जम्मू कश्मीर में पिछले एक सप्ताह से चल रही राजनीतिक गतिविधियों लेकर पूरे देश को जवाब सोमवार को उस समय मिल गया जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव के तहत कश्मीर से धारा 370 के कुछ खंड हटाकर इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया जा रहा है। साथ ही लद्दाख को कश्मीर से अलग किया गया है। कश्मीर में पिछले 1 सप्ताह से बढ़ रही सेना की हलचल तथा रोज हो रहे बड़े निर्णय को लेकर पूरे देश के मन में सवाल था कि अब कुछ बड़ा होने वाला है और सोमवार को बहुत बड़ा निर्णय देश के सामने आ गया।
राज्यसभा में सोमवार को कार्रवाई शुरू होते ही कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर में बड़ी सैन्य गतिविधियों तथा पूर्व मुख्यमंत्रियों को नजरबंद करने का मामला उठाते हुए इस पर चर्चा की मांग की तथा सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। इस पर केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि कि वह सब बातों का जवाब देने के लिए तैयार हैं। आसन की अनुमति से जवाब देने के कुछ देर में ही उन्होंने कश्मीर में धारा 370 के खंड 3 के तहत सभी नियम लागू नहीं होने की बात कही और कश्मीर से 370 हटाने का विधेयक पेश किया। इस पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने हंगामा कर दिया तथा वे नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए।
आपको बता दें कि पिछले 1 सप्ताह से जम्मू कश्मीर में 10,000 से अधिक सैन्य बलों की नियुक्ति की गई है साथ ही वहां अस्पतालों में स्टाफ को बढ़ाया तथा पुलिस को अधिकार भी छीन लिए है। यहां तक कि पुलिस के हथियार भी सेना ने जप्त कर दिए है तथा एकाएक ही अमरनाथ यात्रा बीच में रोककर अमरनाथ यात्रा में गए सभी यात्रियों को 24 घंटे में कश्मीर से बाहर निकाला। सभी टूरिस्ट को भी जम्मू कश्मीर के बाहर एयरलिफ्ट किया गया है। रविवार को बड़ा निर्णय करते हुए वहां नेट बंद कर सेना के जवान तथा प्रशासनिक अधिकारियों को सेटेलाइट फोन वितरित किए गए।
देर रात करीब एक बजे जम्मू कश्मीर के सभी राजनेताओं को नजरबंद कर दिया गया तथा महबूबा मुक्ति तथा अब्दुल्ला परिवार के सभी सदस्यों को घर में ही कैद कर दिया गया। इसके साथ ही सुबह सुबह वहां कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई। माना जा रहा है कि 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर में युवा आंदोलित हो सकते हैं इसके लिए केंद्र सरकार ने पहले से ही पूरी तैयारी कर ली है ।
यह संविधान की हत्या :आजाद
इस बिल के विरोध में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने इस घटना को संविधान की हत्या बताया और कांग्रेस सदस्यों के साथ वाकआउट किया। उन्होंने कहा कि संविधान में जम्मू कश्मीर को 370 की सुविधा दी थी परंतु अब मोदी सरकार ने यह छीनकर संविधान की हत्या की है।
सबसे ज्यादा पैसा, फिर भी कश्मीर आज गरीब क्यों: शाह
इसके जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद केंद्र ने सबसे ज्यादा पैसा जम्मू कश्मीर को दिया है। इसके बावजूद आज भी कश्मीर की आवाम गरीब है। उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर के पूरे पैसे का लाभ सिर्फ 3 राजनीतिक परिवारों ने उठाया है और जनता को धारा 370 की आड़ में गरीब ही रखा है। अब केंद्र सरकार ऐसा नहीं होने देगी तथा गैर आरक्षित वर्ग के युवाओं को सरकारी नौकरियों में 10 परसेंट आरक्षण दिया जाएगा।