रणथम्भौर में फिर बाघ ने किया हमला, चरवाहे को उठा ले गया

liyaquat Ali
3 Min Read
Sawai madhopur
रणथंभौर नेशनल पार्क (Ranthambore National Park) में टी-104 का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ की शनिवार की शाम खंडार क्षेत्र के फरिया गांव में जंगल से बाहर आए एक बाघ (Tiger) ने गांव के नजदीक बकरियां चरा रहे एक चरवाहे पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। जानकारी के अनुसार रणथंभोर की खंडार रेंज के फरिया गांव के नजदीक फरिया निवासी चिरंजी गुर्जर बकरियां चरा रहा था। तभी एक बाघ ने उस पर हमला कर दिया । बाघ के हमले में चिरंजी गुर्जर की मौत हो गई । सूचना मिलने पर ग्रामीणों मौके पर पहुंचे। उस दौरान बाघ शव के पास बैठा था।  ग्रामीणों ने हल्ला मचाकर बाघ को भगाया और चरवाहे के शव को गांव में लेकर आए।
घटना की सूचना के बाद बहरावण्डा खुर्द चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और शव को खंडार अस्पताल पहुंचाया। बड़ी बात ये है कि सूचना मिलने के बाद भी रात ग्यारह बजे तक वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची, जिसे लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। पुलिस के अनुसार मृतक के शव का रविवार को पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंपा किया जाएगा।
रणथंभौर में इंसानों पर बाघ के हमलों के मामलों में इजाफा हो रहा है। पिछले डेढ़ माह में बाघ के हमलों में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इससे पहले टाईगर टी-104 ने कैलादेवी वन क्षेत्र में दो लोगों को अपना शिकार बना लिया था। इसके बाद शनिवार को एक अन्य बाघ ने फरिया में एक चरवाहे को मौत के घाट उतार दिया। चरवाहे पर हमला करने वाले बाघ की अभी पहचान नहीं हो पाई है।
मगर हमला करने वाला बाघ संभवतय: टी-96 हो सकता है। क्योंकि पिछले कुछ समय से टी-96 का फरिया इलाके में मूवमेंट बना हुआ है। इसे लेकर ग्रामीणों की ओर से कई मर्तबा वन विभाग के अधिकारियों को अवगत भी कराया गया है। मगर विभागीय अधिकारियों की ओर से इस तरफ  कोई ध्यान नहीं दिया गया। नतीजा ये हुआ की एक चरवाहा बाघ का शिकार बन गया। गौरतलब है कि रणथंभोर में बाघों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस कारण बाघों को पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही है। ऐसे में रणथंभोर में करीब 15 बाघ ऐसे हैं, जिनका जंगल की सीमा के पास मूवमेंट रहता है ।
इन बाघों का जंगल के अंदर और बाहर आने जाने का सिलसिला लगा रहता है। जंगल में नहीं मिलने के कारण बाघ बार-बार आबादी क्षेत्र का रुख करते हैं। इस कारण कई बार इंसान बाघों के हमलों का शिकार हो जाते हैं। रणथंभौर में इंसानों पर बढ़ते बाघों के हमलों को लेकर वन महकमें को कोई ठोस रणनीति बनानी होगी।
Share This Article
Follow:
Sub Editor @dainikreporters.com, Provide you real and authentic fact news at Dainik Reporter.
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *