सन् 1935 मे प्राथमिक विद्यालय का शुभारंभ किया गया। उसके बाद सन 1954 में उच्च प्राथमिक तथा 1972 मे माध्यमिक विद्यालय के रूप में क्रमोन्नत किया गया। इसके पश्चात तत्कालीन सरकार द्वारा अगस्त 1993 में उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत किया गया। तब से लेकर आज तक न तो विषय बढ पाये और न ही फैकल्टी की बढोतरी हुई है।
रूपपुरा में खोला, फिर से बंद कर दिया गया
कस्बे से दो किमी दूर राउमावि रूपपुरा में गत वर्ष विज्ञान संकाय खोला गया था मगर स्थानीय अध्यापको और विद्यार्थीयो की रूचि के अभाव में कुछ महीनो बाद ही विज्ञान संकाय को वापस बंद कर दिया गया। अगर रूपपुरा ग्राम पंचायत की बजाय बनेठा के राउमावि में विज्ञान संकाय खोला दिया होता तो विद्यार्थियो को विज्ञान संकाय का लाभ मिलता।