प्रदेश में दो विधानसभा खींवसर (Khivansar) और मंडावा (Mandawa)सीट पर उपचुनाव(Bye election ) की तारीखों का ऐलान हो गया है। प्रदेश में दोनों दल कांग्रेस और भाजपा के लिए दो सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव के विशेष मायने हैं। भाजपा के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की सरपरस्ती में जहां पार्टी पहली बार चुनाव मैदान में उतरेगी। तो वहीं लोकसभा चुनाव में करारी हार झेल चुकी कांग्रेस(Congress) के लिए यह चुनाव सत्ता और संगठन के जोर की परीक्षा होगी।
इन चुनाव के परिणाम निकाय चुनाव के नतीजों पर भी असर डालेंगे। राजस्थान (Rajasthan) में इन दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 21 अक्तूबर को होगा। नतीजे 24 अक्तूबर को आएंगे। रालोपा (RLP)प्रमुख और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal )और भाजपा नेता नरेंद्र खींचड़ (Narendra khichad )के झुंझुनूं सांसद बनने से खाली होने के कारण खींवसर और मंडावा पर उपचुनाव होने जा रहे हैं।
कांग्रेस विधानसभा चुनाव में ये दोनों सीटें नहीं जीत पाई थी और यही वजह है कि वो अब इन दोनों सीटों को जीतकर विधानसभा में भी अपनी स्थिति मजबूत करना चाह रही है। मंडावा विधानसभा क्षेत्र में पूर्व विधायक रीटा चौधरी (Rita Choudhary) की दावेदारी सबसे मजबूत है। रीटा चौधरी को विधानसभा चुनाव में महज 2,346 से हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी सूत्रों की माने तो इस सीट पर चौधरी को हरी झण्डी दे दी गई है।
खींवसर विधानसभा क्षेत्र की बात करें, तो कांग्रेस में यहां से पूर्व मंत्री हरेंद्र मिर्धा (Harendra Mirdha), पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा (Jyoti Mirdha)और इस सीट से विधानसभा का चुनाव हार चुके सवाई सिंह टिकट की दौड़ में शामिल हैं। इसके अलावा आधा दर्जन और नेताओं के नाम भी चर्चा में है।
सचिन पायलट (Sachin Pilot) के सत्ता और संगठन के तालमेल से जूझ रहै है पायलट के लिए यह दोनों उपचुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। इस चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए पायलट के लिए यह एक चुनोती है की कांग्रेस को सत्ता और संगठन का तालमेल फिर से दिखाना होगा। इन चुनावों के परिणामों का एक बड़ा असर निकाय चुनाव पर भी पड़ेगा।
दोनों विधानसभा सीटों पर अच्छी खासी तादाद जाट मतदाताओं की है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पर सतीश पूनिया (Satish Poonia) की ताजपोशी का असर इन मतदाताओं पर पार्टी के लिहाज से सकारात्मक पड़ सकता है, क्योंकि पूनिया इसी जाति से आते हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो खींवसर सीट केन्द्रीय नेताओं के दखल से नागौर सांसद और रालोप नेता बेनीवाल के खाते में दी जा सकती है।
यहां भाजपा और रालोप मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं मंडावा सीट पर पूर्व सांसद गिरधारीलाल प्रधान, विमला चौधरी और झुन्झुनूं सांसद के पुत्र अतुल खींचड भी मुख्य दावेदारों में है। राजनीतिक समीकरण और प्रत्याशी जो भी हो,लेकिन इन सीटों को लेकर पूरा दमोदार पूनिया के जिम्मे ही रहेगा।लंदन में मुस्लिम लड़की से लगा बैठे राजनीति से