
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
डॉ सतीश सेहरा के तबादला निरस्त कराने को लेकर चाकसू में जनाक्रोश रैली निकाल कर एसडीएम को दिया ज्ञापन…
जनाक्रोश रैली का महिलाओं ने किया प्रतिनिधित्व…
निवाई, चाकसू (विनोद सांखला/मदन कोथुनियां ) चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में पहली बार ऐसा वाक्या सामने आया जब एक डाक्टर के तबादला होने के खिलाफ भारी संख्या में जनसैलाब उमड़ पड़ा। चाकसू के कोटखावदा मोड से लेकर उप जिला कलेक्टर कार्यालय तक सिर्फ एक ही मांग गूंजती रही…. डॉक्टर सतीश सेहरा का तबादला निरस्त हो…निरस्त हो। हजारों की तादाद में जनसमुदाय आन्दोलित व आक्रोशित होकर नारे लगाते हुए उपखण्ड कार्यालय पहुंचा एवं मुख्यमंत्री के नाम लिखा हुआ ज्ञापन एसडीम को प्रस्तुत किया।
चाकसू के इतिहास में संभवतः यह पहला ऐसा अवसर है जब किसी सरकारी अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक के पक्ष मे इतनी बडी तादाद में जनसमुह उमड पडा हो। लोगो में स्थानीय विधायक के प्रति गहरा आक्रोश नजर आया कि क्षेत्र में आमजन के स्वास्थ्य के प्रति सदैव जागरुक रहने, बिना किसी भेदभाव या स्वार्थ के सेवा करने वाले मृदुभाषी, मिलनसार एवं सेवा भावी चिकित्सा अधिकारी को बिना किसी शिकायत के बारां तबादला करवा दिया।उपस्थित लोगो का कहना था कि राजनीतिक द्वेषता से तबादला कराने वालों की साजिश को बख्शा नहीं जाएगा।
गौरतलब है कि चाकसू के सैटेलाइट हॉस्पिटल में सेवारत डाक्टर सतीश कुमार सेहरा गत दिनों विद्वेषता के चलते तबादला कर दिया गया था। इससे चाकसू के आमजन में भारी जनाक्रोश व्याप्त हो गया। तबादले के बाद से ही चाकसू के सैटेलाइट हॉस्पिटल की चिकित्सा व्यवस्थाएं व्यवस्थाएं चरमरा गई। गरीब व आमजन मरीजों को अस्पताल में भारी परेशानियों से जूझना पडा। उल्लेखनीय है कि डॉक्टर सेहरा के मिलनसार व्यवहार के चलते सबसे अधिक मरीजों की भीड़ हमेशा लगी रहती थी। इससे सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित हुई और इन महिलाओं के प्रतिनिधित्व में ही आज मंगलवार को जनाक्रोश रैली निकालकर कर डा सेहरा का तबादला निरस्त कराने की मुख्यमंत्री से मांग की है।
डॉ सतीश सेहरा के समर्थन पर चाकसू क्षेत्र का समस्त जनसमुदाय आंदोलन के लिए सड़कों पर आया। महिलाएं, पुरुष,वृद्ध, बालक व बालिकाओं में एक ही चर्चा रही कि क्यो कर हटाया ऐसे निस्वार्थ समाज सेवी देव पुरुष को। डॉक्टर सतीश सेहरा का तबादला निरस्त करवा कर वापस रखेंगे, ऐसा संकल्प सभी ने लिया।चाकसू में जब तक सेहरा वापस नही आते संघर्ष जारी रखने का निर्णय लिया गया।