Tonk News । आखिरकार चिकित्सा महकमे की चौरु कस्बेवासियो के स्वास्थ्य से क्या दुश्मनी हैं कि आखिर कस्बे की आबादी करीब आठ हजार हैं ,इसके बाद भी 3 माह से कस्बे का उप स्वास्थ्य केंद्र मात्र एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के भरोसे चल रहा है ।इतनी आबादी होने के बाद भी विभाग के उच्चाधिकारी एक एएन एम भी नहीं लगा पा रहे हैं, जबकि कोरना जैसी महामारी की रोकथाम के लिए बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं वहीं चौरु उप स्वास्थ्य केंद्र पर महिलाओं को परामर्श के लिए भी उनियारा सवाई माधोपुर एवं अलीगढ़ के लिए जाना पड़ रहा है।
जबकि यह उप स्वास्थ्य केंद्र पचाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का डिलीवरी प्वाइंट है करीब चार-पांच माह से प्रसूता महिलाएं परामर्श के लिए भी दर-दर भटक रही है। एएनएम नहीं होने के कारण लेबर रूम पर ताले लगे हुए हैं ग्राम पंचायत सरपंच ने इसकी फरियाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला प्रशासन से करीब 3 माह पूर्व ही कर दी गई थी, एवं जिला प्रशासन ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को समस्या का निराकरण करने के निर्देश दिए थे।
इसके बावजूद भी स्वास्थ्य केंद्र मात्र एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के भरोसे हिचकोले खा रहा है जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को दवाएं देने का अधिकार नहीं है, इसके बावजूद भी रिकॉर्ड के दौरान मरीजों की संख्या दर्ज की जा रही है आखिरकार लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जबकि भयंकर संक्रामक क्षय रोग पीडित दवा के लिए दर-दर भटक रहे हैं ।
क्षय रोग पीडि़तों को समय पर दवा नहीं मिलने के कारण चौरु क्षेत्र में क्षय रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है महिलाओं को टीकाकरण भी समय पर नहीं हो पा रहा है, एवं कस्बे के एक व्यक्ति ने टीकाकरण की शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर की थी तब जाकर सप्ताह में 1 दिन के लिए एक एएन एम की डयूटी लगाकर विभाग ने कागजी कार्यवाही पूरी कर ली। जिस से शिकायत नहीं हो एवं सप्ताह के शेष दिन ग्रामीण उपचार के लिए दर-दर भटकने को मजबूर रहें ।और मजबूरन लोगों को उपचार के लिए फर्जी निम हकीमों के यहां जाकर महंगे दामों पर उपचार करवाना पड रहा है।