Bhilwara News । वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप सिसोदिया के वशंज तथा शाहपुरा राजघराना के मुखिया राजाधिराज इन्द्रजीत सिंह का आज देवलोक गमन हो गया है ।
राजाधिराज इंद्रजीत देव सिंह जी का संक्षिप्त जीवन परिचय
जन्म – शाहपुरा के राजाधिराज इंद्रजीत देव का जन्म अपने ननिहाल में विक्रम संवत 1991 फाल्गुन शुक्ला, 9 मार्च 1935 शनिवार को हुआ था।इसकी सूचना शाहपुरा पहुंचने पर शाहपुरा में राजाधिराज सुदर्शन देव ने खुशियां मनाई तथा कुल 13 व्यक्तियों को जागीर व इनाम बक्शीश में दिए।
नामकरण संस्कार – राजाधिराज इंद्रजीत देव का 15 जून 1935 को नामकरण संस्कार का मुहूर्त हुआ। महाराज कुमार सुदर्शन देव ने भंवर इंद्रजीत देव के कान में लाभेन्द देव नाम कहा। व्यवहारिक नाम अश्विनी कुमार रखा गया था मगर राजाधिराज उमेद सिंह ने व्यावहारिक नाम इंद्रजीत देव मंजूर फरमाया।
अन्नप्राशन संस्कार – 2 अक्टूबर 1935 बुधवार को संपन्न हुआ था।
शिक्षा – विद्या अध्ययन संस्कार 26 जून 1941 गुरुवार को हुआ। प्राथमिक शिक्षा शाहपुरा में ही प्राप्त कर फिर राजकोट के सीनियर कैंब्रिज परीक्षा पास की विवाह।
विवाह – आपका विवाह 28 फरवरी 1960, विक्रम संवत 2016 फाल्गुन शुक्ला, रविवार को जामनगर निवासी जाडेजा कुंवर माधव सिंह की सुपुत्री राजेश्वरी देवी के साथ हुआ था
शाहपुरा रियासत का ब्यौरा
शाहपुरा राज्य जिसने किसी युद्ध मे हार नहीं मानी।काबुल से लेकर दक्षिणी राज्यो तक युद्ध लड़े, राजा उम्मेद सिंह प्रथम,महापराक्रमी कुंवर अदोत सिंह,राजा भारत सिंह सरीखे वीरो से आबाद रहा राज घराना।
सिसोदिया वंश के राजा सुजान सिंह ने मुगल बादशाह शाहजहां से विक्रम संवत 1986,कार्तिक, कृष्णा 14,ईशा संवत 9 नवंबर 1630, रविवार को फुलिया परगने का पट्टा इनायत पाया और 14 दिसंबर 1631 को शाहपुरा राज्य की स्थापना की।
इतिहास प्रसिद्ध धर्मतपुर का युद्ध, कंधार पर चढ़ाई,शिप्रा का युद्ध मे इस वंश ने वीरता और बलिदान की जग प्रसिद्ध मिशाल पेश की।
राजाधिराज केसीसीआई सर नाहर सिंह जी के निधन के बाद उम्मेद सिंह जी व उनके बाद राजाधिराज सुदर्शन देव जी शाहपुरा राज्य की गद्दी पर बैठे।शाहपुरा में अस्पताल , महाविद्यालय,विधालयो के निर्माण में अपनी भूमि जनता को समर्पित की थी।
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