दुनियाभर के फुटबॉल प्रेमियों में इन दिनों फुटबॉल का रोमांच चरम पर है। वजह है कतर में चल रहा फीफा फुटबॉल विश्व कप 2022… फुटबॉल के इस महाकुंभ में दर्शकों को हर दिन जोश, जुनून और जीत का जज्बा देखने को मिल रहा है। कतर में 20 नवंबर को फीफा विश्व कप 2022 का आगाज रंगारंग समारोह के साथ हुआ।
कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने फीफा विश्व कप के आगाज की आधिकारिक घोषणा की। अल बैत स्टेडियम में बीटीएस बैंड की धुन पर दर्शक जमकर नाचे।
पहले मैच में मेजबान कतर और इक्वाडोर आमने-सामने थे, जिसमें इक्वाडोर ने कतर को 2-0 गोल के अंतर से हराया। फीफा विश्व कप के इस 22वें संस्करण में 32 टीमों ने हिस्सा लिया है। 29 दिन चलने वाला यह टूर्नामेंट अब उस पड़ाव पर पहुंच गया है, जहां अब 32 में से सिर्फ चार टीमें खिताब के लिए मुकाबला करेंगी।
इस दौरान कई टीमें उलटफेर का शिकार हो गईं तो कई खिलाड़ियों का विश्व कप जीतने का सपना टूट गया। मायूसी और नम आंखों के साथ उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा। इस बीच, कई टीमों ने अपने बेहतर प्रदर्शन से चौंकाया भी।
पूरे विश्व कप के दौरान आठ स्टेडियम में कुल 64 मैच खेले जाने हैं, जिनमें से 60 मैच हो चुके हैं। अब सिर्फ दो सेमीफाइनल, एक तीसरे स्थान के लिए प्ले-ऑफ मैच और एक फाइनल मुकाबला शेष है।
खैर, जो भी टीम विजेता बनेगी, उसे खिताब अपने नाम करने के लिए सिर्फ दो मैच यानी सेमीफाइनल और फाइनल जीतने होंगे। जो चार टीमें सेमीफाइनल में पहुंची हैं वे हैं अर्जेंटीना, क्रोएशिया, फ्रांस और मोरक्को।
फीफा विश्व रैंकिंग में अर्जेंटीना तीसरे, फ्रांस चौथे, क्रोएशिया 12वें और मोरक्को 22वें नंबर पर है। लुसैल स्टेडियम में पहले सेमीफाइनल में अर्जेंटीना का सामना क्रोएशिया से होगा।
अल बैत स्टेडियम में दूसरे सेमीफाइनल में फ्रांस और मोरक्को आमने-सामने होंगे। दोनों सेमीफाइनल की विजेता टीमों के बीच फाइनल मैच 18 दिसंबर को लुसैल स्टेडियम में होगा।
एक नजर अब तक के विजेताओं पर…
इस विश्व कप से पहले, 21 फीफा वर्ल्ड कप हो चुके हैं। ब्राजील सर्वाधिक 5 बार, जर्मनी तथा इटली 4-4 बार, अर्जेंटीना-फ्रांस तथा उरुग्वे 2-2 बार और इंग्लैंड व स्पेन 1-1 बार चैंपियन बने हैं। 2018 में फ्रांस चैंपियन बना था।
अब जानिए, शुरुआत में कैसे आगे बढ़ा टीमों का सफर और कौन पिछड़ गई…
टूर्नामेंट में शुरुआती मैच राउंड-रॉबिन फॉर्मेट में हुए, जिसके लिए 32 टीमों को आठ ग्रुप में बांटा गया। हर ग्रुप में चार टीमें थीं, जिन्होंने अपने ग्रुप में आपस में एक-एक मैच खेला।
किसी भी टीम को जीत के लिए तीन अंक और ड्रॉ के लिए एक अंक मिला। हर ग्रुप की टॉप-2 टीमों ने प्री क्वार्टर फाइनल यानी अंतिम-16 राउंड के लिए क्वालिफाई किया। चलिए, आपको बताते हैं कि किस ग्रुप में कौन-सी टीमें थीं।
– ग्रुप ए में मेजबान कतर के साथ इक्वाडोर, सेनेगल और नीदरलैंड्स टीम थी। इस ग्रुप से नीदरलैंड्स और सेनेगल ने नॉकआउट स्टेज के लिए क्वालिफाई किया।
– ग्रुप बी में इंग्लैंड, ईरान, वेल्स और अमरीका थीं। इस ग्रुप से इंग्लैंड और अमरीका ने नॉकआउट के लिए क्वालिफाई किया।
– ग्रुप सी में अर्जेंटीना, सऊदी अरब, मैक्सिको और पोलैंड थीं। इनमें से अर्जेंटीना और पोलैंड नॉकआउट के लिए क्वालिफाई करने में सफल रहीं।
– ग्रुप डी में फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, ट्यूनीशिया और डेनमार्क थीं। इस ग्रुप से फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया ने अगले चरण में जगह बनाई।
– ग्रुप ई में स्पेन, कोस्टा रिका, जर्मनी और जापान थीं। जापान और स्पेन नॉकआउट स्टेज के लिए क्वालिफाई करने में कामयाब रहीं।
– ग्रुप एफ में बेल्जियम, कनाडा, मोरक्को और क्रोएशिया थीं। इनमें से मोरक्को और क्रोएशिया नॉकआउट में पहुंचीं।
– ग्रुप जी में ब्राजील, कैमरून, सर्बिया और स्विट्जरलैंड थीं। इस ग्रुप से ब्राजील और स्विट्जरलैंड नॉकआउट के लिए क्वालिफाई करने में सफल रहीं।
– ग्रुप एच में पुर्तगाल, घाना, उरुग्वे और दक्षिण कोरिया थीं। इस ग्रुप से पुर्तगाल और दक्षिण कोरिया की टीम नॉकआउट स्टेज में पहुंचीं।
अब बात करते हैं कुछ प्रमुख उलटफेर की...
– फीफा विश्व कप में इस बार खूब उलटफेर हुए हैं। फीफा विश्व कप में पहला बड़ा झटका तब लगा, जब ग्रुप सी के मैच में विश्व कप के प्रमुख दावेदारों में से एक और वर्ल्ड नंबर-3 टीम अर्जेंटीना को 51वीं रैंक वाली सऊदी अरब की टीम ने 2-1 से हरा दिया।
हालांकि मैच का पहला गोल अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी ने किया। लियोनेल मेसी ने इस मैच में गोल कर इतिहास रच दिया। वह चार अलग-अलग विश्व कप में गोल करने वाले अर्जेंटीना के पहले और ओवरऑल पांचवें फुटबॉलर बन गए।
उन्होंने 2006, 2014, 2018 और 2022 में गोल किया। वैसे, 2009 के बाद यह पहला मौका था, जब अर्जेंटीना को मेसी के गोल के बावजूद हार का सामना करना पड़ा। पिछले 36 मैचों में लगातार जीत दर्ज करता रहा अर्जेंटीना एक ऐसी टीम से हारा, जो पिछले 20 मैच में छह बार ही जीत पाई थी।
मेसी की अगुवाई वाली टीम ने 10वें मिनट में मेसी के ही गोल से बढ़त बनाई थी, लेकिन दूसरे हाफ में सऊदी अरब ने पांच मिनट के भीतर दो गोल कर मैच अपने नाम कर लिया।
छठी बार विश्व कप खेल रहे सऊदी अरब के लिए सालेह अलशेहरी ने 48वें और सालेम अल-दावसारी ने 53वें मिनट में गोल किए। खास बात यह है कि सऊदी सरकार ने इस कामयाबी पर देश में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया।
सऊदी अरब ने पहली बार अर्जेंटीना को हराया। इस मैच से पहले दोनों टीमों के बीच चार मैच खेले गए थे, जिसमें दो मैच अर्जेंटीना ने जीते थे जबकि दो मुकाबले ड्रॉ रहे। अर्जेंटीना 32 साल बाद उलटफेर का शिकार हुआ। इससे पहले 1990 के विश्व कप में कैमरून ने अर्जेंटीना को 1-0 से हराया था।
– फीफा विश्व कप में दूसरा बड़ा उलटफेर तब देखने को मिला, जब ग्रुप ई के मैच में वर्ल्ड रैंकिंग में 24वें नंबर की टीम जापान ने 11वें नंबर की टीम जर्मनी को करारी शिकस्त देकर उसके लिए बाहर का रास्ता खोल दिया।
बता दें कि जर्मनी चार बार (1954, 1974, 1990 और 2014) की विश्व चैंपियन रह चुकी है। मैच का पहला हाफ जर्मनी ने अपने नाम किया। उसने पहले हाफ में 33वें मिनट में इल्के गुंदोगन के पेनल्टी पर गोल से 1-0 की बढ़त बनाई थी जबकि दूसरे हाफ में जापान ने दमदार खेल दिखाया और दो गोल दागते हुए 2-1 से मैच अपने नाम कर लिया।
जापान के लिए 75वें मिनट में पहला गोल रित्सु दोन ने किया। इसके बाद 83वें मिनट में तकुमा असानो के गोल से विजयी बढ़त बना ली। जापान के लिए यह जीत बेहद खास रही, क्योंकि उसने इसके साथ ही इतिहास रच दिया। जापान ने इतिहास में पहली बार जर्मनी को हराया। इस मैच से पहले खेले गए चार मुकाबलों में जर्मनी ने दो मैच जीते थे जबकि दो मैच ड्रॉ पर खत्म हुए थे।
यानी 1963 से दोनों टीमों के बीच खेले गए कुल पांच मैचों में से इस मुकाबले में जापान को पहली जीत नसीब हुई। यह जापान का सातवां विश्व कप था जबकि जर्मनी 20वीं बार वर्ल्ड कप खेल रही थी।
– फीफा विश्व कप में एक और उलटफेर तब हुआ, जब ग्रुप एफ के मैच में फीफा रैंकिंग में 22वें नंबर की टीम मोरक्को ने नंबर-2 बेल्जियम को 2-0 से हरा दिया। मोरक्को की ओर से अब्देलहामिद साबिरी और जकारिया अबूखलाल ने गोल किए।
साबिरी ने 73वें मिनट में फ्री-किक पर गोल किया, जो इस वर्ल्ड कप का पहला फ्री-किक गोल था। मोरक्को अपना छठा वर्ल्ड कप खेलने उतरा था और विश्व कप इतिहास में यह उसकी तीसरी जीत थी।
– ग्रुप ई में जर्मनी को 2-1 से हराने वाली जापान को फीफा रैंकिंग में 31वें नंबर की टीम कोस्टा रिका ने 2-1 से हरा दिया। कोस्टा रिका की जीत के हीरो कीशर फुलर रहे, जिन्होंने मैच के 81वें मिनट में एकमात्र गोल दागा।
यह इतिहास में कोस्टा रिका की जापान के खिलाफ पहली जीत रही। दोनों के बीच अब तक पांच मैच हुए हैं और कोस्टा रिका पहली बार जीता है जबकि जापान ने तीन मैच जीते, वहीं एक मैच ड्रॉ रहा। कोस्टा रिका ने 20 साल बाद किसी एशियाई देश के खिलाफ जीत हासिल की है। इससे पहले उसने साल 2002 में चीन को 2-0 से हराया था।
– ग्रुप डी के मैच में गत चैंपियन और चौथी रैंकिंग की टीम फ्रांस को 30वीं रैंकिंग की टीम ट्यूनीशिया ने 1-0 से हरा दिया। कप्तान वाहबी खाजरी ने 58वें मिनट में गोल कर ट्यूनीशिया को 1-0 से आगे कर दिया।
हार के बावजूद फ्रांस अंतिम-16 में पहुंच गया, क्योंकि वह पहले ही नॉकआउट में जगह पक्की कर चुका था। हालांकि ट्यूनीशिया टूर्नामेंट से बाहर हो गया। यह छह मैचों में ट्यूनीशिया की फ्रांस पर दूसरी जीत थी।
इससे पहले ट्यूनीशिया ने 51 साल पहले यानी 1971 में फ्रांस को हराया था।
– जापान ने एक गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए फीफा विश्व कप के ग्रुप ई मैच में सातवीं रैंकिंग की टीम स्पेन पर 2-1 की जीत से अंतिम-16 के लिए क्वालिफाई किया। हालांकि 2010 की चैंपियन स्पेन की टीम हार के बावजूद अगले दौर में पहुंच गई। जापान चौथी बार जबकि स्पेन नौवीं बार अंतिम-16 में पहुंचा।
जापान के इस उलटफेर का खामियाजा चार बार की चैंपियन जर्मनी को भुगतना पड़ा। खिताब की दावेदारों में से एक जर्मन टीम को ग्रुप स्टेज से ही बाहर होना पड़ा। फीफा वर्ल्ड कप के 92 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि जर्मनी बैक टु बैक टूर्नामेंट के पहले राउंड से ही बाहर हो गई। इससे पहले 2018 में खेले गए वर्ल्ड कप में भी जर्मनी पहले राउंड से बाहर हो गई।
– पांच बार के पूर्व चैंपियन ब्राजील को फीफा विश्व कप 2022 के अपने अंतिम ग्रुप मैच में कैमरून से हार का सामना करना पड़ा। रैंकिंग में 43वें नंबर का कैमरून विश्व कप में ब्राजील को हराने वाला पहला अफ्रीकी देश बन गया।
इंजुरी टाइम में गोल की मदद से कैमरून ने मुकाबले को 1-0 से अपने नाम कर लिया। हालांकि इस हार के बाद भी ब्राजील की टीम अपने ग्रुप जी में टॉप पर रही। टीम पहले ही नॉकआउट के लिए क्वालिफाई कर चुकी थी। ब्राजील 24 साल बाद ग्रुप दौर में कोई मैच हारा।
जानिए कौन कौन-सी टीमें पहुंची क्वार्टर फाइनल में
ग्रुप राउंड की चुनौती को पार करके नीदरलैंड्स, अमरीका, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, पोलैंड, इंग्लैंड, सेनेगल, जापान, क्रोएशिया, ब्राजील, दक्षिण कोरिया, मोरक्को, स्पेन, पुर्तगाल और स्विट्जरलैंड अंतिम-16 में पहुंचने में सफल रहीं। वहीं जर्मनी, बेल्जियम, डेनमार्क, मैक्सिको, उरुग्वे जैसी टीमों का सफर ग्रुप राउंड में ही खत्म हो गया।
– अंतिम-16 राउंड के मुकाबले में नीदरलैंड्स ने अमरीका को 3-1 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। 2014 में तीसरे स्थान पर रहे नीदरलैंड्स ने कुल सातवीं बार विश्व कप के अंतिम-8 में जगह बनाई।
तीन बार की उपविजेता डच टीम की ओर से इस मैच में मेम्फिस डिपे ने 10वें, डेली ब्लाइंड ने 46वें और डेंजल डम्फ्रीज ने 81वें मिनट में गोल दागे। अमरीका की ओर से 76वें मिनट में हाजी राइट ने गोल किया। यह नीदरलैंड्स की अमरीका पर छह मैचों में पांचवीं जीत थी।
– अर्जेंटीना ने ऑस्ट्रेलिया को प्री-क्वार्टर फाइनल में 2-1 से हराकर 10वीं बार क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। 35वें मिनट में मैच का पहला गोल कर लियोनेल मेसी ने अर्जेंटीना को बढ़त दिलाई।
दूसरे हाफ में 57वें मिनट में अर्जेंटीना के फॉरवर्ड जूलियन अल्वारेज ने मैच का दूसरा गोल कर दिया। मैच के 77वें मिनट में ऑस्ट्रेलिया ने अपना पहला गोल किया। यह मेसी के कॅरियर का 1000वां मैच था।
इस मील के पत्थर तक पहुंचने के लिए मेसी ने 169 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। इसके अलावा बार्सिलोना क्लब के लिए 778 और पेरिस-सेंट जर्मन के लिए 53 मैच खेले थे।
– स्टार खिलाड़ी किलियन एम्बापे के दमदार प्रदर्शन की बदौलत मौजूदा चैंपियन फ्रांस ने अंतिम-16 राउंड के मुकाबले में पोलैंड को 3-1 से हराकर लगातार तीसरी बार अंतिम आठ का टिकट कटाया।
फ्रांस के लिए ओलिवर गिरौड ने 44वें तथा एम्बापे ने 74वें और स्टॉपेज टाइम में गोल कर अपनी टीम को सफलता दिलाई। फ्रांस ने पोलैंड का 40 साल बाद वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल में पहुंचने का सपना तोड़ दिया।
– गत उपविजेता क्रोएशिया ने जापान को पेनल्टी शूट आउट में 3-1 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। दोनों टीमें निर्धारित 90 मिनट और इसके बाद 30 मिनट के एक्सट्रा टाइम में भी 1-1 से बराबर रहीं।
इस विश्व कप में पहली बार पेनल्टी शूटआउट से मैच का नतीजा निकला। मैच के हीरो रहे क्रोएशिया के गोलकीपर डोमिनिक लिवाकोविच।
उन्होंने जापान के तीन खिलाडिय़ों के पेनल्टी शॉट को बखूबी रोक दिया। क्रोएशिया ने लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। क्रोएशिया की टीम कुल तीसरी बार फीफा विश्व कप के अंतिम-8 में पहुंची।
– इंग्लैंड ने प्री क्वार्टर फाइनल के एकतरफा मैच में अफ्रीकी टीम सेनेगल को 3-0 से हरा दिया। इंग्लैंड लगातार दूसरी बार और कुल 10वीं बार क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में कामयाब रहा। इंग्लैंड की ओर से मिडफील्डर जॉर्डन हैंडरसन, कप्तान हैरी केन और बुकायो साका ने एक-एक गोल दागे।
– प्री क्वार्टर फाइनल में भी एक बड़ा उलटफेर तब देखने को मिला, जब मोरक्को ने पूर्व चैंपियन स्पेन को पेनल्टी शूटआउट में 3-0 की शिकस्त दी। इस हार के साथ ही 2010 का चैंपियन स्पेन टूर्नामेंट से बाहर हो गया।
स्पेनिश टीम लगातार तीसरी बार टूर्नामेंट के अंतिम आठ में जगह बनाने में विफल रही। टीम 2014 में ग्रुप दौर से और 2018 में अंतिम-16 राउंड से बाहर हो गई थी। अपने छठे विश्व कप में उतरी मोरक्को विश्व कप में अंतिम आठ तक पहुंचने वाली चौथी अफ्रीकन टीम है।
इससे पहले, कैमरून 1990, सेनेगल 2002 और घाना 2010 में क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे। मोरक्को की ओर से अब्देलहमीद साबिरी, हाकिम जियेच और अचरफ हकीमी ने शूटआउट में सटीक शॉट मारे।
– रिकॉर्ड पांच बार की पूर्व चैंपियन ब्राजील ने दक्षिण कोरिया को 4-1 से हराकर लगातार आठवीं बार क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। ब्राजील ने पहले हाफ में महज 36 मिनट के भीतर चारों गोल किए, जिससे दक्षिण कोरियाई टीम उबर नहीं सकी।
विनिसियस जूनियर ने सातवें, नेमार ने 13वें मिनट में पेनल्टी पर, रिचार्लिसन ने 29वें और लुकास पेक्वेटा ने 36वें मिनट में गोल किए। स्टार स्ट्राइकर नेमार तीन विश्व कप में गोल करने वाले ब्राजील के तीसरे फुटबॉलर बन गए।
उन्होंने 2014, 2018 और 2022 विश्व कप में गोल दागे। ब्राजील के लिए पेले ने सर्वाधिक चार विश्व कप 1958, 1962, 1966 और 1970 में गोल किए हैं। वहीं दिग्गज रोनाल्डो ने 1998, 2002 और 2006 विश्व कप में गोल किए हैं।
– पुर्तगाल ने स्विट्जरलैंड को 6-1 से हराकर 16 साल बाद क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। 21 वर्षीय गोंसालो रामोस ने जबरदस्त हैट्रिक लगाई। 2002 के बाद यह पहला मौका है जब किसी खिलाड़ी ने अपने पहले ही वर्ल्ड कप में हैट्रिक बनाई।
रामोस 1990 के बाद पहले खिलाड़ी बने, जिन्होंने नॉकआउट में हैट्रिक बनाई। 2008 के बाद पहली बार क्रिस्टियानो रोनाल्डो किसी बड़े टूर्नामेंट के मैच में शुरू में नहीं उतरे। कप्तान रोनाल्डो को रिप्लेसमेंट के दौरान 73वें मिनट में मैदान में उतारा गया।
पुर्तगाल की टीम विश्व कप में कुल तीसरी बार अंतिम-8 में पहुंची। इससे पहले पुर्तगाली टीम 1966 में तीसरे जबकि 2006 में चौथे स्थान पर रही थी।
चलिए अब बात करते हैं कि क्वार्टर फाइनल में कौन बना सूरमा…
– इस बार वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल के पहले दोनों मैच बेहद रोमांचक रहे। दोनों का ही फैसला पेनल्टी शूटआउट में हुआ। वर्ल्ड कप इतिहास में 1986 और 2006 के बाद ऐसा तीसरी बार हुआ है।
फीफा विश्व कप शुरू होने से पहले हर तरफ ब्राजील की चर्चा थी और दुनिया की नंबर एक टीम को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। लेकिन, उसका सफर क्वार्टर फाइनल में क्रोएशिया ने पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हरा कर खत्म कर दिया।
क्रोएशिया लगातार दूसरी बार सेमीफाइनल में पहुंचा। पांच बार की पूर्व चैंपियन ब्राजील का 20 साल बाद वर्ल्ड कप चैंपियन बनने का सपना एक बार फिर टूटा। वर्ल्ड कप के इतिहास में ब्राजील 1986 के बाद दूसरी बार पेनल्टी शूट में हारा।
क्रोएशिया ने इतिहास में पहली बार ब्राजील को शिकस्त दी और कुल तीसरी बार सेमीफाइनल में जगह बनाई। ब्राजील को 2002 में चैंपियन बनने के बाद लगातार पांचवीं बार यूरोपीय टीम से हारकर बाहर होना पड़ा।
– अर्जेंटीना ने क्वार्टर फाइनल में नीदरलैंड्स को पेनल्टी शूटआउट में 4-3 से हरा कर सेमीफाइनल में जगह बनाई। अर्जेंटीना छठी बार सेमीफाइनल में पहुंची है। मैच के दौरान कई बार अर्जेंटीना और नीदरलैंड्स के खिलाड़ियों के बीच धक्का-मुक्की और नोक-झोंक हुई।
इस मैच में रेफरी ने कुल 18 खिलाड़ियों को येलो कार्ड दिखाया। यह वर्ल्ड कप के किसी एक मैच में दिखाए गए सर्वाधिक येलो कार्ड हैं। इससे पहले, 2006 विश्व कप में नीदरलैंड्स और पुर्तगाल के बीच अंतिम-16 के मैच में 16 येलो कार्ड दिए गए थे।
अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी के वर्ल्ड कप में 10 गोल हो गए हैं। उन्होंने अर्जेंटीना के ही गेब्रियल बतिस्तुता की बराबरी की। दो बार की पूर्व चैंपियन अर्जेंटीना ने पिछली बार 1986 में खिताब जीता था।
अर्जेंटीना अब सेमीफाइनल में क्रोएशिया से भिड़ेगी। दोनों टीमों के बीच अब तक कुल पांच मैच खेले गए हैं। इसमें से दोनों टीमों ने दो-दो मुकाबले जीते हैं जबकि एक मैच ड्रॉ रहा।
– टूर्नामेंट के तीसरे क्वार्टर फाइनल में मोरक्को ने पुर्तगाल को 1-0 से हराकर बाहर कर दिया। टीम की हार के साथ ही क्रिस्टियानो रोनाल्डो का वर्ल्ड कप जीतने का सपना टूट गया।
37 वर्षीय रोनाल्डो पांचवीं बार विश्व कप खेल रहे थे और यह संभवत: उनका आखिरी विश्व कप है। हार के बाद उनकी आंखों से आंसू बह निकले। मोरक्को फीफा विश्व कप के इतिहास में सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली अफ्रीकी टीम है।
इससे पहले कैमरून (1990), सेनेगल (2002) और घाना (2010) क्वार्टरफाइनल से आगे नहीं बढ़ सकी थीं। मोरक्को को अंतिम छह मिनट 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा, लेकिन पुर्तगाल की टीम इसका फायदा नहीं उठा पायी। मोरक्को विश्व रैंकिंग में 22वें और पुर्तगाल नौवें स्थान पर है।
मोरक्को की जीत के हीरो यूसुफ एन-नेसरी रहे, जिन्होंने टीम के लिए एकमात्र विजयी गोल मैच के 42वें मिनट में हेडर के जरिए किया। 25 वर्षीय युसूफ का 55वें अंतरराष्ट्रीय मैच में मोरक्को के लिए यह कुल 27वां गोल था।
मोरक्को ने पुर्तगाल पर 36 साल के लंबे अंतराल के बाद जीत दर्ज की है। दोनों टीमों के बीच यह अभी तक का कुल तीसरा मुकाबला था और सभी मैच विश्व कप में खेले गए। दोनों टीमों के बीच पहला मैच 1986 में खेला गया, जिसे मोरक्को ने 3-1 से जीता था। 2018 में पुर्तगाल ने 1-0 से जीत हासिल की थी, लेकिन अब फिर मोरक्को ने बाजी मारी। पुर्तगाल के कोच सांतोस ने एक बार फिर रोनाल्डो को शुरुआती एकादश में जगह नहीं दी। मैच के 52वें मिनट में रोनाल्डो उस समय मैदान पर उतरे, जब टीम 0-1 से पीछे थी। हालांकि रोनाल्डो भी कोई कमाल नहीं दिखा सके।
– डिफेंडिंग चैंपियन फ्रांस ने इंग्लैंड को 2-1 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। फ्रांस के ऑरेलियन टचौमनी ने 17वें मिनट में गोल दागा। 55वें मिनट में इंग्लैंड के कप्तान हैरी केन ने पेनल्टी को गोल में बदल कर 1-1 से बराबरी दिलाई।
हालांकि 78वें मिनट में ओलिवर गिरौड के एक गोल से फ्रांस 2-1 से आगे हो गया। हैरी केन को पेनल्टी का मौका भी मिला, लेकिन वे चूक गए। फ्रांस 1998 के बाद वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में पहुंचने वाला पहला डिफेंडिंग चैंपियन है।
फ्रांस ने लगातार दूसरी, जबकि ओवरऑल सातवीं बार सेमीफाइनल में जगह पक्की की। इंग्लैंड की टीम सातवीं बार क्र्वाटर फाइनल में हारी। इसी के साथ इंग्लैंड की टीम का 1966 के बाद खिताब जीतने का सपना टूट गया।
इसके साथ ही इंग्लैंड को पहली बार विश्व कप में फ्रांस के हाथों शिकस्त मिली। इससे पहले, खेले गए विश्व कप के दो मैचों में इंग्लैंड ने फ्रांस को हराया था। दोनों टीमों के बीच विश्व कप में 1982 के बाद यह पहला मैच था। हैरी केन इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बने।
वेन रूनी के 53 गोल के रिकॉर्ड की बराबरी की। रूनी ने 120 मैचों में इतने गोल किए थे जबकि हैरी का यह 80वां मैच था। सेमीफाइनल में फ्रांस का सामना मोरक्को से होगा। अब तक दोनों टीमों के बीच 11 मैच हुए हैं, जिनमें फ्रांस ने सात जीते हैं जबकि एक मैच मोरक्को ने जीता है। तीन मैच ड्रॉ पर समाप्त हुए।
एक नजर कुछ खास रिकॉर्ड पर…
– दिग्गज फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने फीफा विश्व कप 2022 के अपने पहले ही मैच इतिहास रच दिया। पुर्तगाल के कप्तान रोनाल्डो ने घाना के खिलाफ ग्रुप एच के मैच में पेनल्टी पर गोल दागा। इसके साथ ही वे पांच विश्व कप में गोल करने वाले पहले फुटबॉलर बन गए।
उन्होंने 2006, 2010, 2014, 2018 के बाद अब 2022 विश्व कप में भी गोल किया। लियोनेल मेसी, मिरोस्लाव क्लोज, पेले और युव सीलर 4-4 वर्ल्ड कप में गोल कर पाए हैं। 37 साल के रोनाल्डो वर्ल्ड कप में पुर्तगाल के सबसे उम्रदराज गोल स्कोरर भी बन गए। यह उनका रिकॉर्ड 118वां इंटरनेशनल गोल था।
– मेजबान कतर विश्व कप में एक भी मैच नहीं जीत पाया। वह फीफा वर्ल्ड कप के इतिहास में अपने सारे मैच गंवाने वाला पहला मेजबान देश बना।
कतर को इक्वाडोर से 2-0, सेनेगल से 3-1 और नीदरलैंड्स से 2-0 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। यह दूसरा मौका है, जब मेजबान टीम ग्रुप राउंड में ही बाहर हो गई। इससे पहले, 2010 में दक्षिण अफ्रीका ग्रुप राउंड से आगे नहीं बढ़ सका था।
आपको बता दें कि कौन हैं गोल्डन बूट की दौड़ में आगे…
गोल्डन बूट की दौड़ में फ्रांस के किलियन एम्बापे सबसे आगे हैं। उन्होंने अब तक इस विश्व कप में पांच मैचों में पांच गोल दागे हैं। यह एम्बापे का दूसरा विश्व कप है। एम्बापे के फीफा विश्व कप में अब तक 12 मैचों में कुल नौ गोल हो गए हैं।
इस वर्ल्ड कप में एम्बापे के बाद अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी और फ्रांस के ओलिवर गिरौड के चार-चार गोल हैं। मेसी ने ये गोल पांच मैचों जबकि गिरौड ने चार मैचों में दागे हैं। एम्बापे और मेसी ने दो-दो गोल असिस्ट भी किए हैं।
बहरहाल, सेमीफाइनल में पहुंची चारों टीमों में से अब तक दो टीम अर्जेंटीना और फ्रांस ही खिताब जीत पायी हैं। क्रोएशिया और मोरक्को को अपने पहले खिताब का इंतजार है। अब देखना यह है कि इस बार फीफा विश्व कप का नया चैंपियन मिलेगा या फिर पहले भी खिताब जीत चुकी टीम अपनी विश्व कप ट्रॉफी की संख्या में इजाफा करेगी।
जाएंट किलर मोरक्को इस विश्व कप में अपने अब तक के सफर में नंबर-2 बेल्जियम, 2010 की विजेता स्पेन और नंबर-9 पुर्तगाल को हरा चुकी है। जबकि पिछली बार के रनरअप क्रोएशिया को ड्रॉ पर रोका है। अपने आगे के सफर में भी मोरक्को से ऐसे ही चमत्कार की उम्मीद है।
अगर डिफेंडिंग चैंपियन फ्रांस खिताब जीत जाती है तो वह इटली और ब्राजील की बराबरी कर लेगी। दरअसल, विश्व कप के इतिहास में केवल दो टीमें ही खिताब बचाने में कामयाब रही हैं।
1934 में इटली ने अपना पहला विश्व कप जीता था और 1938 में दोबारा जीतने में भी कामयाब रही। वहीं, ब्राजील ने भी 1958 और 1962 में लगातार दो बार वल्र्ड कप अपने नाम किया। इसलिए, फ्रांस के पास इतिहास बनाने का सुनहरा मौका है।