जयपुर। बीजेपी में चुनावी रणनीति के तहत घर वापसी का कार्यक्रम चल रहा है। इसके तहत उन बागी नेताओं की फिर से वापसी हो चुकी है जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनावों में कमल के सिम्बल के खिलाफ चुनाव लड़ा था। ऐसे करीब 51 नेता हैं जो 2013 के विधानसभा चुनावों में बागी बनकर सामने आये थे। इनमें से कुछ की घर वापसी हो चुकी है।
बागियों की सूची में डॉ.किरोड़ी लाल मीणा, सुमित्रा सिंह जैसे दिग्गजों की घर वापसी हो चुकी है। मिशन 180 के लक्ष्य तक पहुंचने में जुटी राज्य की बीजेपी ने रणनीतिक और कूटनीतिक फैसले के तहत विद्रोहियों को फिर से शामिल करना शुरू कर दिया है। वो बागी जो बीते विधानसभा चुनावों में अपनों के खिलाफ ही हुंकार भर चुके है उन्हें वापिस लेने के लिये बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व ने नरमी बरती है। जो बागी फिर से मुख्यधारा में लौटना चाहता है उनका ससम्मान स्वागत किया जा रहा है। बागियों की फेहरिस्त में डॉ. किरोड़ी लाल मीना, रणधीर सिंह भिंडर,माणिक चंद सुराणा जैसे मौजूदा विधायकों के नाम थे इनमें डॉ.किरोड़ी की घर वापसी हो चुकी है।
ये थे भाजपा के प्रमुख बागी
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, देवी शंकर भूतड़ा, नवीन शर्मा, राजेन्द्र गहलोत, रणधीर सिंह भिंडर, धर्मेन्द्र कुमार मोची, सुमित्रा सिंह, राजकुमारी शर्मा, नरेन्द्र कुमार, अनिल जैन (पूर्व विधायक), ऋतु बानावत, प्रोमिला कुंडारा(पूर्व विधायक)। डॉ किरोड़ी लाल मीना,गोलमा देवी और गीता वर्मा बीजेपी में लौट चुके है । निर्दलीय विधायक माणिक चंद सुराणा और, रणधीर भिंडर, नरेन्द्र का बीजेपी से अभी भी जुड़ाव है । कई और बागी नेता है जो आने के लिये लालायित और कुछ ऐसे है जिन्होंने पत्ते नहीं खोले हैं। नवीन शर्मा, ऋतु भानावत जैसे बागी बीजेपी में आ चुके है। अगर यह वाहिनी से टूटते है स्थानीय इलाकों में वाहिनी को नुकसान पहुंचेगा। ज्यादातर नेता बागी इसलिये बने थे कि उन्हें बीते चुनावों में पार्टी का टिकट नहीं मिला था लेकिन अकेले के दम पर यह अच्छे वोट लेकर आये थे ।