कोचिंग संचालक ही चला रहा था नकल गिरोह, पुलिस ने किया पर्दाफाश

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पाली

स्पेशल ऑपरेशन गु्रप (एसओजी) ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यथियों को मदद करने का दावा कर रुपए हड़पने के मामले में पाली शहर में नकल गिरोह का पर्दाफाश कर रविवार को कोचिंग के संचालक को गिरफ्तार किया है। एसओजी टीम ने भारी मात्रा में अभ्याथियों के प्रवेश पत्र, स्टाम्प, चैक, हिसाब-किताब के रजिस्टर बरामद किए है। टीम आरोपी से पूछताछ कर गिरोह के शातिरों की तलाश कर रही है।

एडीजी (एटीएस/एसओजी) अनिल पालीवाल ने बताया कि मामले में सुशील शर्मा (23) निवासी अभिषेक नगर रामचन्द्र कॉलोनी ब्यावर सिटी अजमेर को गिरफ्तार किया गया है। उसने आकाश क्लासेज के नाम से पाली शहर और सोजत सिटी में कोचिंग सेंटर संचालित कर रखे है। एसओजी टीम ने उसे गिरफ्तार कर पाली शहर स्थित कोचिंग सेंटर पर तलाशी ली। वहां से दर्जनभर से अधिक अभ्याथियों के प्रवेश पत्र, स्टाम्प, चैक, लाखों रुपए के हिसाब-किताब के रजिस्टर बरामद किए गए है।

गिरोह करता था नकल कराने का दावा

मिलिट्री इंटेलीजेंस जोधपुर से इनपुट मिलने पर एसओजी जयपुर ने सक्रिय नकल गिरोह पर कार्रवाई की गई। कोचिंग सेंटर के माध्यम से जुडऩे वाले अभ्यर्थियों को प्रतियोगिता परीक्षा में अनुचित साधनों से नकल कराने का गिरोह दावा करता। सुशील ने अपने गिरोह के साथ विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं विद्युत विभाग, रेलवे,एनटीपीसी, सेना भर्ती परीक्षाओं में भर्ती के नाम पर और नकल कराने के नाम पर काफी लोगों से लाखों रुपए की रकम हड़पी है।

रोपी वर्ष,2017 से कोचिंग सेंटर का संचालक कर रहा है। अभ्यर्थियों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के दौरान गिरोह उनका माइंड वॉस करता है। नकल करवाकर पोस्टिंग दिलाने का झांसा देकर अभ्यर्थियों को अपने जाल में फांसते थे। परीक्षा पास कराने के एवज में कम से कम 2 लाख रुपए में सौदा तय किया जाता था। नौकरी नहीं लगने पर तकाजा करने वालो अधिकतर को टरकाया जाता। दबाव बनाकर रकम मांगने वालों को तय सौदा रकम में 10 से 20 प्रतिशत राशि काटकर लौटा देता था।

लिस निरीक्षक सूर्यवीर सिंह के नेतृत्व में जयपुर एसओजी टीम ने सुशील शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए डिकॉय तैयार किया। सुबह सुशील से संपर्क साधा गया और जोधपुर में आयोजित सैनिक भर्ती परीक्षा में एक अभ्यर्थी को लिखित परीक्षा में पास कराने की बातचीत की गई। अनुचित मदद करने के एवज में सुशील की ओर से 3 लाख रुपए की मांग की गई। ठगी की पहली किश्त के रूप में 15 हजार रुपए लेते सुशील को एसओजी टीम ने धर-दबोचा।
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