ग्रामीणों ने बनेठा थाने के बाहर सडक़ की जाम: गांव के लोगों पर केस दर्ज करने पर की नारेबाजी

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पुलिस कार्यवाही को लेकर लोगों ने थाना के सामने रोड़ जाम करते हुए थाने का किया घेराव,

पुलिस और लोगों के बीच समझाइश का चला दौर,

नाबालिक बच्चों की गिरफ्तारी,पुलिस कार्यवाही तथा परीक्षा वंचित को लेकर व्याप्त था रोष,

काफी समझाईश के बाद लोगों ने हटाया जाम।

उनियारा / अशोक सैनी। के बनेठा थाना क्षेत्र में रॉयल्टी नाका कर्मचारियों एवं दो कांस्टेबलों के साथ सुरेली गांव की बनास नदी क्षैत्र में ग्रामीणों द्वारा मारपीट करने के मामले को लेकर पुलिस तथा ग्रामीण आमने सामने नजर आए। वही लोगों ने सैकड़ों की संख्या में थाना बनेठा के बाहर जाम लगाकर थाने का घेराव किया।पुलिस प्रशासन की कार्यवाही पर भी जमकर रोष प्रकट किया।

इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि बनेठा पुलिस द्वारा बजरी ठेकदारों के साथ मिलकर निर्दोष व्यक्तियों को जबरदस्ती थाने पर लाया गया। इसमें कुछ तो नाबालिक बच्चे थे जिनको भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

वही इससे पहले रविवार को सवेरे बजरी लीज ठेकेदार के कर्मचारियों के साथ पुलिस के 2 जवान ठेकेदार के निजी वाहन में सवार होकर नदी क्षेत्र में गश्त कर रहे थे। इसी दौरान ग्रामीणों ने ठेकेदार के कर्मचारियों एवं पुलिस के 2 जवानों के साथ गंभीर रूप से मारपीट कर ठेकेदार के वाहन में तोड़ फोड़ करने का मामला सामने आया था

। जिस पर थाना बनेठा में दर्जन भर से ज्यादा लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। सोमवार को लोगों को पुलिस गांव से गिरफ्तार कर थाने पर ले आई थी ।

जिनमें कुछ नाबालिक बच्चे भी बताएं जा रहे है।बच्चों को गिरफ्तार करने की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने बनेठा थाने पर जाम लगाते हुए थाने का घेराव किया।इस दौरान ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे किसान नेता विक्रम सिंह गुर्जर ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई गलत रूप से की गई है।

नाबालिक बच्चों को गिरफ्तार करना गलत था। वही थाना बनेठा पर पुलिस के उच्चाधिकारियों ग्रामीणों के बीच लंबी समझाईश बाद ग्रामीणों ने थाने के बाहर से जाम हटाया।लेकिन फिर भी पुलिस तथा उच्चाधिकारियों पर सवालियां निशान उठ गए है।

 बजरी का विरोध कर रहे थे ग्रामीण-

बनेठा थाना क्षेत्र के सुरेली ग्राम से निकलने वाली बनास नदी क्षेत्र में हाल ही में बजरी लीज पर देने का ग्रामीणों विरोध कर रहे थे।

जिस पर ग्रामीणों ने रविवार को ही एक बैठक बुलाकर नदी क्षेत्र से बजरी तथा ईंट भट्टे वालों को मिट्टी नहीं ले जाने का प्रस्ताव लिया था।लेकिन सोमवार को पुलिस कार्यवाही से मामला कुछ अलग ही बन गया।

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