सदन में सीपी जोशी से भिडे कटारिया 

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जयपुर

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विधानसभा में पिछले एक सप्ताह से अध्यक्ष सीपी जोशी और भाजपा  विधायकों के बीच चल रहा गतिरोध खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। मंगलवार को भी प्रश्नकाल में भाजपा विधायक काली पट्टी बांधकर पहुंचे तो जोशी ने आगे बढ़कर गतिरोध खत्म करने की पहल की। उनका यह प्रयास कामयाब तो नहीं हुआ बल्कि उनकी भाजपा विधायकों से तकरार और बढ़ गई।अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के शामिल होने और उसमें हुई चर्चा की याद दिलाई। इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया बीच में बोले तो जोशी का पारा चढ़ गया और उन्होंने कहा कि क्या में सदन में असत्य बोल रहा हूं, मुझे झूठा साबित करने का प्रयास न करें। क्या आपको अपने उपनेता पर ज्यादा विश्वास है? गर्मा गर्मी बढ़ते देख कटारिया और राठौड़ दोनों बैठ गए।इससे पहले राठौड़ ने पूरक प्रश्न पर अन्य सदस्यों को भी शामिल करने की बात दोहराई तो जोशी ने उन्हें बिना अनुमति नहीं बोलने की हिदायत दी। हालांकि गतिरोध के चलते प्रश्नकाल में भाजपा विधायक मौन रहे। भाजपा के 16 विधायकों के सूचीबद्ध सवालों के भी जवाब नहीं आ पाए। ऐसे में 10 सवालों पर ही चर्चा हुई। इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष  ने नियम 31 से अवगत कराया और कहा कि ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछे जा सकें, इसके लिए यह जरूरी है कि हम सहयोग करें।मुझे पता है कि मैंने कठिन निर्णय लिए लेकिन आज सदन काफी ठीक तरीके से चल रहा है। इस सत्र में जो निर्णय लिए हैं, उनको प्रभावशाली करने में आप मदद करें। इस पर नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि ज्यादा से ज्यादा प्रश्न आने चाहिए। जब सालों से यह परंपरा चली आ रही है तो अन्य विधायकों को भी पूरक प्रश्न पूछने का अधिकार मिलना चाहिए।इस पर जोशी हाथ में विधानसभा संचालन से संबंधित नियमों की किताब लेकर आसन से खड़े हुए और कहा ये कानून मैंने तो नहीं बनाए। हो सकता परंपराएं टूट रही हो लेकिन मैं कानून के हिसाब से काम करूंगा। मैंने सदन शुरू होने से पहले सभी दलों की मीटिंग बुलाई थी। उसमें राठौड़ भी आए थे। उसमें मैंने कहा था कि सदन चलाने के लिए दो पूरक प्रश्न हो सकेंगे।चर्चा के दौरान संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल बोले कि यह सही है कि अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक में कहा था कि सदन नियमों के तहत चलाना चाहता हूं। सदन में स्पीकर की रूलिंग को कोई चैलेंज नहीं कर सकता। इस पर कटारिया ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में मैं नहीं था तो नाराज जोशी ने कहा कि इसका मतलब में असत्य बोल रहा हूं। इसके बाद सवालों की सिलसिला शुरू हो गया।
विधानसभा में पिछले एक सप्ताह से अध्यक्ष सीपी जोशी और भाजपा  विधायकों के बीच चल रहा गतिरोध खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। मंगलवार को भी प्रश्नकाल में भाजपा विधायक काली पट्टी बांधकर पहुंचे तो जोशी ने आगे बढ़कर गतिरोध खत्म करने की पहल की। उनका यह प्रयास कामयाब तो नहीं हुआ बल्कि उनकी भाजपा विधायकों से तकरार और बढ़ गई।
अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के शामिल होने और उसमें हुई चर्चा की याद दिलाई। इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया बीच में बोले तो जोशी का पारा चढ़ गया और उन्होंने कहा कि क्या में सदन में असत्य बोल रहा हूं, मुझे झूठा साबित करने का प्रयास न करें। क्या आपको अपने उपनेता पर ज्यादा विश्वास है? गर्मा गर्मी बढ़ते देख कटारिया और राठौड़ दोनों बैठ गए।
इससे पहले राठौड़ ने पूरक प्रश्न पर अन्य सदस्यों को भी शामिल करने की बात दोहराई तो जोशी ने उन्हें बिना अनुमति नहीं बोलने की हिदायत दी। हालांकि गतिरोध के चलते प्रश्नकाल में भाजपा विधायक मौन रहे। भाजपा के 16 विधायकों के सूचीबद्ध सवालों के भी जवाब नहीं आ पाए। ऐसे में 10 सवालों पर ही चर्चा हुई। इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष  ने नियम 31 से अवगत कराया और कहा कि ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछे जा सकें, इसके लिए यह जरूरी है कि हम सहयोग करें।
मुझे पता है कि मैंने कठिन निर्णय लिए लेकिन आज सदन काफी ठीक तरीके से चल रहा है। इस सत्र में जो निर्णय लिए हैं, उनको प्रभावशाली करने में आप मदद करें। इस पर नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि ज्यादा से ज्यादा प्रश्न आने चाहिए। जब सालों से यह परंपरा चली आ रही है तो अन्य विधायकों को भी पूरक प्रश्न पूछने का अधिकार मिलना चाहिए।
इस पर जोशी हाथ में विधानसभा संचालन से संबंधित नियमों की किताब लेकर आसन से खड़े हुए और कहा ये कानून मैंने तो नहीं बनाए। हो सकता परंपराएं टूट रही हो लेकिन मैं कानून के हिसाब से काम करूंगा। मैंने सदन शुरू होने से पहले सभी दलों की मीटिंग बुलाई थी। उसमें राठौड़ भी आए थे। उसमें मैंने कहा था कि सदन चलाने के लिए दो पूरक प्रश्न हो सकेंगे।
चर्चा के दौरान संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल बोले कि यह सही है कि अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक में कहा था कि सदन नियमों के तहत चलाना चाहता हूं। सदन में स्पीकर की रूलिंग को कोई चैलेंज नहीं कर सकता। इस पर कटारिया ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में मैं नहीं था तो नाराज जोशी ने कहा कि इसका मतलब में असत्य बोल रहा हूं। इसके बाद सवालों की सिलसिला शुरू हो गया।
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