Tonk News : टोंक जिला मुख्यालय पर मोती बाग में 21 जनवरी मंगलवार से जारी संविधान बचाव देश बचाव सत्याग्रह शनिवार को 12 वे दिन भी नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर, राष्ट्रीय जनसंखिया रजिस्टर, कानून को वापस लेने कि मांग को लेकर जारी रहा।
धरने के 12वें दिन महिला पंडाल फुल भर जाने कई वजह से अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ी, वही पुरूषों की संख्या भी पहले से बहुत कही अधिक रही। ए.पी.सी.आर. के प्रदेश अध्यक्ष के आने की खबर से भी भीड़ अधिक रही। रविवार रात्रि को छात्र युनियन के अध्यक्ष डा. हफीज आज़म बेग ने मोती बाग सत्याग्रह में सम्मिलित होकर सभा को संबोधित करेगे। यह जानकारी मंच का संचालन कर रहे धरना संयोजक सलीमुद्दीन खान ने देते हुए बताया कि मोमबत्ती जलाकर सत्याग्रह स्थल पर अनोखे तरीके का प्रदर्शन किया गया, जिसमे शाहीन बाग का समर्थन, मोती बाग का समर्थन, सीएए, एनआरसी, एनपीआर के विरोध के कई स्लोगन लिखे थे।
मोमबत्ती जलाकर अनोखा विरोध करने वाली छात्राओ में सिदरा, जोदत, मिस्बाह, रामशा, साहिबा, मुन्तहा, अर्हम, और रुकय्या थी उन्होंने कहा कि हम यह सन्देश भारत सरकार तक पहुचाना चाहते है। शुक्रवार रात्रि जयपुर से आए डाक्टर इकबाल सिद्दीकी ने मंच से अपने संबोधन में कहा कि सब एक साथ मिलकर असंवैधानिक कानून का विरोध करे। लोकतंत्र में जनता से बढ़ा कोई नही है। भाजपा के पास हिन्दू, मुस्लिम, पाकिस्तान के आलावा कोई एजेडा नही है। करोड़ो रोजगार देने का वादा कर 2 करोड़ रोजगार ख़त्म कर दिए।
मुख्य वक्ता के रूप में ए.पी.सी.आर. के प्रदेश अध्यक्ष पेकर फारूक ने कहा कि यह कानून सविधान कई मूल भावना के विरूद्ध है शाहीन बाग के समर्थन में अमरीका, यूरोप, जर्मनी, इंग्लेंड, फिरान्स में भी सीएए, एनआरसी, एनपीआर का विरोध हो रहा है, इसलिए इसे वापस लिए जाने मांग करते है। उन्होंने विश्वविद्यालय जामिया में पुलिस बर्बरता का जिक़्र करते हुए कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय में पुलिस बिना परमीशन के पुलिस प्रवेश नही कर सकती बिना इजाजत पुलिस जामिया विश्वविद्यालय घुस कर हिंसा की है वह बहुत गलत है, आरएसएस वालो का देश कई आजादी में कोई योगदान नही है।
इस देश कई आजादी में सबसे बड़ा योगदान हमारे पूर्वजो का रहा है। इस देश में लाल किला, ताज महल, कुतुब मीनार हमारे पूर्वजो कई देन है। उन्होंने आगे कहा कि ईमरजन्सी के जमाने में यह कहा जाता था कि इंद्रा ही भारत है.. भारत ही इंडिया है… जब वो दोर नही रहा तो यह जमाना भी नही रहेगा। पेकर ने आगे कहाकि हमारे देश का जो संविधान है व विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान बाबा साहब का बनाया, यह सविधान हम सबको समानता का अधिकार देता है।
अंतर्राष्ट्रीय शायर डाक्टर जिया टोंकी अपनी बात शायरी के माध्यम से रखी। वक्फ बोर्ड सदर मतीन मिजऱ्ा, ने भी मंच के माध्यम से अपने विचार प्रकट किए। इस असर पर सभा के अध्यक्ष मजहर आलम ने मंच से घोषणा कि वकीलों की यह संस्था निर्दोष लोगो के फोजदारी मुकदमे निशुल्क लड़ेगी। इस अवसर पर विनोद बेरवा, एडवोकेट शाहब अहमद, , डाक्टर असलम जेदी, जाकिर सना, सचिव एपीआरसी टोंक कमरूजमा, मुबीन,खलीकुल्ला बेग, एडवोकेट सरवर, शराफत अली एडवोकेट (सलमान) मुमताज, खलील अहमद आदि मौजूद थे।