जनसुनवाई में अंदर सुनवाई, बाहर प्रदर्शन

liyaquat Ali
5 Min Read

Jaipur News / Dainik reporter : बिजली की दरों में बढोतरी को लेकर नियामक आयोग के समक्ष पेश की गई  जयपुर डिस्काम की याचिका पर सुनवाई के दौरान लोगों ने एकमत होकर यह याचिका खारिज करने की मांग की। इस दौरान बिजली दरों में बढोतरी को लेकर आपत्ती दर्ज करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधियों और लोगों ने खुले मंच पर बिजली कम्पनियों में घाटे के लिए अधिकारियों और सरकारी नीतियों को दोषी ठहराया।

सुनवाई के दौरान अजीब हालात उस समय बन गए जब पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था के लोगों ने बाहर आकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। बता दें कि दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केन्द्र में शुक्रवार तक नियामक आयोग सुनवाई करेगा। जयपुर डिस्काम में 460 आपत्तियां आई है जिन्हे सुनवाई के लिए बुलाया गया है। याचिका में 18.8 प्रतिशत औसत बढोतरी का प्रस्ताव है तथा अधिकतम बिजली दर बढोतरी 25 प्रतिशत का प्रस्ताव दिया गया है।

जयपुर डिस्काम के एमडी ए.के. गुप्ता ने याचिका पर कहा कि महंगी बिजली के चलते उद्योग राजस्थान से पलायन कर जाएंगे। उद्योगों को बचाए रखने के लिए उन्हे रात में सस्ती बिजली देने का प्रस्ताव रखा गया है। याचिका में बीपीएल और 50 यूनिट से कम विद्युत उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं पर किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं करने का है प्रस्ताव दिया गया है।

इसके अलावा 150 यूनिट तक उपभोग पर 5.75 रुपए प्रति यूनिट, 151 से 300 यूनिट तक की बिजली दर 6.40 रुपए से बढ़ाकर 7.35 रुपए प्रति यूनिट करने, 301 से 500 यूनिट तक विद्युत दर 6.70 रुपए से बढ़ाकर 7.65 रुपए प्रति यूनिट तथा 500 यूनिट से ज्यादा उपभोग करने पर पर 7.95 रुपए प्रति यूनिट फ्लैट रेट पर बिजली करने की मांग की गई है। बिजली की दरों में बढोतरी के बाद भी डिस्कोम्स को 1812 करोड़ रुपए का वार्षिक घाटा होगा।

याचिका पर आपत्ति जताते हुए जयपुर मैट्रो के प्रतिनिधियों ने कहा कि जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन में डेडिकेटेड टैरिफ  की जरूरत है। मेट्रो प्रशासन इसके लिए पिछले 5 साल से कर रहा है प्रयास कर रहा है। टाइम ऑफ डे के प्रस्ताव से मेट्रो को किसी तरह की सुविधा नहीं मिलेगी क्योंकि मेट्रो रेल का संचालन रात में नहीं दिन में ही होता है।

बिजली दरों में बढोतरी का प्रस्ताव वापस लेने की मांग को लेकर सुनवाई शुरू होते ही पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था के सदस्य वहां पहुंच गए। इस दौरान पुलिस ने सभी को गेट पर रोक दिया तो वे अंदर जाने की जिद करने लगे। विरोध के चलते पांच लोगों को अंदर जाने की अनुमति दी गई लेकिन सभी अंदर जाने की जिद पर अड गए।

मशक्कत के बाद सभी को अंदर जाने दिया गया। संस्था के प्रतिनिधि मोहनलाल प्रजापत कहा कि उनकी आपत्तियों का डिस्काम ने गोलमोल जवाब दिया है। इस पर आयोग अध्यक्ष श्रीमत पाण्डेय ने डिस्काम अधिकारियों को निर्देश दिए कि गुरूवार को विस्तृत जवाब दिया जाए। इसके साथ ही दुबारा बहस के लिए शुक्रवार को बुलाया।

बाद में सभी सदस्यों ने जमकर नारेबाजी करते हुए डिस्काम में भ्रष्टïाचार समाप्त करने की मांग की। इस दौरान संस्था के पूनमचंद भंडारी ने कहा कि बिजली कम्पनियां जनता को लूट रही है और पहले से ही बिजली के दाम बहुत ज्यादा बढे हुए हैं, ऐसे में इन्हे कम किया जाए। इसके अलावा कम्पनियों के खर्च भी बहुत ज्यादा बढे हुए हैं। इसमें भी 50 प्रतिशत खर्च कटौती की जाए और 36 प्रतिशत बिजली चोरी हो  रही है, इसे रोका नहीं जा रहा है तो यह इसकी राशि भी अधिकारियों से ही वसूल की जाए।
कार्यक्रम में संस्था के मोहनलाल प्रजापत ने बिजली दरों में बढोतरी नहीं करने की मांग की।

उन्होंने बताया कि तकनीकी रूप से डिस्कॉम की याचिका ही गलत है। नियमों के अनुसार 20 प्रतिशत से ज्यादा सब्सिडी किसी भी श्रेणी को नहीं दे सकते लेकिन प्रदेश में कृषि सहित अनेक श्रेणियों में इससे अधिक सब्सिडी दी जा रही है। इस सब्सिडी का भार परोक्ष रूप से आ रहा आम जनता पर आ रहा है। इसलिए यह याचिका केंद्रीय टेरिफ  पॉलिसी के अनुरूप नहीं है ऐसे में डिस्कॉम की याचिका को तत्काल प्रभाव से खारिज किया जाए।

Share This Article
Follow:
Sub Editor @dainikreporters.com, Provide you real and authentic fact news at Dainik Reporter.