भरतपुर ( राजेंद्र शर्मा)।भरतपुर जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के ढुलमुल रवैये के चलते कुछ निजी विद्यालय अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
उनके लिए राज्य सरकार, जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिखित आदेशों की पालना नहीं करना नई बात नहीं है। जिसकी सिर्फ एक ही वजह है कि अधिकारियों के द्वारा निर्देश तो जारी कर दिए जाते हैं लेकिन उनकी पालना के लिए किसी प्रकार की जांच या निरीक्षण की रणनीति नहंी बनाई जाती है।
जबकि शिक्षा राज्यमंत्री जाहिदा खान भरतपुर जिले से विधायक हैं और उन्हें अभी हाल में मुख्यमंत्री की ओर से पॉवर भी दी गई हैं लेकिन भरतपुर के शिक्षा विभाग के आलाअधिकारी और स्कूल संचालक मनमानी कर रह है।
भरतपुर में पड रही कडाके की ठण्ड के चलते एक डिग्री तापमान पहंुच जाने एवं आगामी समय में सर्दी का भारी प्रकोप रहने की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर भले ही जिला कलेक्टर के द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि आगामी 5 जनवरी तक विद्यालयों में शीतकालीन अवकाश रहेगा।
ऐसे में स्कूल में पढाई कराते पाए जाने पर संबंधित विद्यालय के अभाव में कार्यवाही की जाएगी। आदेशों की पालना नहीं करने पर ऐसे स्कूलों की मान्यता भी रद्द करने की प्रक्रिया अमल में लाए जाने के प्रावधान हैं।
लेकिन शहर के दर्जनों विद्यालयों को इन आदेशों से कोई मतलब सरोकार नहीं हैं। इन स्कूलों के संचालकों के द्वारा भारी सर्दी एवं सुबह कोहरा रहने के बावजूद भी धडल्ले से विद्यार्थियों को जबरन पढने के लिए बुलाया जा रहा है।
जबकि बच्चों के अभिभावक सर्दी को देखते हुए परेशान हैं कि सरकार की ओर से शीतकालीन अवकाश होने के बावजूद भी ऐसे कडाके की ठण्ड एवं कोहरा के चलते छोटे एवं नौनिहालों को स्कूल भेजना पड रहा है।
जो कि प्राईवेट स्कूलों के संचालकों की मनमानी है लेकिन अभिभावक भी उनके आगे बेबस हैं। उनकी नहंी मानने पर प्राईवेट स्कूल के संचालकों के द्वारा अभिभावकों को बच्चे की रिपोर्ट शीट खराब करने का डर बना रहता है।
पिछले कुछ दिनों से सर्दी अपने कडे तेवर दिखा रही है। रात का और सुबह के तापमान लोगों के होश उडा रहा है। कडाके की सर्दी से जहां बडों के हाल बेहाल हैं वहीं छोटे बच्चों के लिए सर्दी बीमारी का कारण बन रही है।
सर्दी जुकाम निमोनिया के मामलों में बढोतरी देखी जा रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी अपने रजिस्टरों में शीतकालीन अवकाश की तिथियों को तो भर लेंगे लेकिन मौके पर जाकर जिला प्रशासन के आदेशों की पालना हो रही है या नहीं इसके लिए उनके पास भी फुरसत नहीं है।
भरतपुर में शिक्षा विभाग का जैसा चल रहा है चलने दो वाली परम्परा का बडी मुस्तैदी से पालन हो रहा है।
इनका कहना है कि जिला शिक्षा अधिकारी रामेश्वर प्रसाद बंसल ने बताया कि सरकार के निर्देश पर पांच जनवरी तक स्कूलों में शीतकालीन अवकाश है प्राईवेट स्कूल इन आदेशांे की शतप्रतिशत पालना नहीं कर रहै हैं।
जिसके लिए एडीईओ के माध्यम से विजिट भी कराई जा रही है और एक दर्जन स्कूलों को नोटिस जारी किए हैं। इसके अलावा चार पांच स्कूलों की मान्यता खत्म करने के लिए भी प्रस्ताव लिया जा रहा है।