तुगलकी फरमान सुनाने वाले पंचों की ‘‘मनन’’ ने जमकर क्लास,लगाई कहा होगी सख्त कार्यवाही

liyaquat Ali
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नवीन वैष्णव पत्रकार ,अजमेर

बूंदी जिले के हिंडोली उपखण्ड में 6 साल की मासूम बच्ची को सामाजिक बहिष्कार करने वाले पंचों को राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी ने गुरूवार को जमकर फटकार लगाई। चतुर्वेदी ने तुगलकी फरमान जारी करने वाले पंचों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए।

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी गुरूवार को हिंडोली उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत सथूर स्थित हरीपुरा गांव पहुंची। उन्होंने पंचों से मुलाकात कर जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि मासूम से टिटिहरी का अंडा गलती से फूट गया तो उसे मां-बाप से भी दूर कर दिया जबकि पंचों ने कितनी चिटिंया मारी। उसकी सजा उन्हें भी मिलनी चाहिए। पंचों ने चतुर्वेदी के समक्ष अपनी गलती को स्वीकार करते हुए भविष्य में ऐसा नहीं करने की बात कही।

इन धाराओं में मुकदमा दर्ज

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी ने बताया कि मासूम बच्ची खुशबू रैगर के पिता हुकुचंद रैगर से पुलिस को पंचों के खिलाफ रिपोर्ट दिलवाई गई। जिसके आधार पर पंचों के खिलाफ नामजद जे जे एक्ट की धारा 75, छुआछूत अधिनियम की धारा 6 व आईपीसी की धारा 508, 120 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अधिकारियों व उपखण्ड अधिकारी को मामले में सख्त कार्रवाई करने और साथ ही पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाने के भी निर्देश दिए हैं।

9 दिन दुर रही थी बच्ची

यह मामला हिंडोली उपखंड की ग्राम पंचायत सथूर के हरीपुरा गांव का है। यहां रहने वाले हुकमचंद रैगर की मानें तो 2 जुलाई को उसकी छह साल की बेटी खुशबू अपनी मां के साथ विद्यालय में नामांकन के लिए गई थी। वहां पर दूध पिलाने के लिए बालिकाओं की लाइन लग रही थी। इसी दौरान अचानक खुशबू का पैर टिटहरी के अंडे पर पड़ गया, जिससे अंडा फूट गया। इसके बाद गांव के पंचो ने उसे समाज से बहिष्कृत करने का फरमान सुना दिया। इसके बाद परिजनों ने भी बच्ची को घर से निकाल कर गांव के बाहर छोड़ दिया। बच्ची के परिजन भी उसे छू नहीं सकते थे, दुरी से ही खाना देकर चले जाते थे।

अनाथ बच्चों की मां है ‘‘मनन’’

मनन चतुर्वेदी ऐसे बच्चां की मां है, जिनका कोई नहीं। आयोग की अध्यक्ष बनने से पहले भी वह बच्चों को लेकर हमेशा से गंभीर रहती थी। कहीं भी बच्चों के संबंध में यदि बुरी खबर आती तो वह वहां पहुंचकर बच्चों की सुध लेती और अगर संभव होता तो बच्चों को भी अपने साथ ले जाती। कई बच्चों का पालन पोषण भी मनन करती आई है। अब अध्यक्ष बनने के बाद भी वह लगातार बच्चों के साथ कोई भी बुरी घटना होने पर तुरंत मौके पर पहुंचती है और मामले मे प्रसंज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश देती है। इतना करके ही इतिश्री भी नहीं करती वरन् मामले में दोषियों के खिलाफ जब तक कार्रवाई नहीं हो जाती वह अधिकारियों से लगातार सम्पर्क में भी बनी रहती है। मनन ने कई बार ऐसे गंदे बच्चों को भी गले लगाया है जिन्हें अक्सर कोई नेता या अधिकारी पास भी नहीं भटकने दें। इसका जीता जागता उदाहरण कई बार अजमेर दौरे के दौरान देखा गया। दरगाह और स्टेशन के आस-पास खानाबदोष की जिंदगी जीने वाले बच्चों को अच्छा जीवन देने के लिए कई बार मनन ने मां की ममता बिखेरी है। वहीं इनको नशे की लत छुड़वाने के लिए भी कई अनूठे प्रयोग किए हैं। मनन को उनकी इस कार्यशैली के लिए हृदय से साधुवाद देता हूं और आशा करता हूं कि अधिकारी व राज्य के नेता भी उनसे कुछ प्रेरणा लेकर अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले लोगों के दुख दर्द को समझ कर उन्हें राहत प्रदान करें।

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