नई दिल्ली। अगर पिछले कुछ समय से आपको अधिक पसीना आने लगा है तो यह ट्यूमर और डायबिटीज का संकेत भी हो सकता है। बहुत पसीना आना बीपी व हृदय समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। धमनियां अवरुद्ध होने के कारण दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
शरीर के तापमान को सामान्य रखने के लिए शरीर में 25 लाख के करीब पसीने की ग्रंथियां होती हैं। पसीना शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले एल्कोहल, कोलेस्ट्रॉल और नमक की अतिरिक्त मात्रा को बाहर करता है। बेमौसम या अकारण बहुत पसीना आ रहा है तो संभलने की जरूरत है।
रात में पसीने की कई वजहें हो सकती हैं। माहवारी के वक्त महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होता है, जिसकी वजह से उन्हें रात में पसीना आता है। ट्यूबरक्युलोसिस (टीबी), कैंसर और डायबिटीज जैसी परेशानियों का भी एक लक्षण रात में पसीना आना होता है। बेहतर है कि ऐसे में डॉक्टर से मिल लें।
यह हो सकते हैं कारण
हाइपरहाइड्रोसिस से पीड़ित लोगों में पसीने की ग्रंथियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं। इसी वजह से ज्यादा पसीना आने लगता है। स्वेट ग्लैंड यानी पसीने की ग्रंथियों में गड़बड़ी तनाव, गर्भावस्था, धूम्रपान, रजोनिवृत्ति, मोटापे, कुछ दवाओं के असर और कैफीन युक्त चीजों व मसालेदार भोजन के अधिक सेवन से भी हो सकती है। चिंता, डर व तनाव आदि में भी ज्यादा पसीना आता है।
साफ-सफाई का रखें ध्यान। इससे त्वचा का संक्रमण से बचाव होता है। अधिक मसालेदार खाने से बचें। टमाटर का जूस, ग्रीन टी व गेहूं के ज्वार का जूस राहत देता है। खूब पानी पिएं। हर रोज नींबू पानी पिएं। इससे शरीर में इलेक्ट्रो-लाइट बैलेंस बना रहता है। सूती कपड़े पहनें। नियमित चेहरे व कांखों में कुछ देर बर्फ मलें।
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