जयपुर। राजस्थान में सरकारी स्कूलों की स्थिति क्या है यह किसी से छिपी हुई नहीं है स्कूलों के हाल क्या है यह सब को पता है लेकिन हद तो तब हो गई जब एक सरकारी स्कूल केवल कागजों में चल रहा स्कूल में विद्यार्थी भी कागजों में आ रहे हैं और स्कूल भवन विश्राम स्थल बना हुआ है ऐसा ही चौका देने वाला मामला शिक्षा निदेशालय किस क्षेत्र में देखने को मिला है इसे यूं कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी कि दिया तले अंधेरा ।
जी हां यह वाक्य और घटना है बीकानेर के नोखा स्थित जगराम की गद्दारी रोडा में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय का यह विद्यालय सरकारी कागजों में संचालित है यह विद्यार्थी भी कागजों में पढ़ रहे हैं और शिक्षक भी नियुक्त है लेकिन वास्तव में इस स्कूल को विश्रामस्थली बना रखा है।

इसकी पोल तब खुली जब शिक्षा विभाग और से विद्यालय सम्मेलन एवं राजस्थान शिक्षा में बढ़ते कदम के तहत उसके आकलन और निरीक्षण के लिए इसी सप्ताह निदेशालय द्वारा अधिकारी लगाकर निरीक्षण करवाए गए थे तब इसी कड़ी में सीबीईओ माया बजाड जब निरीक्षण करने स्कूल पहुंची तो वहां का नजारा देखकर चकित रह गई स्कूल में विद्यार्थी और शिक्षक की जगह स्कूल के कक्षा कक्ष में मजदूर ठहरे हुए हैं और सो रहे थे तब ग्रामीणों ने अधिकारियों को बताया कि काफी दिनों से स्कूल में अध्यापक नहीं आता है।

विद्यालय के कमरों में मजदूर ठहरते रहते हैं और विद्यालय के बच्चे स्कूल में आते हैं लेकिन खेल कर वापस अपने घर चले जाते हैं स्कूल में पढ़ाई तक नहीं होती है इधर जब निरीक्षण के लिए अधिकारी पहुंचने की जानकारी विद्यालय की शिक्षिका मोहिनी कुमारी को लगी तो स्कूल पहुंची तब अधिकारों से फटकारते हुए।
विद्यालय रिकॉर्ड एवं परीक्षा संबंधी दस्तावेज मांगे तो शिक्षिका मोहिनी ने अपने बैग से उपस्थिति रजिस्टर सहित अन्य दस्तावेज दिए इस पर टीम में सारे दस्तावेज जप्त कर अपने साथ ले गई और सीबीईओ ने तत्काल शिक्षिका मोनी कुमारी को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के आवेला करने पर और बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने एवं कार्य के प्रति लापरवाही बरतने पर तत्काल नोटिस जारी कर दिया है और उसके खिलाफ आगे की जांच शुरू करती है।