प्रदूषित वातावरण एवम पदार्थो के सम्पर्क डर्माटाइटिस रोगों की संख्या में हो रहा हैं तेजी से इजाफा

 

कांफ्रें स में लगभग150 विशेषज्ञयों ने भाग लिया

 

जयपुर। कॉन्टेक्ट एवम ऑक्यूपेशनल डर्मेटाइटिस फोरम ऑफ इंडिया का राष्ट्रीय सम्मेलन जयपुर में सम्पन्न हुआ। जिसमें बढ़ते प्रदूषित वातावरण एवम पदार्थो के सम्पर्क डर्माटाइटिस रोगों की संख्या में तेजी से इजाफ े पर चिंता जताई गई।

Dissemination of pollutant environments and substances is increasing in number of Dermatitis Diseases

सम्मेलन के आयोजन अध्यक्ष एस एम एस मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर एवम एच ओ डी डॉ. दिनेश माथुर ने बताया कि इस कांफ ्रेंस से इन रोगों के इलाज को नई दिशा मिलेगी। कांफ्रें स में लगभग150 विशेषज्ञयों ने भाग लिया।

जिसमें जम्मू एन्ड कश्मीर से आईं डॉ. इफ्फत हसन ने कहा कि कैंसर और ट्यूलिप जहां पूरे वातावरण को सुंगंधित और महकाती है वहीं यह कांटेक्ट डर्माटाइटिस भी देती है जिन्हों इस संबंध में चर्चा की, हिमाचल प्रदेश के डॉ. विक्रम महाजन ने इस रोग में काम आने वाले उपकरण पैच टेस्ट की गुणवत्ता एवम अवधि पार होने के विषय पर चर्चा की। दिल्ली के डॉ. कौशल वर्मा ने इन रोगों की टेस्ट की निर्धारित अवधि 48 घंटे से घटाकर 24 घंटे करने के शोध की वकालात की।

इलाहाबाद के डॉ. पी के श्रीवास्तव ने मोबाइल फोनो से होने वाली डर्माटाइटिस , पी जी आई चंडीगढ़ के डॉ. संजीव हांडा ने हस्थो में होने वाली एग्जिमा और उसमें फ्लाग्रीन नामक अवयव के बारे में बताया।

मैसूर के डॉ .बकरूर ने अंडकोषीय थैलियों पर होने वाली एलर्जी और कोयम्बटूर के डॉ. श्रीनिवास ने स्किन इमेजिंग के बारे में बताया। आयोजन अध्यक्ष डा.ॅ माथुर ने आगाह किया कि बढ़ते कॉस्मेटिक प्रसाधनों से महिलाओं में कांटेक्ट डर्माटाइटिस की दर बढ़ रही है और प्लास्टिक पदार्थो के सेवन से भी होने वाली एलर्जी से भी हम अछूते नही रहेंगे।

एस एम एस के डॉ. पुनीत अग्रवाल और डॉ. कुलदीप ने भी हाथो पर होने वाली कांटेक्ट डर्माटाइटिस पर प्रकाश डाला। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को मुख्य अतिथि डॉ. एन के माथुर, डॉ. ऋषि भार्गव, डॉ. एस आर शुक्ला, एस एम एस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. यू एस अग्रवाल, डॉ .आर एन दत्ता, डा.ॅ महावीर मेहता,डॉ. असीम सरकार ने उदबोधित किया।

डाक तार विभाग के अधीक्षक ने विरूपण किया और राष्ट्रीय सचिव राजेश पहाडिय़ा ने बताया कि यह आवरण अनेकों संग्रह कर्ताओ तक पहुंचने का अनुमान है जिसमे वातावरण में फैली हुई पार्थेनियम हिस्टेरोफ ोरस नामक पेड़ पौधों से उत्पन्न होने वाली एलर्जी के खतरों को अंकित किया हुआ है।

 

एसोसिएशन के सराहनीय कार्यो के देखते हुए विभाग ने एक विशेष डाक टिकट जारी किया जिस पर जयपुर डेरमोटोलॉजिस्ट एसोसिएशन की मोहर को अंकित किया गया हैं। सम्मेलन के आयोजन सचिव डॉ .राम सिंह मीणा और डॉ. सरोज पुरोहित ने आगंतुको का धन्यवाद ज्ञापित किया और डॉ .दिनेश माथुर ने सफल कांफ्रें स के लिए फैकल्टी और आयोजको, शुभचिंतको का आभार व्यक्त किया।

 

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