Jaipur news । राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह वर्ष 2008 की भर्ती में नियुक्त प्रबोधकों की वेतन विसंगति का विवाद एक माह में तय करे। इसके लिए अदालत ने याचिकाकर्ताओं को विभाग में अपना अभ्यावेदन पेश करने को कहा है। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश उमा शर्मा व अन्य की याचिका पर दिए।
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति वर्ष 2008 में 11 हजार 170 रुपये के मूल वेतन पर हुई थी। वहीं इसी भर्ती में वर्ष 2012 में नियुक्त हुए दूसरे प्रबोधकों का मूल वेतन विभाग ने 12 हजार नौ सौ रुपये तय किया है। जिसके चलते याचिकाकर्ताओं को करीब तीन हजार रुपये वेतन कम मिल रहा है। याचिका में कहा गया की कई जिलों में इस वेतन विसंगति को दूर किया जा चुका है, लेकिन अब तक याचिकाकर्ताओं की वेतन विसंगति दूर नहीं हुई है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार को एक माह में वेतन विसंगति दूर करने के आदेश दिए हैं।