Jaipur News – राज्य में केन्द्र सरकार ने 8000 नए पैट्रोल पंप खोलने को हरी झंडी दी और इस क्रम में तीनों तेल कंपनियों ने मिले आवेदनों में से 1500 से ज्यादा को एलओआई (लेटर आफ इंटेंट) जारी भी कर दिए गए। पर नए पंप लगने का रफ्तार कम ही है। राज्य में नए पैट्रोल पंप के आवेदन मांगने के बाद करीब सवा सौ पंप ही खुल पाए हैं।
केन्द्र सरकार के निर्देश पर तेल कंपनियों ने वर्ष,2018 में देशभर में 75 हजार से ज्यादा नए पंप खोलने का फैसला किया था। इसमें करीब 8000 राजस्थान में खोले जाने थे। प्रक्रिया शुरू होने के दौरान चुनाव आचार संहिता लग जाने के कारण इसे रोक दिया गया था। आचार संहित हटने के बाद आवेदनों पर काम शुरू हो गया।
राज्य में तीनों तेल कंपनियों ने डेढ़ हजार से ज्यादा आवेदन स्वीकार कर पंप लगाने की अनुमति दे दी। इस कड़ी में भारत पैट्रोलियम के 35, इंडियन ऑयल के 57 और हिन्दुस्तान पैट्रोलियम के नए पंप खोले जा चुके हैं। स्वीकृति मिल जाने के बाद भी पंप नहीं लगने का कारण आर्थिक रूप से लाभदायक नहीं होना बताया जाता है, क्योंकि इसमें सबसे ज्यादा खर्चा जमीन का आता है।
प्राइम लोकेशन पर पंप लगाना लाभदायक है। पर वहां जमीन की कीमत भी उसी अनुपात में काफी ज्यादा आती है। वर्तमान में राज्य में तीनों कंपनियों के 3500 से ज्यादा पंप काम कर रहे हैं।
राजस्थान के पैट्रोल पंप संचालक राज्य में पैट्रोल-डीजल पर वैट की दर पड़ोसी राज्यों से ज्यादा होने से पहले ही परेशान है। इससे पांच-छह साल से राज्य में तेल की बिक्री में कमी होती जा रही है। ऐसे में हजारों नए पंप खुलने से कारोबार और बंट जाएगा।