
जयपुर। प्रदेश के 13 जिलों को प्रभावित करने वाली ईस्टर्न कैनल परियोजना के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार से आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर कर चुकी राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस अब इस मुद्दे पर विपक्षी नेताओं से भी सहयोग मांग रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज अपने आवास पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सीएम की अध्यक्षता में शाम 6 बजे होने वाली सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस, भाजपा, बसपा. रालोपा, आरएलडी, माकपा के साथ ही कई निर्दलीय विधायक और प्रतिनिधि शामिल होंगे। बताया जाता है कि बीजेपी की ओर से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और राजेंद्र राठौड़ बैठक में शामिल होंगे तो वहीं प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी इस बैठक में शामिल होंगे। इसके अलावा आरएलडी से मंत्री सुभाष गर्ग, रालोपा से विधायक पुखराज सहित कई अन्य नेता भी इस बैठक में शामिल होंगे।
बैठक में विपक्ष के नेताओं से मांगेंगे सहयोग सहयोग
बताया जाता है कि सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ईस्टर्न कैनल के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों के प्रतिनिधियों से सहयोग मांगेंगे और सभी से इस मुद्दे पर एकजुट होकर केंद्र सरकार से इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग करेंगे। इसके अलावा विपक्षी पार्टियों के नेताओं से भी ईआरसीपी परियोजना के मुद्दे पर सुझाव भी मांगे जाएंगे। चर्चा है कि आज की बैठक के बाद अगर इस मुद्दे पर आम राय बनती है तो फिर जल्द ही इस ईआरसीपी परियोजना का काम शुरू हो सकता है। बड़ा सियासी मुद्दा बन चुका है ईआरसीपी दरअसल ईस्टर्न कैनल परियोजना का मु्द्दा राज्य में एक बड़ा सियासी मुद्दा बन चुका है, चूंकि प्रदेश में सवा साल के बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं और ईआरसीपी के तहत जो 13 जिले आते हैं उनमें विधानसभा की 85 सीटें आती हैं, ऐसे में राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस की नजर इस मुद्दें को भुनाने में हैं।
विपक्ष ने की थी सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग
बताया जाता है कि हाल ही में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए विधानसभा में हुए मतदान के दौरान भी विपक्षी नेताओं ने ईस्टर्न कैनल परियोजना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की थी।
पूर्व में बड़े आंदोलन कर चुकी है कांग्रेस
ईस्टर्न कैनल परियोजना के मुद्दे पर कांग्रेस पूर्व में कई बार बड़े आंदोलन कर चुकी है। ईस्टर्न कैनल के तहत आने वाले 13 जिलों में धरने प्रदर्शन हो चुके हैं तो वहीं हाल ही में 6 जुलाई को भी कांग्रेस ने इस मुद्दे पर जयपुर के बिड़ला सभागार में प्रदेश स्तरीय अधिवेशन बुलाया था जिसमें 13 जिलों के जनप्रतिनिधि शामिल हुए थे और इस बैठक में सभी से आंदोलन के लिए तैयार रहने को कहा गया था।
केंद्र सरकार और बीजेपी पर लगाए थे राजनीति करने के आरोप
वहीं इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर राजनीति करने के आरोप लगाए थे। इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और जलदाय मंत्री महेश जोशी के बीच जमकर ट्विटर वॉर भी हो चुका है, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रधानमंत्री का वादा याद दिलाया था जिसमें प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव के दौरान ईस्टर्न कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा किया था।
ये 13 जिले आते हैं ईस्टर्न कैनल परियोजना में
वहीं ईस्टर्न कैनाल परियोजना के तहत जो 13 जिलें आते हैं उनमें झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर और धौलपुर जिले शामिल हैं।