Jaipur News : भारत में बच्चों की अविकसित दर 37.9 फीसदी (Underdevelopment rate of children 37.9 percent) और राजस्थान में 39.1फीसदी (39.1 percent in Rajasthan) है। स्वास्थ्य और पोषण के आंकडे बहुत ही चौंकाने वाले हैं। देश में पांच वर्ष से कम आयु के 21 प्रतिशत बच्चे कुपोषण (Malnutrition) का शिकार है ऐसे में इस समस्या का हल करना बहुत जरूरी है।
यह बात अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) डॉ.सुबोध अग्रवाल ने शुक्रवार को राजधानी में आयोजित राजस्थान फूड फोर्टिफिकेशन समिट 2019 (Rajasthan Food Fortification Summit 2019) को संबोधित करते हुए कही। इस सम्मेलन का आयोजन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैनेजमेंट रिसर्च (Ii HMR) नेग्लोबल एलायंस फॉर इम्प्रूव्डन्यूट्रिशन (Gain) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था।
इसमें आईआईएचएमआर (IIHMR) के डॉ.पी. आर.सोढानी ने कहा कि राजस्थान में लगभग 6 करोड़ लोग फोर्टिफाइड तेल और 100 से अधिक उद्योगों का उत्पादन कर रहे हैं जो एक बहुत ही अनुकूल आंकड़ा है। श्रम विभाग के सचिव नवीन जैन ने कहा कि पोषण बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है लेकिन फिर भी इसे हमेशा पीछे छोड़ दिया जाता है।
आईआईएचएमआर के अध्यक्ष डॉ.पंकज गुप्ता ने कहा कि आज बच्चे के कुपोषण के शिकार होने की दर 28.8 प्रतिशत है। इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से हल करने के लिए खाद्य फोर्टिफिकेशन एक व्यवहार्य समाधान है। गेन के दीप्ति गुलाटी ने बताया कि फोर्टीफीकेशन पोषण देता है, हमें विटामिन ए देता है और हमारे भोजन को समृद्ध करता है।
आईआईएचएमआर के अध्यक्ष डॉ.पंकज गुप्ता ने कहा कि आज बच्चे के कुपोषण के शिकार होने की दर 28.8 प्रतिशत है। इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से हल करने के लिए खाद्य फोर्टिफिकेशन एक व्यवहार्य समाधान है। गेन के दीप्ति गुलाटी ने बताया कि फोर्टीफीकेशन पोषण देता है, हमें विटामिन ए देता है और हमारे भोजन को समृद्ध करता है।