अब उत्तरी राजस्थान में टिड्डी दल की दस्तक

liyaquat Ali
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file photo -locust

बीकानेर

फसलों के लिए काल बनकर पाकिस्तान की दिशा से आ रहे टिड्डी दल ने बीकानेर शहर में भी दस्तक दे दी है। जिनके खेतों में फसलें खड़ी है, ऐसे किसानों की चिंता बढ़ गई है। लाखों की संख्या में टिड्डी दल जहां भी पहुंचता है,वहां खेतों में खड़ी फसलों को देखते ही देखते चट कर जाता है। बताया जा रहा है इनकी तादाद इतनी है कि ये दल जिस पेड़ पर आकर बैठता है, वो पेड़ दल के भार से टूट ही जाता है। शुक्रवार को टिड्डी दल अक्कासर, कोलासर, मेघासर गांवों में दिखाई दिया।

इससे  वहां के किसानों में हड़कंप-सा मच गया। किसानों ने अपने स्तर पर टिड्डी दल को भगाने का प्रयास किया। टिड्डी का दल के यहां पहुंचने से किसानों में चिंता फैल गई है। वहीं किसान टिड्डी दल को भगाने के उपाय भी करने में जुट गए हैं। बीकानेर में शुक्रवार को ही टिड्डी दल ने निकटवर्ती गांवों अक्कासर, कोलासर,मेघासर आदि इलाकों में दस्तक दे दी।

शनिवार को टिड्डी दल गंगाशहर के इलाकों में फैल गया। ये टिड्डी दल जिले के गांवों में तैयार नरमा, ग्वार, मूंगफली की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।

इन टिड्डियों का मूल रूप से पनपने का मूल स्थान उत्तरी अफ्रीका है। वहां पर ये टिड्डियां अनुकूल वातावरण के कारण पनपती रहती हैं। हर वर्ष जून-जुलाई तक ये हवा के साथ भारत की ओर रुख कर लेती हैं। पहले अरब देशों को पार करते हुए पाकिस्तान पहुंचती हैं। उसके बाद सिंध से गुजरात एवं राजस्थान तक पहुंच जाती हैं। लाखों की तादाद में होने के कारण फोगिंग, रासायनिक छिड़काव कर इन्हें मारा व भगाया जाता है।

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