सोमवार को भी सेंसेक्स कारोबार
नई दिल्ली। आरबीआई और सेबी के भरोसा दिलाने के बावजूद शेयर मार्केट में गिरावट जारी रही। सोमवार को भी सेंसेक्स कारोबार के दौरान 600 पॉइंट्स तक टूट गया था जबकि निफ्टी 11,000 तक के निचले स्तर तक आ गिरा। आखिरकार, सेंसेक्स 536.58 अंक (1.46%) जबकि निफ्टी 168.20 अंक (1.51%) टूटकर क्रमशः 36,305.02 और 10,967.65 पर बंद हुआ।
सोमवार को निवेशकों में किस तरह भगदड़ मची हुई थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बाजार बंद होने पर सेंसेक्स के 31 में से 25 शेयरों जबकि निफ्टी के 50 शेयरों में से 41 शेयरों के भाव गिर गए। निफ्टी बैंक के सारे शेयरों का कारोबार लाल निशान में बंद हुआ। हाल ऐसा रहा कि निफ्टी आईटी के सिवा एक भी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद नहीं हो पाया।
बैंकिंग सेक्टर की बात करें तो ऐक्सिस बैंक, यस बैंक, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक बैंक सभी में गिरावट देखने को मिली। इसके साथ-साथ कोल इंडिया, एनटीपीसी, टाटा स्टील, सन फार्मा, रिलायंस, भारती एयरटेल, टीसीएस के शेयर्स की स्थिति भी ठीक नहीं है। फिलहाल एक्सपर्ट फाइनैंशल कंपनियों से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं। जानकारों के मुताबिक, आनेवाले 8-10 दिन बाजार में उतार-चढ़ाव चलता रहेगा।
विश्लेषकों का मानना है कि कच्चे तेल की कीमत में हो रही वृद्धि शेयर मार्केट की गिरावट की मुख्य वजह है। सोमवार को कच्चे तेल की कीम 1.83 पैसे बढ़कर 80.27 डॉलर प्रति बैरल हो गई। इसकी कीमत में उछाल की मुख्य वजह ईरान पर अमेरिका की ओर से लगाई जा रही पाबंदियां हैं।
दरअसल, ईरान पर बैन लगाने की तैयारी में अमेरिका ने ओपेक नेशन्स और रूस से तेल के उत्पादन बढ़ाने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने ट्रंप की बात अनसुनी कर दी। इससे कीमत में उछाल आई।
तेल की बढ़ती कीमत का सीधा असर रुपये पर भी पड़ रहा है। यह लगातार डॉलर के मुकाबले कमजोर हो रहा है। सोमवार को भी यह डॉलर के मुकाबले 27 पैसे कमजोर होकर 72.47 पर खुला। रुपये में आज की गिरावट की वजह बैकों और आयातकों द्वारा डॉलर की खरीदारी रही।
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