श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 19 को, जगन्नाथपुरी में कल, तैयारियां शुरू

Dr. CHETAN THATHERA
4 Min Read

भीलवाड़ा/ भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव नंद के लाल कन्हैया लाल का जन्मोत्सव श्री कृष्ण जन्माष्टमी देशभर में 19 अगस्त शुक्रवार को मनाई जाएगी जबकि जगन्नाथपुरी में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव 18 अगस्त यानी कि कल मनाया जाएगा।

अखिल भारतीय विद्वत परिषद और काशी विद्वत परिषद के अनुसार 18 अगस्त को अष्टमी तिथि सूर्योदय के समय नहीं रहेगी बल्कि रात में ही रहेगी और 19 अगस्त को अष्टमी तिथि सूर्योदय के साथ ही प्रारंभ होगी और रात भर रहेगी इसलिए शुक्रवार 19 अगस्त को ही भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव था जन्माष्टमी मनाया जाएगा श्री कृष्ण का जन्म नक्षत्र रोहिणी में इसी रात को रहेगा श्री कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा और वृंदावन में बांके बिहारी के मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव 19 अगस्त को ही मनाया जाएगा।

लेकिन जगन्नाथपुरी में मंदिर के पंचांग के हिसाब से 18 अगस्त की रात में अष्टमी तिथि मिलने से 18 अगस्त को ही कृष्ण जन्म कथा जन्माष्टमी मनाई जाएगी।

 

पुराणो मे क्या है उल्लेख जाने

 

1- विष्णु और ब्रह्मा पुराण के अनुसार भगवान विष्णु योग माया यानी देवी से कहते हैं कि वर्षा ऋतु में भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी की रात को मैं जन्म लूंगा और तुम नवमी को प्रकट होना।

 

2- ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की रात में शुभ लग्न पर शुभ ग्रहों की दृष्टि थी और उस समय अष्टमी तिथि तथा रोहिणी नक्षत्र के सहयोग से जयंती नाम का योग बन रहा था तब वृष लग्न में श्री कृष्ण का जन्म हुआ था।

 

3- भविष्य पुराण के अनुसार जिस समय सिंह राशि पर सूर्य और वृष राशि में चंद्रमा था उस बात पर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी की आधी रात को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ।

 

4- अग्नि पुराण के अनुसार भाद्रपद महीने में कृष्ण पक्ष के दौरान रोहिणी नक्षत्र के साथ अष्टमी तिथि को ही आधी रात में भगवान श्रीकृष्ण प्रकट हुए थे इसीलिए इसी अष्टमी को उनका जन्म उत्सव मनाया जाता है।

 

5- देवी भागवत पुराण के अनुसार भारत पुत्र महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र और वृषभ लग्न में रात को भगवती ने देवकी के गर्भ से परम पुरुष के रूप में भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया था।

 

6- हरिवंश पुराण के अनुसार भगवान कृष्ण के जन्म के समय अभिजीत नक्षत्र जयंती योग और विजय मुहूर्त था

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर क्या करें

सूर्योदय से पूर्व बिस्तर छोड़कर पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे और काले तिल मिलाकर स्नान करें श्री कृष्ण मंदिर में जाकर भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को पंचायत और शुद्ध जल चढ़ाएं और उसके बाद पीले कपड़े पहनकर पीले फूल इत्र और तुलसी पत्र भगवान कृष्ण की प्रतिमा पर चढ़ाएं इसके साथ ही मोर पंख भी उन्हें भेंट करें तथा माखन और मिश्री का नैवेद्य चढ़ाएं यह विधि पूजा घर में भी भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा पर कर सकते हैं ।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व को लेकर मंदिरों में सजावट और झांकियों की तैयारियां शुरू हो गई है तो वहीं दूसरी और जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा कानून व्यवस्था की दृष्टि से भी माकूल व्यवस्था की तैयारियां शुरू कर दी गई है

Share This Article
Follow:
चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम