Jaipur News/ Dainik reporter : कस्टम विभाग ने राजस्थान लघु उद्योग निगम (राजसिको) की कस्टोडियनशिप में संचालित जोधपुर स्थित इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) से कस्टम विभाग के अफसरों और कर्मचारियों को हटाने का नोटिस थमा दिया है। विभाग ने इस संबंध में एक पब्लिक नोटिस भी जारी किया है। इसमें कहा गया है कि कई पत्र को देने के बाद भी राजसिको ने अक्तूबर से शुरू हुई तिमाही का कास्ट रिकवरी चार्ज जमा कराने को कहा था लेकिन निगम ने पैसे जमा नहीं करवाया।
इसके बाद कस्टम विभाग ने नोटिस जारी कर साफ कह दिया है कि अगर पैसा जमा नहीं करवाया गया तो 25 नवंबर से डिपो में तैनात कस्टम विभाग के अफसर और कर्मचारियों को विड्रा कर लिया जाएगा। समय भी इसलिए दिया गया है ताकि जिन एक्सपोर्टर और इम्पोर्टर का माल डिपो में आने या जाने के अंतिम चरण में है, उन्हें किसी तरह की समस्या नहीं हो। साथ ही एक्सपोर्टर और इम्पोर्टर से भी कहा गया है कि स्टाफ विड्रो होने की स्थिति में वे अपना वैकल्पिक इंतजाम कर लें।
दरअसल इनलैंड कंटेनर डिपो और एयर कारगो पर माल की क्लियरेंस के लिए कस्टम विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी तैनात किए जाते है। चूंकि डिपो या एयर कारगो का कस्टोडियन कोई और होता है, ऐसे में कस्टम स्टाफ के वेतन-भत्ते के भुगतान की जिम्मेदारी संबंधित कस्टोडियन की होती है। इसी भुगतान को कास्ट रिकवरी चार्ज कहा जाता है।
कास्ट रिकवरी को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है। इससे कोनकोर को छूट देने को लेकर मामला कोर्ट तक में पहुंच गया। इस अवधि का करोड़ों रुपए की कास्ट रिकवरी बकाया है। बाद में पुरानी रिकवरी को लंबित मानते हुए इसकी वसूली शुरू कर दी गई। इस के बाद कोनकोर की काठूवास स्थित आईसीडी और जयपुर में निजी क्षेत्र के एयर कारगो से कस्टम विभाग स्टाफ विड्रा कर चुका है।