ग्राम पंचायत देवडावास में 28 अक्टूबर को आयोजित प्रशासन गांवों के संग अभियान ग्राम करास्या की ढाणी निवासी दिव्यांग लेखराज के लिए वरदान साबित हुआ। दिव्यांग लेखराज के पिता सत्यनारायण माली अपने बेटे को लेकर प्रशासन गांवों के संग अभियान के षिविर में जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल के समक्ष पेश हुए थे। दिव्यांग लेखराज के पिता ने बताया कि उसका आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है तथा कोई राजकीय सहायता भी नहीं मिल पा रही है।
जिला कलेक्टर ने शिविर प्रभारी एवं उपखण्ड अधिकारी भारत भूषण गोयल को दिव्यांग लेखराज का आधार कार्ड एवं पात्र राजकीय सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। षिविर प्रभारी ने मौके पर जानकारी करने पर पाया कि बच्चे के हाथों व पैरों की अंगुलियों के निशान घिसे हुए होने से आधार के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा था। ऐसी स्थिति में जिला स्तरीय आधार पंजीकरण केन्द्र पर उपलब्ध मशीनों से रेटिना के प्रिंट के आधार पर पंजीकरण हो सकता था।
जिला कलेक्टर ने उपखण्ड अधिकारी व ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित कर एम्बुलेंस बुलाकर बच्चे को विकलांग कार्ड एवं आधार पंजीकरण के लिए टोंक भिजवाया। उसी दिन एम्बुलेंस से टोंक भिजवाकर आधार केन्द्र पर पंजीकरण करवाया गया। आधार केन्द्र पर किया गया पंजीकरण तकनीकी कारणों से निरस्त होने से बच्चे को पुनः 8 नवम्बर को आधार पंजीकरण केन्द्र भेजा गया। इस बार बच्चे का आधार पंजीकरण सफल होने पर परिवार के जनआधार कार्ड में भी संशोधन कराया गया।
इस कार्यवाही के पश्चात बच्चे का परीक्षण विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम से जिला अस्पताल में कराया गया। विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने परीक्षण उपरान्त बच्चे को सेरीब्रल पॉल्सी से पीड़ित बताया तथा बच्चे का विकलांग प्रमाण पत्र जारी किया। दोनों कार्ड बनने पर बच्चे के पिता की आंखों में कुछ उम्मीद जगने लगी। आधार कार्ड व विकलांग कार्ड बनने के तत्काल पश्चात बच्चे का पेंशन आवेदन करवाया गया एवं तत्काल विशेष योग्यजन पेंशन स्वीकृति जारी की गई।
पेंशन स्वीकृति का आदेश पाकर दिव्यांग लेखराज व पिता सत्यनारायण माली की आंखों में खुशी के आंसू थे। इस कार्य के लिए जिला कलेक्टर टोंक चिन्मयी गोपाल ने उपखण्ड अधिकारी भारत भूषण गोयल को प्रकरण की प्रभावी पर्यवेक्षक के निर्देश दिए गए थे। इस कार्य को अंजाम दिया जाकर पीडित को राहत पहुंचाई गई। दिव्यांग लेखराज व पिता सत्यनारयण माली को मौके पर ही विशेष योग्यजन प्रमाण पत्र जारी होने एवं पेंशन की स्वीकृति मिलने पर काफी खुश नजर आए। उन्होंने राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया।