जयपुर । राजस्थान में एक बार फिर से सरकारी स्कूलों का एकीकरण करने की कवायत है लेकिन इस बार एकीकरण का मापदंड पिछले एकीकरण के दौरान अपनाए गए मापदंड से अलग होगा ।
इसे एकीकरण को लेकर समाज स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है जो अपनी रिपोर्ट निदेशारे को देगी भाजपा के पिछले शासन के दौरान भी एकीकरण करते हुए करीब 20000 स्कूलों को बंद किया गया था।
प्रदेश की सरकारी स्कूलों का फिर एकीकरण होगा। इस बार भी प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों को नजदीकी सीनियर सैकंडरी स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। इस बार एकीकरण का आधार नामांकन नहीं स्कूल की कक्षाएं होंगी।
जिसमें कक्षा 6 से 12 व 9 से 12 तक संचालित 186 सरकारी स्कूलों में एक साथ कक्षा एक से 12 तके संचालन के लिए नजदीकी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों को उनमें समन्वित किया जाएगा।
एकीकरण को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने आदेश जारी कर संभाग स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है।
शिक्षा निदेशालय के अनुसार प्रदेश में 186 स्कूल में प्राथमिक कक्षाओं का संचालन नहीं हो रहा। इनमें कक्षा 6 से 12 की 131 तथा कक्षा 9 से 12 के 55 स्कूल शामिल हैं। इनमें नजदीकी स्कूलों को मर्ज कर यहां कक्षा एक से 12 तक एक साथ संचालन होगा। एकीकरण के पीछे निदेशक ने नई शिक्षा नीति, अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षण व्यवस्था व 15 फरवरी को शिक्षा मंत्री की बैठक के फैसले का हवाला दिया है।
कमेटी इस बात की जांच करेगी कि कक्षा एक से 12 की बजाय कक्षा 6 से 12 व 9 से 12 का स्कूल का संचालन किन कारणों से किया जा रहा है,तथा यदि इन स्कूलों में नजदीकी स्कूल मर्ज करें तो कक्षा 1 से 12 तक संचालन के लिए उसका भवन पर्याप्त होगा या नहीं। स्कूल मर्ज होने पर छात्राओं को आने-जाने में किसी तरह की असुविधा का सामना तो नहीं करना पड़ेगा।