Jaipur। राजस्थान(Rajasthan) में तीन सीटों पर होने वाले उपचुनाव (Bye Election) के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने प्रत्याशियों (Candidates) के नामों का ऐलान कर पहली जंग जीत ली है। भाजपा ने सहाड़ा विधानसभा (Sahada assembly) सीट पर पूर्व मंत्री रहे रतन लाल जाट, सुजानगढ़ (Sujangarh) सीट पर खेमाराम मेघवाल और राजसमंद (Rajsamand) विधानसभा सीट पर पूर्व विधायक स्व. किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति माहेश्वरी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। जबकि, कांग्रेस अब तक तीनों सीटों पर नामों का चयन नहीं कर पाई है।
राजसमंद सीट पर भाजपा की दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति माहेश्वरी को भाजपा ने अपने प्रत्याशी बनाया है। दीप्ति उदयपुर में रहती हैं लेकिन स्वर्गीय किरण माहेश्वरी के निधन के बाद से ही वे राजसमंद विधानसभा क्षेत्र में काफी सक्रिय थीं। पार्टी ने भी दिवंगत विधायक के परिवार में दीप्ति को टिकट देकर सहानुभूति कार्ड खेलने की कोशिश की है।
राजसमंद सीट पूर्व में भाजपा के ही कब्जे में थी। सहाड़ा विधानसभा सीट पर भाजपा ने उम्र दराज और अनुभवी रतन लाल जाट पर विश्वास जताया है। रतन लाल जाट पूर्व में भैरों सिंह शेखावत सरकार में मंत्री रह चुके हैं। जाट राजस्थान विधानसभा में पूर्व में दो बार सदस्य भी रह चुके हैं। पार्टी के सर्वे में भी रतन लाल जाट का नाम पहले नंबर पर था। लिहाजा उम्र के मापदंड को दरकिनार करते हुए भाजपा ने अनुभव को तवज्जो देते हुए रतन लाल जाट पर विश्वास जताया है।
वहीं सुजानगढ़ सीट पर भाजपा ने पूर्व विधायक रहे खेमाराम मेघवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है। खेमाराम मेघवाल पार्टी के पुराने नेताओं में शामिल हैं और पूर्व में वे खनिज राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने मेघवाल पर ही भरोसा जताया था, लेकिन वे चुनाव हार गए। अब उपचुनाव में दोबारा पार्टी ने उन पर विश्वास जताया है।
विधानसभा उपचुनाव के लिए आगामी 30 मार्च तक नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख है। सत्रह अप्रैल को तीनों सीटों पर मतदान होगा और 2 मई को इन सीटों पर मतगणना के साथ चुनाव परिणाम घोषित होगा।
राजसमंद विधानसभा सीट पर किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी को टिकट देकर भाजपा ने जहां एक तरफ अपने वोट बैंक राजपूत, जाट, ब्राह्मण, जैन, माहेश्वरी समाज को कब्जे में रखने का काम किया गया है, वहीं दीप्ति के नाम पर पार्टी ने किरण माहेश्वरी के निधन के बाद क्षेत्र के मतदाताओं की संवेदनाएं हासिल करने की कोशिश की है।
सहाड़ा विधानसभा सीट पर भी डॉ. रतनलाल जाट को टिकट देकर पार्टी ने उन पर न केवल विश्वास जताया है, बल्कि यहां के सबसे बड़े वोट बैंक जाट, गुर्जर और भील मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के साथ ही ब्राह्मण वोटर्स में सेंधमारी करने की कोशिश की है। जाट को एक बुद्धिजीवी व्यक्ति के तौर पर जाना जाता है। चूरू जिले की सुजानगढ़ सीट पर भी पार्टी ने हेमाराम मेघवाल को दोबारा उम्मीदवार बनाकर उन पर भरोसा जताया है।
पिछले चुनाव में वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ बनी एंटी इनकम्बेंसी (सत्ता विरोधी लहर) का फायदा उठाते हुए कांग्रेस के प्रत्याशी मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने जीत हासिल की थी। अगर पार्टी इन तीनों सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन करती है तो निश्चित ही प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां का कद बड़ा होगा।
दूसरी तरफ, कांग्रेस तीनों सीटों पर अब तक उम्मीदवार चयन ही उलझी है। कांग्रेस तीनों स्थानों पर नामों का पैनल बना चुकी हैं, लेकिन अब तक किसी एक नाम पर एकराय नहीं बन सकी है। इसी कारण नामांकन का सिलसिला शुरू होने के तीसरे दिन तक कांग्रेस एक भी प्रत्याशी का नाम तय नहीं कर सकी है।
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