
टोंक (फ़िरोज़ उस्मानी)।पंचायतीराज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नई दिल्ली मे आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आइकॉनिक सप्ताह समारोह और सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण पर हितधारकों के सात दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान थीम-3 बच्चों के अनुकूल गॉव एवं बाल हितेषी ग्राम पंचायत विषय पर राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए युनिसेफ, शिव शिक्षा समिति रानोली के मार्गदर्शन मे राजस्थान के टोंक जिले के छोटे से गॉव डारडातुर्की से युवा लीडर वसुन्दरा प्रजापत ने बाल विवाह रोकथाम पर स्वंय की कहानी साझा करते हुए कहा की पंचायत एक ऐसी ईकाई है.
जो प्रत्येक बच्चें को सुरक्षा प्रदान करते हुए बच्चों के अनुकूल गॉव तैयार कर सकती है आवश्यकता है की पंचायत गतिविधियों मे युवाओं को सम्मलित किया जाये। ताकी युवा आगे आकर सामाजिक बुराइयों का अन्त करे एवं स्वंय को सशक्त करते हुए बदलाव ला सके। वसुंधरा ने प्रत्येक पंचायत को बाल हितेषी ग्राम पंचायत बनाने पर जोर दिया। वसुन्दरा ने अपनी कहानी को
निम्न कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया –
‘‘लोगो ने कहा क्यों कर रहे हो यह
मैने कहा क्योंकी बदलना है इसे
कोई ना हो साथ मेरे लेकिन बदल दुगीं इसे
खत्म कर दुगीं एक दिन देश से इस कुप्रथा को
क्योंकी मेनें कहा है बदल दुगीं एक दिन इसे‘‘
वसुन्दरा के प्रेरक एंव ओजस्वी संवाद की सभी ने तालियों के साथ सराहना की। गौरतलब है कि वसुंधरा टोंक जिले में 3000 किशोर किशोरियों का प्रतिनिधित्व कर रही है कार्य्रक्रम के दौरान मंच पर श्री सुनिल कुमार सचिव पंचायतीराज मंत्रालय भारत सरकार, सुश्री यशुमाशा किमुरा राष्ट्रीय प्रतिनिधि युनिसेफ भारत, सुश्री हुन ही बेन युनिसेफ, उमाकान्त दास निदेशक (आई.आर.एम.ए.) जे.पी. पाण्डया निदेशक स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता मंत्रालय भारत सरकार उपस्थित रहे