Tonk News। मौलाना आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान का बुधवार कोे अवलोकन के दौरान जिला कलेक्टर ओम प्रकाश बैरवा ने कहा कि यह संस्थान संपूर्ण मानवता को शांति का पैगाम देता है। इतिहास, संस्कृति, सभ्यता, भाषा, ज्ञान, कलाकारी, धार्मिक संदेश, विभिन्न प्रकार की विशेषताओं को संजोये यह शोध संस्थान निश्चित रूप से विश्व में अनूठा है। उन्होंने अरबी, फारसी, उर्दू एवं संस्कृत भाषाओं के ज्ञान और इस ज्ञान को शोधकर्ताओं के लिए अत्यंत उपयोगी बताया।
जिला कलेक्टर ने संस्थान के अवलोकन के दौरान चल रहे कार्यों की जानकारी ली। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक मुजीब अता आजाद ने जिला कलेक्टर को बताया कि मौलाना आजाद के विचार और व्यक्तित्व के आधार पर शोध संस्थान को विकसित किया जा रहा है।
संस्थान के अनेक कार्य संसाधनों के अभाव में रुके हुए हैं जिनको गति दिए जाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। उन्होंने भविष्य में बनाए जाने वाले म्यूजियम और पब्लिकेशन की जानकारी भी दी।
जिला कलेक्टर डॉ. ओम प्रकाश बैरवा ने दुनिया की सबसे बड़ी हस्तलिखित कुरान को देखकर अभिभूत हुए। संस्थान के संग्रहालय में अरबी-फारसी एवं संस्कृत भाषाओं के बहुमूल्य ग्रंथो व पांडुलिपियों को देखा उनकी सराहना की।
साथ ही, इतिहास में गहन रुचि के कारण जिला कलेक्टर ने अनेक ऐतिहासिक तथ्यात्मक प्रश्न कर अपनी जिज्ञासा और इतिहास के प्रति आकर्षण को प्रकट किया। टोंक रियासत से जुड़े हुए ऐतिहासिक संस्मरणों की जानकारी लेते हुए कहा कि तत्कालीन शासकों द्वारा कराए कार्य अनुकरणीय रहे हैं। उन्होंने निदेशक को संस्थान की तरक्की के लिए अपने स्तर पर सहयोग के लिए आश्वस्त किया।