ED के अतिरिक्त निदेशक के खिलाफ 5 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप FIR दर्ज, गिरफ्तार 

Dr. CHETAN THATHERA
5 Min Read

जयपुर/ केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI)ने दिल्ली के चर्चित शराब नीति घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक पर आरोपी से मदद के नाम पर 5 करोड रुपए की रिश्वत लेने का और आप को लेकर अतिरिक्त निदेशक सही 6 जनों के खिलाफ मामला (FIR) दर्ज की गई है।

केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा दर्ज की गई फिर के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय के अतिरिक्त निदेशक पवन खत्री और पांच अन्य आरोपियों जिम नितेश कोहर (अपर डिविजन क्लर्क ),दीपक सागवान (एयर इंडिया कर्मचारी) अमनदीप सिंह ढल ,वीरेंद्र पाल सिंह, प्रवीण कुमार वत्स( चार्टर्ड अकाउंटेंट और विक्रमादित्य (क्लेरिजेज होटल एंड रिचर्ड्स के सीईओ) शामिल है।

दिल्ली शराब नीति मामले में जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी को जांच के दौरान पता चला कि प्रवर्तन निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारियों के नाम पर पैसा वसूला जा रहा है इस मामले में वीरेंद्र पाल सिंह जिसे प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच एजेंसी दोनों ने गिरफ्तार किया था वह अमन ढल के पिता है जिसे अभी अमन को भी आरोपी बनाया गया है।

सूत्रों के अनुसार केंद्रीय जांच एजेंसी को चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रवीण वत्स ने पूछताछ में बताया था कि दीपक सागवान जो कि एयर इंडिया का सहायक जनरल मैनेजर है ने उसे भरोसा दिलाया था कि वह शराब नीति मामले में अमन ढल के लिए मदद करवा देगा।

जिससे अमन की गिरफ्तारी नहीं होगी ऐसा कह कर दीपक ने कुछ रुपए लिए थे दीपक ने प्रवीण को पवन खत्री जो की 2022 में एड के अतिरिक्त निदेशक थे से भी मिलवाया था दीपक के विश्वास पर प्रवीण ने अमानत से 3 करोड रुपए लिए थे ।

यह राशि दिसंबर 2022 से जनवरी 2023 के बीच 50- 50 लख रुपए की 6 किस्तों में दी गई थी अमन ने यह रुपए अपने एक आदमी के जरिए प्रवीण के घर भिजवाए थे केंद्रीय जांच एजेंसी को जांच के दौरान परवीन के घर से 2.19 करोड रूपए नकद बरामद किए थे।

इसके अलावा दीपक सागवान के घर से 6 जनवरी को 99 पृष्ठ की एक सप्लीमेंट्री प्रॉस्टिट्यूशन कंप्लेंट शिकायत मिली थी इसमें दीपक के सीनियर प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारों के नाम पर रुपए लेने का पता चला था बाकी के दस्तावेज प्रवर्तन निदेशालय के अतिरिक्त निदेशक पवन खत्री के आवास से मिले थे।

1934 करोड के घोटाले मे कितनी राशि जब्त की

दिल्ली शराब नीति मामले में कल 1934 करोड रुपए का घोटाला किया गया था और इसमें प्रवर्तन निदेशालय ने अब तक कुल 128.78 करोड़ की संपत्ति जप्त की है और तेरा आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

क्या है शराब नीति घोटाला

दिल्ली में पुरानी शराब नीति के तहत एल 1और एल 10 लाइसेंस रिटेल वेंडर को दिया जाता है इसमें L1 दुकान डीडीए से अप्रूव्ड अर्थात निर्धारित बाजार स्थानीय शॉपिंग सेंटर कन्वेनिएंट शॉपिंग सेंटर जिला केंद्र और कम्युनिटी सेंटर में चला करती थी।

लेकिन दिल्ली में 17 नवंबर 2021 को शराब के लिए नई आबकारी नीति होने तक 849 शराब की दुकान थी इनमें से 60% दुकान सरकारी और 40% निजी थी लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर को नई शराब नीति को मंजूरी दी।

इसने शराब नीति कहते दिल्ली में शराब की सरकारी दुकानों को बंद कर दिया गया और नई नीति को लागू करने के लिए दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया था तथा हर जोन में 27 शराब की दुकान थी इन दुकानों का मालिक आना हक जॉन को जारी किए गए लाइसेंस के तहत दिया गया था हर वार्ड में दो से तीन वेंडर को शराब बेचने की अनुमति दी गई।

उपराज्यपाल और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को सौंप गई रिपोर्ट के अनुसार आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना ही शराब नीति में बदलाव किया जैसे कि कोरोना महामारी के नाम पर 144.36 करोड रुपए के टेंडर लाइसेंस फीस माफ करना प्रमुख है।

आप है कि इसमें शराब ठेकेदारों को सिसोदिया और आम आदमी पार्टी सरकार ने ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया और इससे मिले कमीशन का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव में किया हालांकि इस बड़ी बवाल और कार्रवाई के बाद 4 महीने के पक्ष थी नई शराब नीति को वापस ले लिया गया था।

Share This Article
Follow:
चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम