नई दिल्ली
देश के ज्यादातर इलाकों में मानसून अपने पूरे शबाब पर है। कहीं भयंकर बारिश से आम जिंदगी प्रभावित है तो कहीं बाढ़ से लोगों की फसल और घर तबाह हो रहे हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों 21 की लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें बिहार में 8, उत्तर प्रदेश में 11 और उत्तराखंड में 2 लोगों की मौत हो चुकी है।
उत्तराखंड में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। मौसम विभाग ने रविवार को प्रदेश के छह जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। इस संबंध में सभी डीएम और आपदा प्रबंधन विभाग को अवगत करा दिया गया है। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंहनगर, पिथौरागढ़, पौड़ी और देहरादून में रविवार को भारी बारिश होने की आशंका है। वहीं, सोमवार और मंगलवार को नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंहनगर, पिथौरागढ़, चमोली, टिहरी, पौड़ी, देहरादून और हरिद्वार में भारी से भारी बारिश की आशंका है। बताया कि इस संबंध में जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है।
सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के साथ बागेश्वर और नैनीताल में भारी बारिश ने यातायात में बाधित किया है। बारिश से इन जिलों में कुल 18 रास्ते बाधित हो गये। रास्ते में मलबा गिरने से 8वें मानसरोवर यात्री दल पांगला में दो घंटे से ज्यादा फंसा रहा। इस बीच हल्द्वानी के रानीबाग में एक कारोबारी क पहाड़ी से गिरकर और पिथौरागढ़ के गणाईगंगाली में नाले में बहने से महिला की जान चली गई। शुक्रवार को 53 सदस्यीय 8वां मानसरोवर दल सुबह 6 बजे धारचूला के पास आधार शिविर से बूंदी के लिए रवाना हुआ। तवाघाट सड़क के बंद रहने से पांगला के समीप यात्रियों को दो घंटे से अधिक रुकना पड़ा।
गणाईगंगोली में सिमलता से सटे घोड़ासिला गांव में गुरुवार रात बसंती देवी (75) पत्नी हयात सिंह बारिश से उफानाए नाले में वह बह गई। 20 घंटे के बाद शुक्रवार को महिला का शव घर से कुछ दूर बरामद हुआ।
गणाईगंगोली में सिमलता से सटे घोड़ासिला गांव में गुरुवार रात बसंती देवी (75) पत्नी हयात सिंह बारिश से उफानाए नाले में वह बह गई। 20 घंटे के बाद शुक्रवार को महिला का शव घर से कुछ दूर बरामद हुआ।
पहाड़ी से गिरकर कारोबारी की जान गई
हल्द्वानी में बूंदाबांदी के बीच शुक्रवार शाम गुलाबघाटी से गिरकर शहर के प्रतिष्ठित कारोबारी की मौत हो गई। रीयल एस्टेट कारोबारी सुशील कुमार अग्रवाल गुलाबघाटी में कार खड़ी कर उतरे ही थी कि बूंदाबांदी से फिसलन वाली जमीन से नीचे खाई में गिर गये। गंभीर हालत में उन्हें बृजलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
पिथौरागढ़ में 6, नैनीताल में 4 रास्ते बंद है, जबकि बागेश्वर में 8 सड़कें मलबे से बाधित हुईं। जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग सेरा में पेड़ गिरने और सुरक्षा दीवार गिरने से भारी वाहनों के लिए बंद है। तवाघाट-घटियाबगड़ मार्ग कई जगह मलबा आने से बाधित है। तवाघाट-नारायण आश्रम, मदकोट-बौना, गलाती-रमतोली , मदकोट-धापा मार्ग भी बंद चल रहे हैं।
बागेश्वर में पोथिंग-शोभाकुंड, कपकोट-कर्मी-बघर, कपकोट-लीली, लाथी-नामतीचेटाबगड़ रोड, विजयपुर-डफ्टी और डंगोली-सलानी रोड पर मलबा आने से यातायात बाधित हो गया है। पोथिंग-शोभाकुंड मार्ग तीन दिन से बंद है। नैनीताल में बनना, भल्यूटी, फतेहपुर-बेलबसानी, देवीधुरा-सौड़ मार्ग बंद हैं।
पिछले छह दिनों से जारी मूसलधार बारिश से उत्तर बिहार के सभी जिलों की नदियां उफनाने लगी हैं। नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। मौसम विभाग ने नेपाल में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। इसके बाद उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर समेत कई जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
वाहनों पर माइकिंग के सहारे लोगों को भारी बारिश व बाढ़ के खतरे के दौरान सतर्क रहने का निर्देश दिया जा रहा है। दरभंगा में कमला नदी जयनगर और झंझारपुर में खतरे के निशान को पार कर गई। मुजफ्फरपुर के गायघाट के बेनीबाद में बागमती भी खतरे के निशान से मात्र 7 सेमी नीचे बह रही है, जबकि दरभंगा के हायाघाट में इसके जलस्तर में 52 सेमी की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं समस्तीपुर में बागमती सभी जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।