अलवर
राजस्थान पुलिस द्वारा मॉब लिंचिंग के शिकार पहलू खान के खिलाफ गोतस्करी के मामले में चार्जशीट दायर करने के बाद सियासत शुरू हो गई है। बीजेपी के नेता ज्ञानदेव आहूजा ने पहलू के पूरे परिवार को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। कुछ देर बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सामने आए। उन्होंने कहा कि यह चार्जशीट बीजेपी सरकार के दौरान हुई जांच के आधार पर दाखिल की गई है।
उन्होंने कहा, केस की जांच पिछली बीजेपी की सरकार के दौरान की गई थी और चार्जशीट तैयार की गई। अगर जांच में कोई गलती पाई जाती है तो केस की दोबारा जांच कराई जाएगी। बताया गया है कि पहलू खान के खिलाफ चार्जशीट पिछले साल 30 दिसंबर को ही तैयार कर ली गई थी। इससे 13 दिन पहले राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार सत्ता में आ चुकी थी।
गौरतलब है कि राज्य में पिछली बीजेपी की सरकार के समय में भी ऐसी ही एक चार्जशीट खान के दो सहयोगियों के खिलाफ दायर की गई थी, जिन पर भीड़ ने हमला किया था। इस केस में दो एफआईआर दर्ज हैं। पहली भीड़ के खिलाफ खान की पीट-पीटकर हत्या को लेकर है और दूसरी, पहलू खान और उनके परिवार के खिलाफ गोतस्करी का है।
पुलिस इससे पहले पहलू खान की लिंचिंग के 6 आरोपियों को क्लीन चिट दे चुकी है। पुलिस का यह फैसला कथित तौर पर गोशाला के स्टाफ के बयानों और मोबाइल फोन रिकॉड्र्स पर आधारित था।
हरियाणा में डेयरी का व्यवसाय करने वाले पहलू खान पर 1 अप्रैल को अलवर में बेहरोड़ के पास गोरक्षकों ने हमला किया था। दो दिन बाद पहलू की अस्पताल में मौत हो गई थी।
ओवैसी का सरकार पर निशाना
शनिवार को जैसे ही यह खबर मीडिया में आई तो असदुद्दीन ओवैसी ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर हमला बोल दिया। उन्होंने राजस्थान के मुसलमानों से कहा कि सत्ता पाने के बाद कांग्रेस भी बीजेपी की कॉपी बन गई है। ऐसे लोगों और संगठनों को नकार दीजिए जो कांग्रेस पार्टी के दलाल हैं। ओवैसी ने यह भी कहा कि मुसलमानों को अपना स्वतंत्र राजनीतिक प्लैटफॉर्म तैयार करना चाहिए। 70 साल का लंबा समय बीत गया है और अब बदलाव का वक्त आ गया है।