जोधपुरहजारों क्विंटल गेहूं का गबन मामले में आरोपी है निलंबित निर्मला मीणा
जोधपुर । आठ करोड़ रुपए के पैंतीस हजार क्विंटल गेहूं का गबन करने के मामले में आरोपी निलम्बित आईएएस व तत्कालीन जिला रसद अधिकारी निर्मला मीणा ने बुधवार की दोपहर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) कार्यालय में सरेंडर कर दिया। गरीबों को बांटे जाने वाले राशन के 35 हजार क्विंटल गेहूं को आटा मिलों में बेचकर आठ करोड़ रुपए के घोटाले की मुख्य आरोपी सीनियर आईएएस (निलंबित) निर्मला मीणा हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज होने के साथ ही भूमिगत चल रही है।शनिवार को ही आय से अधिक सम्पति का मामला दर्ज हुआ था
एसीबी ने गत दिनों ही निलम्बित आइएएस निर्मला मीणा व पति पवन मित्तल की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। एसीबी ने निर्मला मीणा के साथ ही उसके पति के खिलाफ 12 मई को आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने की एक और एफआइआर दर्ज की। पुलिस अधीक्षक (एसीबी) अजयपाल लाम्बा ने बताया कि निलम्बित आइएएस व उसके पति के खिलाफ पिछले दस साल में काली कमाई से तेरह सम्पत्तियां अर्जित करने का आरोप है। इन सम्पतियों की अनुमानित कीमत करीब तीन करोड़, सात लाख रुपए आंकी गई है। गेहूं के गबन का मामला दर्ज होने के बाद एसीबी ने जब दोनों के सम्पत्ति संबंधी दस्तावेज खंगालने शुरू किए तब इन दोनों की उन्नीस सम्पत्तियों का खुलासा हुआ था। लेकिन एसीबी ने सिर्फ पिछले दस साल की काली कमाई से अर्जित सम्पत्तियों का ही चयन किया है।
एसीबी को थी जल्द समर्पण की उम्मीद
सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद धराशायी होने के बाद निलम्बित आईएएस मीणा पूरी तरह एसीबी के शिकंजे में थी। मीणा के सामने गिरफ्तारी के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था। हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद से मीणा व उसके पति पवन मित्तल गायब हैं। एसीबी को पवन मित्तल से भी पूछताछ करनी है।
यह है मामला
तत्कालीन डीएसओ निर्मला मीणा पर आरोप है कि लगभग पैंतीस हजार क्विंटल गेहूं गलत तरीके से वितरित किया गया था। एसीबी ने अपनी जांच में पाया था कि तत्कालीन डीएसओ मीणा ने सिर्फ मार्च 2016 में तैंतीस हजार परिवार नये जोड़े और उच्चाधिकारियों को स्वयं की ओर से प्रेषित रिपोर्ट में अंकित कर 35 हजार 20 क्विंटल गेहूं अतिरिक्त मंगवा लिया था। नये परिवारों को ऑनलाइन नहीं किया गया। फिर गायब भी हो गए। मीणा ने आठ करोड़ रुपए का अतिरिक्त गेहूं का आवंटन करवा लिया। ठेकेदार सुरेश उपाध्याय व स्वरूपसिंह राजपुरोहित की आटा मील भिजवा दिया था। करोड़ों रुपए का गबन कर लिया था। जांच के बाद राज्य सरकार ने आईएएस अधिकारी निर्मला मीणा को निलम्बित कर दिया था। बाद में आटा मील मालिक स्वरूपसिंह राजपुरोहित ने भी पूछताछ में कबूल किया था कि उसने 105 ट्रक में दस हजार पांच सौ 500 क्विंटल गेहूं काला बाजार में बेचा है।